भारतीय खेल प्राधिकरण बनारस में बनाने जा रहा पूर्वांचल का पहला महिला अखाड़ा अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच की होगी नियुक्ति 30 लड़कियों का हो चुका है चयन

वाराणसी (ब्यूरो)एक दौर था जब पहलवानी या अखाड़ा शब्द लड़कियों के लिए किसी टैबू से कम नहीं था, लेकिन बदलते दौर और महिला कुश्ती खिलाडिय़ों की तरफ से बनाए गए बड़े-बड़े रिकार्ड के चलते यह मिथ्या भी टूट गई। अब बनारस में भी दंगल गर्ल ने अपने दांव पेच को आजमाने के लिए अखाड़ों का रूख कर लिया है। अखाड़ों में इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। आने वाले दिनों इन दंगल गर्ल के उत्साह को पंख लगने वाले है। अब तक जो खिलाड़ी पुरुष अखाड़े में जाने से कतराती थी, उन्हें इससे राहत मिलने जा रही है। शासन की ओर से बनारस की दंगल गर्ल के लिए अलग यानि महिला अखाड़ा बनने जा रहा है। यह बनारस ही नहीं पूरे पूर्वांचल का पहला महिला अखाड़ा होगा। इससे आने वाले दिनों में यहां और भी ज्यादा एक से बढ़कर एक महिला कुश्ती पहलवानों की पौध तैयार होगी.

राष्ट्रीय स्तर की पहलवान है बनारस में

2016 में आमिर खान की आई फिल्म दंगल को आप सभी ने देखा होगा। इस फिल्म में दंगल गर्ल के नाम से फेमस गांव से आई गीता और बबीता जैसी तमाम गीता-बबीता बनारस में भी अपनी पहलवानी का लोहा मनवाती आ रही हैं। यहां स्टेट से लेकर नेशनल लेवल के महिला पहलवानों की बड़ी फौज है। नेशनल प्लेयर पूनम यादव, कशिश यादव जैसी खिलाडिय़ों ने अपनी पहलवानी से न सिर्फ बनारस बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। यहां महिला पहलवानों की बढ़ती संख्या और उनकी रूचि को देखते हुए भारतीय खेल प्राधिकरण ने यहां महिला कुश्ती अखाड़ा बनाने का फैसला लिया है। इसे परमानंदपुर के विकास ग्रामीण खेल स्कूल में बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन उपलब्ध करा दी गई है। जल्द ही काम भी शुरू हो जाएगा.

बेहद हाईटेक होगा यह अखाड़ा

इस अखाड़े में न सिर्फ बनारस सिटी की बल्कि आसपास और पूर्वांचल के अन्य जिलों की महिला पहलवानों को दांव पेंच सीखने का मौका मिलेगा। खास बात ये भी है कि यह पुरुष अखाड़े से काफी हाईटेक होगा। लार्ज स्केल में बिछे सबसे बेहतरीन मैट के साथ इस अखाड़े में महिला खिलाडिय़ों के रहने के लिए हॉस्टल के साथ ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर के अलावा सुबह-शाम ट्रेनिंग भी दी जाएगी। वहीं इसमें स्मार्ट जिम की भी सुविधा रहेगी, ताकि वे हेल्थ पर भी फोकस कर सकें। अगर किसी खिलाड़ी को फिजिकली कोई प्रॉब्लम आती है तो उसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट भी उपलब्ध रहेंगे। इस अखाड़े में खिलाडिय़ों का सेलेक्शन शुरू हो गया है। अब तक 30 महिला पहलवानों का सेलेक्शन हो चुका है। अखाड़ा तैयार होते इनकी ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी.

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी सहमति

विकास इंटर कॉलेज के ओनर व कुश्ती प्रेमी डॉ। एके सिंह के प्रयास से यह अखाड़ा मूर्त रूप लेने जा रहा है। इन्होंने महिला पहलवानों के लिए अगल अखाड़ा बनवाने के लिए काफी प्रयास किया है। प्रदेश सरकार से लेकर केंद्र तक इन्होंने पत्राचार भी किया था। केंद्र में युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने के बाद एके सिंह का प्रयास सफल हुआ और यहां अखाड़ा बनाने का रास्ता साफ हो गया। इसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण के अफसरों ने यहां के विकास ग्रामीण खेल स्कूल में इसे स्टेबलिस करने पर अपनी सहमती दी, जिसके बाद कार्य की शुरुआत की गई है.

मेरा कुश्ती से बेहद लगाव रहा है। बनारस में धुरंधर महिला पहलवानों की कोई कमी नहीं है। कमी थी तो बस उनके लिए अलग अखाड़े की, जिसके लिए मैंने काफी प्रयास किया और सफलता मिल गई। जल्द ही यहां यह अखाड़ा मूर्त रूप लेगा। इसके बाद यहां और भी बेहतरीन महिला पहलवानों की पौध तैयार होगी.

डॉएके सिंह, कुश्ती प्रेमी

कुश्ती एक पारंपरिक खेल है। इसके लिए संसाधन की ज्यादा जरूरत है। अगर यह मिल जाए तो यहां बेहतरीन महिला पहलवानों की अच्छी पौध तैयार होगी। पुरुष अखाड़े में महिला पहलवान अनकंफरटेबल महसूस करती हैं। इनके लिए अलग अखाड़ा तैयार होने से इन्हें काफी सहूलियत मिलेगी.

नीलू मिश्रा, इंटरनेशनल एथलीट

Posted By: Inextlive