गर्मी शुरू होते सताने लगा पेट का संक्रमण
वाराणसी (ब्यूरो)। मौसम परिवर्तन और लगन के सीजन ने बनारसियों के लिए पेट की तमाम प्रकार की समस्याएं पैदा कर दी हैं। एक तरफ बदलते मौसम से जहां पेट की कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं शादियों का सीजन होने के कारण लोग जमकर हैवी डाइट का लुत्फ उठा रहे हैं, जिस कारण लोग हास्पिटल का चक्कर लगा रहे हैैं। ऐसे में शहर के जिला अस्पताल से लेकर मंडलीय अस्पताल के अंदर रोजाना सैकड़ों की संख्या में मरीजों का आना-जाना हो रहा है और लोग पेट की किसी ना किसी समस्या से काफी हद तक परेशान हैं.
लूज मोशन और एसिडिटी के केसेज में इजाफाइस दौरान शहर के इन दोनों हास्पिटल में सैकड़ों पेशेंट का आना जाना लगा हुआ है। इनमें ज्यादातर पेशेंट लूज मोशन और एसिडिटी की समस्या से काफी ज्यादा मात्रा में परेशान हो गए हंै। ऐसे में मरीजों के हास्पिटल पहुंचने पर सबसे पहले डाक्टर्स के द्वारा इनका चेकअप करवाया जा रहा है। इसके बाद इन्हें मेडिसीन की डोज दी जा रही है। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें एडमिट करते हुए ग्लूकोज की बाटल भी दी जा रही है.
सेल्फ हाइजीन का रखें खास ख्यालओपीडी की दर पर पहुंचने वाले मरीजों को डाक्टर्स की तरफ से दवा के साथ प्रापर गाइडलाइन दी जा रही है। इसमें डाक्टर्स की तरफ से कहा जा रहा है कि एक तरफ मौसम परिवर्तन हो रहा है जिसके कारण लोगों को ज्यादा मात्रा में भूख और प्यास लग रही है। वहीं लोग अपनी भूख और प्यास को नियंत्रण में करने के लिए अपनी सेल्फ हाईजीन को भूल जा रहे हैं। इस कारण लोगों को तमाम प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पेट की परेशानी का सामना कर रहे लोगों को प्राथमिक तौर पर साफ सफाई के साथ सेल्फ हाईजीन पर ध्यान देना होगा.
मिल्क प्रोडक्ट से कर लें दूरी पेट के रोगियों के लिए डाक्टर्स की सलाह है कि मिल्क के मिलावटी प्रोडक्ट से दूरी बनाएं। जो भी मिल्क के प्रोडक्ट खाएं उसकी स्वच्छता और उत्पादन तिथि का ध्यान रखें। इस बीच डाक्टर्स का कहना है कि इस दौरान पेट की समस्या से परेशान जो भी पेशेंट आ रहे हैं उन्होंने कहीं ना कहीं से मिल्क के प्रोडक्ट का सेवन किया है जिसके कारण उन्हें परेशनाी का सामना करना हो रहा है. हरी और पत्तेदार सब्जियों का करें सेवनपेट की संक्रामक बीमारियों का सामना कर रहे लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर्स का कहना है कि उन्हें इस दौरान अपनी सेहत का विशेष तौर पर ख्याल रखना चाहिए। साथ ही लोगों को हरी और पत्तेदार सब्जियों का भारी मात्रा में सेवन करना चाहिए। लोगों को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल का ही इस्तेमाल करना चाहिए.
एक नजर पेशेंट के आंकड़े पर बीमारी-डीडीयू-मंडलीय कब्ज, एसिडटी-65-80 लूज मोशन-55-65 वोमटिंग-25-30 पेट दर्द-20-35 पेट दर्द संग फीवर-25-30 लोगों को अपने जीवनशैली में स्वच्छता पर खास ध्यान देना होगा। इसके साथ ही बाहर की चीजों और तली-भूनी चीजों को खाने से परहेज करना होगा। पेट की किसी भी समस्या पर घर पर ही ओआरएस का घोल या नींबू, चीनी व पानी का घोल तत्काल रूप से लें. संदीप चौधरी, सीएमओ