सावन की भीड़ ने टूरिस्ट का बदला मूड
वाराणसी (ब्यूरो)। देवों के देव महादेव की नगरी काशी घूमने के लिए पर्यटकों का उत्साह कम नहीं हो रहा है। दो साल पहले बाबा विश्वनाथ धाम बनने के बाद से यहां लगातार आने वाले पर्यटकों की संख्या ने जो रफ्तार पकड़ी है, वो अभी भी जारी है। हालांकि बीते कुछ माह से पड़ रही भीषण गर्मी के कारण पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली है। साल की शुरुआत में जहां 53 लाख से ज्यादा पर्यटक बनारस घूमने पहुंचे थे, वहीं मई तक यह आंकड़ा घटकर 32 लाख के करीब पहुंच गया। जुलाई में जब पर्यटकों के आने का सीजन शुरू हुआ तो अब सावन ने इनका मूड बदल दिया है। कांवरियों और बाबा धाम में शिव भक्तों की भीड़ को देखते हुए आगरा, मसूरी घूमकर बनारस आने वाले पर्यटक फिलहाल यहां आना एवाइड कर रहे हैं.
भीड़ से बचने के लिए बदल रहे प्लानबता दें कि इस बार सावन दो माह का है। जिसके चलते बाबा का दर्शन करने के लिए यहां लगातार दो माह तक कांवरियों और बाबा के भक्तों की अपार भीड़ होने की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसे में देश-विदेश और अलग-अलग प्रदेशों से बनारस आने का प्लान करने वाले पर्यटक पहले सावन माह में विश्वनाथ धाम में होने वाली भीड़ की जानकारी ले रहे हैं। जब उन्हें यहां होने वाली अपार भीड़ की जानकारी हो रही है तो वे प्लान चेंज कर रहे हैं। भीड़ से बचने के लिए ये पर्यटक फिलहाल यहां आने के बजाय आस-पास के पर्यटन स्थल या शिमला-मसूरी जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
जो सावन को जानते है, उन्हें पता है कब घूमना है टूरिज्म एक्सपर्ट की मानें तो विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले दिनों तो ऐसी हालत हो गई थी कि लोगों को रहने के लिए होटल तक नहीं मिल रहे थे। ऐसे उस दौर को देखकर जो लोग गए हैं, वे समझ चुके हैं कि बनारस में कब आना और कब नहीं। वैसे भी ज्यादातर लोगों को यह पता है कि सावन में बनारस कांवरियों की भीड़ से बमबम रहता है। यही वजह है कि जो लोग घूमने की नीयत से बनारस आते हैं वे फिलहाल सावन में आना एवाइड कर रहे हैं, लेकिन जिन्हें बाबा दरबार में आना है वे हर हाल में आएंगे. नहीं बढ़ रहे विदेशी पर्यटककोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या जो घटी, अभी तक बढ़ नहीं पाई है। जहां देशी पर्यटकों की संख्या में साल दर साल इजाफा हो रहा है, वहीं यहां आने वाले फॉरेनर्स की संख्या न के बराबर है। सीधे तौर पर कहें तो जहां 6 माह में तीन करोड़ इंडियन पर्यटक बनारस घूमने पहुंचे, वहीं 6 माह में सिर्फ 36 हजार फॉरेनर पहुंचे हैं, जो पिछले चार साल से बढ़ नहीं रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि भले ही कोरोना संक्रमण समाप्त हो चुका हो, लेकिन अभी भी फॉंरेनर्स इंडिया में आने से कहीं न कहीं परहेज जरुर कर रहे हंै।
इस बार भी बन सकता है रिकार्ड बतो दें कि विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद एक साल के अंदर बनारस में पर्यटकों की संख्या का इतिहास बनाया था। 2022 में यहां रिकार्डतोड़ करीब 7 करोड़ पर्यटक बनारस घूमने पहुंचे थे। पर्यटन विभाग के लोगों का कहना है कि यह इतिहास इस बार फिर दोहरा सकता है। गर्मी की वजह से इधर पर्यटकों की संख्या में कमी भले आई हो, लेकिन सावन और उसके बाद एक बार फिर बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। फिलहाल 6 माह में पौने तीन करोड़ पर्यटक आ चुके हैं।ऐसा नहीं है, पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इस सावन पिछले साल से कहीं ज्यादा पर्यटक आएंगे। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार फिर एक नया रिकार्ड बनेगा.
आरके रावत, ज्वाइंट डायरेक्टर-पर्यटन डिपार्टमेंट