10 हजार का इंश्योरेंस नहीं करा पाए, कंडम हो गए 4 करोड़ के सफाई वाहन
वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम के अफसरों की लापरवाही की यह पराकाष्ठा है। सफाई व्यवस्था के लिए वाहनों का 10 हजार का इंश्योरेंस नहीं करा पाए, जिससे 6 साल में 8 वाहन थाने में बंद पड़े-पड़े सड़ गए, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उसे छुड़ाने की जहमत नहीं उठाई। फाइलों में ही छुड़ाने की प्रक्रिया घूमती रही। एक-एक वाहन की कीमत 50 लाख रुपए है। इस हिसाब 8 वाहनों की कीमत 4 करोड़ बताई जा रही है। मेयर अशोक तिवारी को जब यह बात पता चली तो उन्होंने सभी गाडिय़ों को रिलीज कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है.
6 साल से थाने में बंद
मेयर अशोक तिवारी की मानें तो नगर निगम की 8 गाडिय़ां पिछले 6 साल से थाने में बंद हैं। सभी वाहनों का एक-एक पुर्जा खराब हो गया है। शहर की सफाई व्यवस्था मेंटेन करने के लिए वर्ष 2018 में इन वाहनों को मंगाया गया था। इनमें से दो वाहनों से एक्सीडेंट होने पर थाने में बंद कर दिया गया था। बाकी चार वाहनों को इंश्योरेंस न होने की वजह से लंका थाने में बंद कर दिया गया था.
10 हजार रुपए में इंश्योरेंस
प्रभारी परिवहन अधिकारी अजय सक्सेना ने बताया, एक वाहन पर दस हजार का इंश्योरेंस खर्च आता है। इंश्योरेंस के अभाव में वाहनों को बंद कर दिया गया था। वाहनों की छुड़ाने की प्रक्रिया जारी है। एक-दो हफ्ते के अंदर सभी वाहनों को थाने से छुड़ा लिया जाएगा।
50 लाख का एक वाहन
गार्बेज उठाने वाले एक-एक वाहन की कीमत 50 लाख रुपए है। 10 हजार के इंश्योरेंस से बचने के लिए निगम के अफसरों ने इन वाहनों को थाने में जंग खाने के लिए छोड़ दिया। प्रभारी परिवहन अधिकारी अजय सक्सेना ने सभी वाहनों को रिलीज कराने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। एक हफ्ते के अंदर सभी वाहन रिलीज हो जाएंगे। इसके बाद सभी वाहनों की मरम्मत कराने के बाद इंश्योरेंस कराया जाएगा.
50 लाख एक वाहन की कीमत
08 वाहन की कीमत 4 करोड़
10 हजार रुपए का इंश्योरेंस प्रत्येक वाहन का होना है
फाइलों में टहलती रही प्रक्रिया
एक्सीडेंट और इंश्योरेंस न होने पर वाहनों को पकड़कर थाने में बंद कर दिया गया था। निगम अफसर इन वाहनों को रिलीज कराने के लिए आगे नहीं आए। यह प्रक्रिया पिछले 6 साल से फाइलों पर ही चल रही थी। इन वाहनों को रिलीज कराने को कहा है। अशोक तिवारी, मेयर