Varanasi news: बनारस में बढ़ा तमिल का ताना-बाना
वाराणसी (ब्यूरो)। यूं तो काशी से तमिल का बहुत पुराना रिश्ता है, लेकिन जबसे तमिल संगमम हुआ है तबसे लोगों का जुड़ाव काशी से अधिक हो गया है। दो सालों में करीब 3 हजार तमिल भाषी लोगों ने अपना मूल निवास काशी में बना लिया। इनकी संख्या बढ़कर अब 5 हजार के आसपास पहुंच गई है। यही नहीं तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग भी बाबा के शहर में ही रहकर उनकी भक्ति करना चाहते हैं। यही वजह है कि तमिल के साथ आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के आश्रम और मठ की संख्या 50 के आसपास पहुंच गई है, वहीं तमिल भाषी लोगों के लिए घाट किनारे 50 से अधिक आश्रम और मठ बन गए। यह सब तमिल संगमम की देन है.
15 हजार लोग आएंगे
कांची शंकराचार्य मठ के प्रबंधक एवं प्रतिनिधि काशी तमिल संघ के सचिव वीएस सुब्रमण्यम मणि का कहना है कि 17 दिसंबर को होने वाले तमिल संगमम में इस बार 15 हजार से अधिक लोग काशी आने वाले हैं। लेकिन, वहां पर साइक्लोन का प्रकोप होने के कारण कई लोगों की ट्रेनें और फ्लाइट कैंसिल हो गई है। फिर भी दो से ढाई सौ की संख्या में लोगों को प्रतिदिन बुलाया जा रहा है.
भाने लगा है काशी
तमिल भाषी की नयी पीढ़ी को काशी भाने लगा है। यहां के घाट मंदिर ही नहीं खान-पान के भी दीवाने हो चुके हैं। यहां खाने-पीने के मैटेरियल को तमिल भेजा जा रहा और तमिल के व्यंजन की सामग्री यहां मंगाया जा रही है। एक नया बिजनेस डेवलप हो गया है। कारोबार भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
बनारसी साड़ी का बड़ा कारोबार
बनारस से सबसे अधिक बनारसी साड़ी तमिलनाडु, आंध्र और तेलंगाना में भेजी जाती है। पहले भी साडिय़ां जाती थी लेकिन इतना अधिक नहीं जितना अब साड़ी का कारोबार हो रहा है। अब हर महीने करोड़ों रुपए की साड़ी का कारोबार बनारस से होता है। ऐसा कहना है कि तमिल से जुड़े लोगों का.
घाट किनारे बन गए आश्रम, मठ
पांच साल पहले घाट किनारे बहुत कम तमिल के मठ और आश्रम दिखते थे। लेकिन, धीरे-धीरे काशी से तमिल का जुड़ाव बढऩे लगा तो यहां इनकी संख्या बढऩे लगी। घाट किनारे 50 से अधिक तमिल भाषी के रुकने के लिए मठ और आश्रम बन गए हंै। सीजन में जब भी तमिलनाडु से लोग आते हैं तो वहीं पर रुकते हैं.
काशी में तमिल, आंध्र प्रदेश और तेलुगु का रिश्ता बहुत ही पुराना है। इधर बीच यह रिश्ता और अधिक बढ़ गया है। काशी में मठ और आश्रम की संख्या बढ़ गई है.
वीवी सुंदर शास्त्री, मैनेजिंग ट्रस्टी आंध्रा आश्रम
15 दिसंबर से फिर से तमिल संगमम शुरू हो रहा है। साउथ से 15 हजार से अधिक लोगों की टीम काशी आएगी.
वीएस सुब्रमण्यम मणि, कांची शंकराचार्य मठ के प्रबंधक एवं प्रतिनिधि काशी तमिल संघ के सचिव