Varanasi news: नकल माफिया की कुंडली खंगाल रही एसटीएफ
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में 22 फरवरी से शुरू होने वाले यूपी बोर्ड की परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ही नहीं, बल्कि एसटीएफ ने भी तैयारी की है। इस बार नकलविहीन परीक्षा की जिम्मेदारी एसटीएफ को दी गई है। इसे लेकर एसटीएफ एक्शन मूड में आ गई है। वाराणसी से लेकर बलिया तक माध्यमिक विद्यालयों में सक्रिय नकल माफियाओं की कुंडली खंगाली जा रही है। सर्विलांस के जरिए कॉल डिटेल निकाली जा रही है। इनकी हर गतिविधियों पर एसटीएफ की नजर है। इसमें एलआईयू की मदद भी ली जा रही है। इन नकल माफियाओं का सेंटर वाराणसी है, यहीं से सभी परीक्षा सेंटरों पर नकल की योजना बनाई जाती है। बनारस में जेडी और बोर्ड आफिस है, यहीं से सेंटर अलॉट समेत हर प्रक्रिया सम्पन्न होती है।
तमिलनाडु से आते छात्र
यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान वाराणसी के ग्रामीण इलाकों समेत पूर्वांचल के जिलों में जबर्दस्त नकल होती है। यही वजह है कि बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश जैसे सुदूर प्रदेशों के अलावा पड़ोसी देश नेपाल तक के छात्र-छात्राएं आते हैं, जो परीक्षा सेंटर के आसपास मकानों में किराये पर कमरा लेकर एग्जाम देते हैं। इन छात्रों को शत-प्रतिशत पास कराने का ठेका ये नकल माफिया लेते हैं। इसके लिए छात्रों से मोटी रकम लेते हैं। यह रकम प्रति छात्र 15 से 20 हजार रुपये लिये जाते हैं। इस बार अन्य प्रदेशों से आने वाले छात्र-छात्राओं पर भी एसटीएफ की नजर रहेगी। जिन विद्यालयों में पूर्व में सामूहिक नकल हुई है, अब उन्हें परीक्षा केंद्र भी नहीं बनाया जा रहा है। 44 परीक्षा केंद्रों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी.
पूर्वांचल के जिलों पर नजर
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में नकल कराने वाले माफिया स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर हैं। एसटीएफ का फोकस विशेष रूप से वाराणसी समेत पूर्वांचल के गाजीपुर, बलिया, मऊ, जौनपुर और मिर्जापुर जिले पर है। टीमों को कहा गया है कि नकल माफिया के नेटवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी जुटा कर उन्हें उनके मंसूबे में सफल नहीं होने देना है। हालांकि वर्ष 2018 से ही नकल माफिया के खिलाफ अभियान चलाकर शिकंजा कसना शुरू किया गया है। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा में धांधली कराने और करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए एसटीएफ को जिम्मेदारी सौंपी गई। इसी क्रम में आगामी 22 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के लिए एसटीएफ ने एक बार फिर कमर कस ली है.
एसटीएफ को मिला टास्क
गत पांच वर्ष में सामूहिक नकल कराने के मामले में एसटीएफ और जिला पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों की वर्तमान गतिविधियों की निगरानी करते हुए उनकी गड़बड़ी की आशंका पर प्रभावी कार्रवाई। अवैध वसूली कर सॉल्वरों के माध्यम से बोर्ड परीक्षा पास कराने का ठेका लेने वाले गिरोह पर शिकंजा कसना। मुखबिरों और सर्विलांस के माध्यम से अभिसूचना तंत्र को विकसित करते हुए बोर्ड परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी न होने देना।
44 केंद्रों पर सतर्कता
पूर्व में जिन विद्यालयों में सामूहिक नकल हुई है, अब उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जा रहा है। 44 परीक्षा केंद्रों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। परीक्षा सेंटर बनाए गए सभी स्कूलों में जहां बोर्ड के निर्देश पर सुविधाओं को लेकर सतर्कता बरती जा रही है, वहीं पूर्वांचल के कई जिलों में नकल माफियाओं पर शिकंजा कसने की भी तैयारी है। इसके लिए एसटीएफ की टीम निगरानी कर रही है।
हर तरह की गलत गतिविधियों पर एसटीएफ की नजर रहती है। यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन कराने का लक्ष्य है। इसके लिए नकल माफियायों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इनकी हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
विनोद सिंह, एएसपी, एसटीएफ