Varanasi news: क्या नामांकन की प्रक्रिया जटिल है?
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में एक जून को होने वाली वोटिंग के लिए 7 मई से नामांकन प्रक्रिया चल रही है। दो दिन छुट्टी के बाद सोमवार को फिर से राइफल क्लब में निर्वाचन प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर 3 बजे तक पांचवें दिन की प्रक्रिया भी समाप्त हो गई। अब तक कुल 14 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है, जबकि चालान और फार्म लेने वालों की संख्या लगभग सौ से अधिक है। इनमें से अधिकतर लोगों ने सुबह से ही लाइन में लगकर नामांकन करने का प्रयास किया है, लेकिन सफलता नहीं मिली, जिसमें कॉमेडियन श्याम रंगीला भी शामिल है। नामांकन स्थल से बाहर आते ही मीडिया से बातचीत में रंगीला ने जिला निर्वाचन कार्यालय वाराणसी पर कई गंभीर आरोप लगाए। साथ ही एक्स पर ट्विट किया कि आज लोकतंत्र का गला घुटते अपनी आंखों से देखा है, मैं नेता नहीं कॉमेडियन हूं, फिर भी नामांकन दाखिल करने निकला। सोचा, जो होगा देखा जाएगा, लेकिन ये जो हो रहा है ना तो सोचा था ना देखा जा रहा है। प्रस्तावक भी थे। फॉर्म भी भरा हुआ था। बस कोई लेने को तैयार नहीं था। कल यानी मंगलवार को फिर कोशिश करेंगे। इससे पहले भी रंगीला नामांकन प्रक्रिया की जटिलता को एक्स पर सार्वजनिक कर चुके हैं। रंगीला ही नहीं, अब तक नामांकन नहीं कर पाने वाले हर शख्स ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर उन्हें रोका जा रहा है। इन आरोपों के बीच एक सवाल जरूर उठता है कि क्या वाराणसी में नामांकन की प्रक्रिया वाकई जटिल है
यह है नामांकन प्रक्रिया
नामांकन आदि की कार्यवाही 11 बजे पूर्वाह्न से 3 बजे अपराह्न तक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न होती। कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन स्थल के पास बैरिकेडिंग, चौराहों पर बैरियर आदि सुरक्षा के सभी इंतजाम हैं। नामांकन अवधि के समय स्थल से 100 मीटर की परिधि में आम वाहन नहीं जाते। प्रत्याशी और प्रस्तावक समेत 5 लोगों को नामांकन स्थल तक जाने की अनुमति है।
आयोग को देनी होती है जानकारी
पर्चा भरने के लिए उम्मीदवार जिला निर्वाचन अधिकारी के ऑफिस पहुंचते हैं। इसके बाद भरा हुआ नामांकन फॉर्म जमा करते हैं। नॉमिनेशन फॉर्म के साथ जमानत राशि भी जमा की जाती है, जो पहले से तय होती है। इसके साथ ही उम्मीदवार को एक शपथ पत्र भी जमा करना होता है। हलफनामे में उम्मीदवार को आय-व्यय के ब्यौरा समेत दूसरी जरूरी जानकारी भी देनी होती है। नॉमिनेशन फॉर्म के साथ उम्मीदवार को पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास, जाति प्रमाण पत्र भी देना होता है। उम्मीदवार को हलफनामे में अपनी और पत्नी के साथ आश्रित बच्चों का भी आय, व्यय और ऋण का विवरण देना होता है। अगर उम्मीदवार पर कोई आपराधिक मामला है तो उसकी भी जानकारी आयोग को देनी होती है.
प्रशासन का रवैया ठीक नहीं
वाराणसी में नामांकन करने के लिए कई दिन से प्रयास कर रहा हूं, लेकिन फार्म नहीं दिया जा रहा है। सोमवार को भी लाइन में करीब चार घंटे से खड़ा था और अंदर जाने नहीं दिया गया। धूप और गर्मी में खड़ा होने से पूरी तरह से थक गया हूं। प्रशासन का रवैया भी ठीक नहीं है। उसकी मंशा है कि हम चुनाव नहीं लड़े। मोबाइल फोन ले लिए गए हैं। दोपहर तीन बजे के बाद बाहर कर दिया जाता है.
सतेंद्र कुमार, प्रतापगढ़
जवाब ही नहीं दे रहे
सात मई से लगातार कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन स्थल पर आ रहा हूं, लेकिन काफी प्रयास के बावजूद अंदर जाने नहीं दिया जा रहा। नामांकन स्थल के बाहर खड़े लोग बार-बार बाहर निकाल दे रहे हैं। फॉर्म के बारे में पूछने पर कोई जवाब भी नहीं दे रहे हैं। दिनभर लाइन में खड़े होने और धूप के कारण हालत खराब हो गई है। एक दिन बचा है, देखते हैं सफल होंगे कि नहीं.
श्याम मूर्ति यादव, प्रयागराज
हमारे साथ नाइंसाफी हो रही
पिछले चार दिन से राइफल क्लब पहुंच रहा हूं। लाइन में खड़ा कर दिया जाता है। नंबर आने का इंतजार करते-करते समय खत्म हो जाता है। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से बार-बार पूछता भी हंू, लेकिन कोई फायदा नहीं। जबकि मैंने ऑनलाइन फॉर्म भरा था। चालान भी जमा कर दिया है, लेकिन नामांकन फार्म नहीं मिला। निर्वाचन अधिकारी की मंशा ठीक नहीं है। बावजूद इतनी जल्दी नहीं हटेंगे। हड़ताल करेंगे। हमारे साथ नाइंसाफी हो रही है। दिल्ली से आकर मैं परेशान हो रहा हूं.
रप्रीत सिंह सैनी, दिल्ली
मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा पत्र
पीडीएम कैंडिडेट गंगा प्रकाश यादव ने कहा, नामांकन पत्र में कुछ त्रुटि को दुरुस्त करने के लिए निर्वाचन आयोग से मुझे नोटिस मिला है। इस संबंध में दो दिन पूर्व निर्वाचन कार्यालय पहुंचा तो मुझसे दस्तावेज नहीं लिया गया। मेरा पूरा समय इसी में उलझकर बीत गया। मेरे अलावा अन्य प्रत्याशियों को भी इसी तरह की नोटिस गयी। जिला निर्वाचन अधिकारी के इस रवैये को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिख गया है।
एक नजर में नामांकन
डेट ---- पर्चा दाखिल ---- नामांकन पत्र लिए
7 मई --- 2 ---------- 12
8 मई --- 2 ---------- 3
9 मई -- 00 ---------- 1
10 मई - 4 ----------- 5
13 मई -- 6 ---------- 00
मुख्य चुनाव आयुक्त के दिशा-निर्देश के तहत ही निर्वाचन प्रक्रिया चल रही है। राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी और निर्दल प्रत्याशी के लिए अलग-अलग नियम हैं। निर्दल प्रत्याशी को दस प्रस्तावकों के साथ नामांकन पत्र भरना होगा। प्रस्तावकों के साथ कागजात भी जरूरी होते हैं। इस तरह के गलत आरोप जान-बूझकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने जैसा है.
विपिन कुमार, उप जिला निर्वाचन अधिकारी