12 सदस्यों में से 6 का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा 15 से 20 जून के बीच बैठक बुलाने पर विचार अगली कार्यकारिणी की बैठक में लाटरी से किया जाएगा चयन कार्यकारिणी में रिक्त होने वाले पदों के लिए पार्षदों ने पैरवी शुरू की


वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम कार्यकारिणी से छह सदस्य बाहर होंगे। क्योंकि इन लोगों का एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। अब दूसरे लोगोंं को कार्यकारिणी सदस्य बनने का मौका मिलेगा। हालांकि 12 में से छह कौन सदस्य बाहर होंगे, इसका फैसला लाटरी से किया जाएगा। इसमें सदन के उपसभापति भी बाहर हो सकते हैं। निगम कार्यकारिणी की बैठक 15 से 20 जून के बीच बुलाने पर विचार किया जा रहा है.

12 वर्षों के लिए चुनाव

नगर निगम अधिनियम के अनुसार कार्यकारिणी के छह सदस्यों का चुनाव दो वर्षों के लिए होता है। पहली बार 12 सदस्यों में से छह का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। एक वर्ष बाद लाटरी से छह सदस्यों को हटाया जाता है। शेष छह सदस्य दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करते हैं। हटाए गए छह सदस्यों की जगह भरने के लिए फिर चुनाव कराया जाता है.

पिछले साल 16 जून को हुई थी बैठक

सदन की पहली बैठक 16 जून 2023 को बुलाई गई थी। इसमें सर्वसम्मति से कार्यकारिणी के सभी 12 सदस्यों को निर्विरोध चुना गया था। इसमें भाजपा के नौ पार्षद, कांग्रेस से एक व सपा से दो सदस्य थे.

अगली बैठक पर नजर

फिलहाल सदस्यों की निगाहें अगली कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी हैं। कार्यकारिणी में रिक्त होने वाले पदों के लिए पार्षदों ने पैरवी शुरू कर दी है। भाजपा वरिष्ठता व संगठन के सक्रिय पार्षदों को कार्यकारिणी में मौके देने पर विचार कर रही है। इसमें दशाश्वमेध वार्ड के पार्षद नरङ्क्षसह दास, शिवाला के पार्षद राजेश यादव चल्लू पहली पंक्ति में हैं.

ऐसे होती है लाटरी

महापौर की अध्यक्षता में एक डिब्बे में सभी 12 सदस्यों के नामों की पर्ची डाली जाती है। एक-एक कर छह पर्ची निकाली जाती है, जिसके नाम की पर्ची निकलती है उसे कार्यकारिणी से स वानिवृत्त कर दिया जाता है। बाकी बचे छह सदस्य दो साल का कार्यकाल पूरा करते हैं। सेवानिवृत्त होने वाले छह सदस्यों की जगह को भरने के लिए सदन में फिर चुनाव कराया जाता है।

कार्यकारिणी की अहम भूमिका

निगम में कार्यकारिणी की भूमिका अहम मानी जाती है। कोई भी प्रस्ताव कार्यकारिणी से पास होने के बाद ही सदन में रखा जाता है। जमीन और मकान आवंटन से जुड़े सभी मामलों पर कार्यकारिणी की मंजूरी जरूरी होती है। गृहकर में छूट के साथ समय बढ़ाने का प्रस्ताव भी कार्यकारिणी में लाना जरूरी होता है। इसी प्रकार सड़क, चौराहे के नामकरण का प्रस्ताव भी नगर निगम कार्यकारिणी पास करती है। भ्रष्टाचार और अनियमितता के अन्य मामलों पर कार्रवाई की संस्तुति, समिति बनाने का अधिकार कार्यकारिणी को है। पार्षदों का कोटा बढ़ाने, कोटा की किस्त जारी करने का प्रस्ताव भी कार्यकारिणी ही पास करती है.

कार्यकारिणी के 12 सदस्य

भारतीय जनता पार्टी : वार्ड नं। 16 (सरसौली) की कुसुम, वार्ड नं। 18 (नई बस्ती) के राजेश, वार्ड नं। 25 (दुर्गाकुंड) अक्षयवर ङ्क्षसह, वार्ड नं। 26 (नेवादा) गरिमा ङ्क्षसह, वार्ड नं। 39 (सुसुवाही) सुरेश कुमार, वार्ड नंबर 53 (सिगरा) के ङ्क्षसधु लाल, वार्ड नं। 58 (खजुरी) के मदनमोहन दुबे, वार्ड नं। 71 (बजरडीहा) के श्याम आसरे मौर्य व वार्ड नं। 81 (कृतिवाशेश्वर) के सुरेश कुमार चौरसिया.

समाजवादी पार्टी : वार्ड नं। 85 (धूपचंडी) के प्रमोद कुमार राय व वार्ड नं। 92 (लल्लापुरा कला) के हारून अंसारी.

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : वार्ड नं। 64 (लल्लापुरा खुर्द) के ङ्क्षप्रस कुमार राय खगोलन.

Posted By: Inextlive