स्टाम्प चोरी से लगायी करोड़ों की चपत
वाराणसी (ब्यूरो)। सरकार की लाख सख्ती के बावजूद बनारस में स्टाम्प चोरी का खेल थम नहीं रहा है। जमीन, मकान, दुकान, प्लाट आदि की रजिस्ट्री या किरायेदारी एग्रीमेंट में स्टाम्प चोरी हो रही है। इस खुलासा उप निबंधन एवं पंजीयन कार्यालय की जांच में हुआ। वाराणसी के सभी सर्किल में हर दिन औसतन 160 रजिस्ट्री होती है, लेकिन जांच मुश्किल से 15-20 की हो पाती है। वह सिर्फ बड़े मामलों की होती है, अगर किसी ने शिकायत की है या संदेह होने पर ही संभव होता है। अगर यूपीएसआईटी, वीडीए समेत अन्य विभाग में मौजूद फाइलों को खंगाला जाएगा तो स्टाम्प चोरी का मामला बढ़ सकता है। एआईजी स्टाम्प ने स्टाम्प चोरी मामले में कई लोगों को नोटिस देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।
जमीन-मकान में गड़बड़ीशहर में जमीन, मकान, दुकान, प्लाट आदि की रजिस्ट्री में स्टाम्प चोरी की शिकायत भी आ रही है, लेकिन पहले से कुछ कम है। अक्सर बिल्डरों द्वारा बनाई गई बिल्डिंग का लेआउट तो आवासीय में स्वीकृत है, लेकिन उस जमीन का बैनामा कृषि भूमि दिखाकर कराया गया है, जो स्टाम्प चोरी है। उद्यमियों ने इंडस्ट्रीयल एरिया में भूखंड आवंटन में स्टाम्प शुल्क राजस्व की चोरी की है। अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने बिल्डरों द्वारा स्टाम्प चोरी की शिकायत दर्ज कराई।
नहीं रुक रहा मामला डीआईजी पंजीयन कार्यालय की ओर से स्टाम्प चोरी की आ रही लगातार शिकायतों की जांच होती है। हर दिन एडीएम वित्त की ओर से 15, एआईजी स्टाम्प की ओर से 20 और रजिस्टार द्वारा लगभग 30 पैनामों की जांच की जाती है। जांच के दौरान यह पता किया जाता है कि अभिलेख में दर्ज वस्तुस्थिति और मौके पर स्थिति में कितना अंतर है। लगभग 10 फीसद मामले में भारी अनियमितता सामने आती है। फिर उसी आधार पर नोटिस भेजकर मुकदमा दर्ज कराया जाता है। देना होगा बकाया अधिकारी की मानें तो जमीन, मकान, दुकान, प्लाट आदि की रजिस्ट्री बाजार भाव पर ही करनी चाहिए, रेट लिस्ट यानी डीएम सर्किल रेट पर रजिस्ट्री से फौरी फायदा तो जरूर होगा, लेकिन स्टाम्प बचाना बाद में महंगा पड़ सकता है। स्टाम्प ड्यूटी कम देना स्टाम्प चोरी माना जाता है। कम स्टाम्प की शिकायत पर आपको कानूनी पचड़ा झेलना पड़ेगा। सिद्ध हुआ तो समूची बकाया स्टाम्प ड्यूटी भी सरकार को अदा करनी पड़ेगी.जमीन, मकान, दुकान, प्लाट आदि की रजिस्ट्री या किरायेदारी एग्रीमेंट में स्टाम्प चोरी का मामला पहले कम है। हालांकि शिकायतें लगातार आ रही हैं। जिसे लेकर विभाग गंभीर है। अभी कुछ स्टाम्प चोरी पकड़ी गई तो मुकदमा दर्ज कराया गया। किसी भी कीमत पर स्टाम्प चोरों को बख्शा नहीं जाएगा.
सुरेश त्रिपाठी, एआईजी स्टाम्प