बांटना है तो विपत्ति बांटो, संपत्ति नहीं
वाराणसी (ब्यूरो)। चित्रकूट में जब भरत और प्रभु श्रीराम का मिलन होता है तो पत्थर भी द्रवित हो पिघल गए, भरत भगवान राम के चरण में ही पड़े रहते है क्योंकि वह नही चाहते है कि भैया राम से उनकी नजर मिले, लेकिन राम जी उन्हें जबरन धरती से उठा कर गले लगा लेते है। यह देखते ही सबकी आँखों से झर झर अश्रुधारा बह निकलती है। यह करुणामयी प्रसंग मंगलवार को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान में चल रही सरस श्रीराम कथा में मानस मर्मज्ञ पूज्य राजन महाराज ने जैसे ही सुनाया, कथा पण्डाल में उपस्थित हजारों कथा प्रेमियों की आंखें भी नम हो गई.
भरत जी युद्ध लडऩे आ रहेराजन महाराज ने कहा कि भरत के साथ आती विशाल सेना देख किसी ने प्रभु श्रीराम से कहा कि भरत जी राजगद्दी के मद में चूर होकर आपसे युद्ध लडऩे आ रहा है। प्रभु श्रीराम ने कहा कि भरत को अयोध्या का क्या, तीनों लोकों का राज भी मिल जाये तो भी मद उसे छू नही सकता है। श्रीराम कथा प्रेमी सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित कथा के आठवें दिन विश्वविख्यात प्रेममूर्ति पूज्य सन्त प्रेम भूषण जी महाराज के कृपापात्र शिष्य पूज्य राजन जी महाराज ने कहा कि भाई से बांटना है तो उसकी विपत्ति बांटिए, संपत्ति नहीं।
विशिष्टजनों ने उतारी आरती कथा के प्रारंभ में मुख्य यजमान सुमित सराफ, रुचि सराफ, विनोद सराफ, इंदु सराफ, अनूप सराफ, सरिता सराफ, अजय लिल्हा, निशा लिल्हा, किरन लिल्हा, गोपाल कृष्ण केडिया आदि ने सविधि पूजन किया। आरती में महापौर अशोक तिवारी, पुलिस कमिश्नर अशोक जैन मुथा, डीसीपी आर.एस गौतम, भाजपा नेता धर्मेंद्र सिंह, सतीश चंद्र मिश्र, अंबरीश सिंह भोला, शिवदत्त तिवारी, प्रमोद बजाज, संजीव अग्रवाल जेएसके, विजय कपूर, दुर्गेश बजाज, सुरेश तुलस्यान, प्रभात गुप्ता, वीरेंद्र केशरी, विनोद केशरी, गौरव केडिया, राजकुमार जायसवाल, संजय केशरी, अजीत सिंह बग्गा, रामजी रस्तोगी, विजय पाठक, संतोषी शुक्ला, सुधीर सिंह, रेखा विश्वकर्मा, दीपू सेठ आदि ने उतारी। मंच संचालन पवन कुमार अग्रवाल ने किया.