वीसी के कार्यकाल बढ़ने की संभावना
-फरवरी में खत्म हो रहा विद्यापीठ व संस्कृत यूनिवर्सिटी के वीसी का कार्यकाल
-अब तक नहीं हो सकी सर्च कमेटी की बैठक, चर्चाओं का दौर शुरू -कई टीचर्स आरएसएस नेताओं के संपर्क में VARANASI महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग व संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। यदुनाथ दुबे का कार्यकाल तीन महीने से छह महीने बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। प्रो। दुबे का कार्यकाल एक फरवरी को व डॉ। नाग का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त हो रहा है। बावजूद दोनों यूनिवर्सिटीज ने नए वीसी की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी की मीटिंग अब तक नहीं हो सकी है। ऐसे में दोनों यूनिवर्सिटीज के वीसी के कार्यकाल बढ़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। अब तह नहीं हुई मीटिंगस्टेट यूनिवर्सिटीज में वीसीज की नियुक्ति सर्च कमेटी के माध्यम से होती है। राज्यपाल/कुलाधिपति इस कमेटी के चेयरमैन होते हैं। इसके अलावा कार्य परिषद से नामित एक सदस्य व उच्च न्यायालय के एक जज समिति के सदस्य होते हैं। इस क्रम में काशी विद्यापीठ की कार्य परिषद ने इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ। के राधाकृष्णन को सर्च कमेटी का सदस्य नामित किया है। वहीं संस्कृत विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ (तिरूपति) के वीसी प्रो। वी मुरलीधर शर्मा को सर्च कमेटी का सदस्य नामित किया गया।
कई के नाम चर्चा में दोनों यूनिवर्सिटीज में सर्च कमेटी के मेंबर नामित होते ही नए वीसी की दौड़ में तमाम अध्यापकों का नाम चर्चा में आ गया है। इसमें बीएचयू, काशी विद्यापीठ व संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यापकों का नाम भी शामिल हैं। चर्चा में यूपी के बाहर के दो पूर्व कुलपतियों का नाम भी शामिल हैं। बहरहाल दोनों विश्वविद्यालय में वीसी बनने के लिए कई अध्यापक भी पैरवी कर रहे हैं। इनमें से आधा दर्जन अध्यापक ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभिन्न नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं। बहरहाल जनवरी के अंतिम सप्ताह में सर्च कमेटी की बैठक होने की संभावना जताई जा रही है।