Varanasi news: लॉस में लग्जूरियस वंदेभारत, बिजली पर ही तगड़ा व्यय
वाराणसी (ब्यूरो)। सेमी हाईस्पीड ट्रेन 'वंदे भारतÓ एक्सप्रेस रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। हाईटेक सुविधाओं से लैस इस ट्रेन को पर्याप्त पैसेंजर नहीं मिल रहे। जबकि तुलनात्मक रूप से बनारस से चलने वाली शिवगंगा, काशी विश्वनाथ एक्स। और महामना में वेटिंग है। वंदेभारत की आय और व्यय को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने एनालिसिस किया तो कई फैक्ट सामने आए। हफ्ते में 6 दिन दोपहर 3 बजे वाराणसी से दिल्ली जाने वाली वंदेभारत (22475) में 96,850 रुपए की बिजली डेली खर्च हो रही है। मेंटेनेंस खर्च अलग है और खाली सीटों की चलते मिनिमम 5.46 लाख का राजस्व कम मिला। यह एक दिन का नुकसान है। रेलवे अधिकारियों ने माना कि कम फेयर के चलते पैसेंजर शिवगंगा एक्सप्रेस को प्रिफर करते हैं।
शिवगंगा में 5 मई तक कोई टिकट नहीं
बता दें, शिवगंगा एक्सप्रेस वाराणसी की सबसे ज्यादा डिमांडिंग ट्रेन है। इसका पता इसकी लंबी वेटिंग लिस्ट से लगाया जा सकता है। 5 मई तक शिवगंगा एक्सप्रेस में कोई भी टिकट उपलब्ध नहीं है। रेलवे अफसरों के अनुसार गुरुवार की ट्रेन में 132 वेटिंग (स्लीपर, 3एसी, 2एसी और फस्र्ट एसी को मिलाकर) है। वहीं, गुरुवार को सुबह जाने वाली वंदेभारत (22415) में 365 टिकट उपलब्ध हैं। इससे पता लगाया जा सकता है कि लोगों को वंदेभारत से ज्यादा शिवगंगा में सफर करना ज्यादा बेहतर लग रहा है।
इसलिए रास नहीं आ रही वंदेभारत
- वंदेभारत का टिकट महंगा है। हालांकि, समय की बचत होती है.
- पैसेंजर्स को 7 घंंटे तक बैठना पड़ता है। शिवगंगा में यात्री आराम से लेटकर अपने सफर को पूरा करते हैं।
दिल्ली जाने में लगी 14,900 यूनिट बिजली
वाराणसी से दिल्ली की दूरी 771 किलोमीटर है। वंदेभारत ट्रेन में पर किलोमीटर 20 यूनिट बिजली खर्च होती है। यानी दिल्ली तक जाने में वंदेभारत ट्रेन 14 हजार 900 यूनिट बिजली खर्च कर देती है, जिसका खर्च लगभग 96,850 रुपए है.
घाटे की यह भी वजह
रेलवे सूत्रों के अनुसार, वंदे भारत पर ज्यादा खर्च होने का कारण उसके रैक में लगाए गए मल्टीपल लोकोमोटिव हैं। इनकी वजह से ट्रेन ज्यादा बिजली लेती है। वहीं, अन्य ट्रेनों में एक-एक लोकोमोटिव रहता है, जिससे बिजली खर्च काफी कम है। वंदेभारत में ऑनबोर्ड वाई-फाई इंफोटेनमेंट, जीपीएस आधारित पैसेंजर्स इनफॉरमेशन लिस्ट, आलीशान इंटीरियर, टच फ्री सुविधाओं के साथ बायो-वैक्यूम टॉयलट, एलईडी लाइटिंंग भी घाटे के कारण में शामिल हैं.
वंदेभारत (22435) ट्रेन में खाली सीटें
दिन-सीट-भरी सीट-खाली सीट
5 अप्रैल-1128-771-357
6 अप्रैल-1128-705-423
7 अप्रैल-1128-580-548
8 अप्रैल-1128-816-312
9 अप्रैल-1128-813-315
इन तीन प्वाइंट्स से समझिए वंदेभारत व शिवगंगा ट्रेन में अंतर
1. एक्सपेंसिव है वंदेभारत में सफर
वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंंदेभारत ट्रेन प्रयागराज और कानपुर में स्टॉपेज लेते होते हुए नई दिल्ली पहुंचती है। वंदेभारत की चेयरकार का किराया 1795 रुपए और एग्जीक्यूटिव एसी चेयरकार का किराया 3320 रुपये है। 16 कोच वाली इस ट्रेन में दो कोच एग्जीक्यूटिव कार और अन्य चेयरकार हंै.
2-शिवगंगा में किराया सस्ता
वहीं बनारस स्टेशन से नई दिल्ली स्टेशन की ओर जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस की फस्र्ट एसी का किराया 2695 है व सेकेंड एसी का किराया 1605 और थर्ड एसी का किराया 1140 रुपये है। यही नहीं पैसेंजर स्लीपर से 430 रुपये में वाराणसी से नई दिल्ली पहुंच सकता है। यात्री सबसे ज्यादा थर्ड एसी और स्लीपर कोच में सफर करते हैं.
3-सिर्फ तीन घंटे का अंतर
वंदेभारत ट्रेन से सस्ती और कुछ घंटे का अंतर होने के कारण लोग शिवगंगा एक्सप्रेस में सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं। जहां वंदेभारत ट्रेन 7 घंटे में वाराणसी से नई दिल्ली पहुंचाती है। वहीं शिवगंगा एक्सप्रेस से दिल्ली का सफर 10 घंटे में पूरा होता है.
वंदेभारत ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या अभी कम है। लोग वंदेभारत से ज्यादा शिवगंगा एक्सप्रेस में टिकट करा रहे हैं.
गौरव दीक्षित, डायरेक्टर, कैंट रेलवे स्टेशन
वंदेभारत ट्रेन में सुविधाएं ज्यादा हैं पर वह महंगी भी उतनी ही है। इसलिए आम आदमी के जेब में वह फिट नहीं बैठ रही है.
संतोष प्रताप, टूर ट्रैवल संचालक
ज्यादातर लोग शिवगंगा में टिकट कराने के लिए आते हैैं। क्योंकि बजट फ्रेंडली के साथ-साथ इसमें यात्री लेटकर अपनी यात्रा कर सकता है.
अभिषेक सिंह, टूर ट्रैवल संचालक