60 सैंपल फेल, नकली दवाओं की पुष्टि
वाराणसी (ब्यूरो)। नकली दवाओं के मामले अब बड़ा खुलासा हुआ है। पिछले एक माह में बनारस में 20 और पूरे प्रदेश में 40 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। इसे लेकर बनारस से बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। कंपनियां चिन्हित की गई हैं और उनके खिलाफ केस से लेकर लाइसेंस निरस्तीकरण के कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इन नकली व स्पूरियस दवाओं का सबसे बड़े हब के रूप में हिमांचल व उत्तराखंड आए हैं, जहां इन्हें तैयार किया जा रहा है। ड्रग विभाग के अनुसार पिछले दिनों शहर में पकड़े गए करोड़ों रुपए के नकली और स्पूरियस दवाओं की जांच के लिए करीब 50 सैंपल भेजे गए थे। इनमें से करीब 40 दवाओं के सैंपल रिपोर्ट फेल हो गए है.
अब तक के रिकार्ड टूटेनकली और नशीली दवाओं के करीब 40 सैपल रिपोर्ट फेल होने से ड्रग विभाग के अफसर हैरान हैं। उनका कहना है कि दवा के नाम पर आम लोगों के जीवन के साथ नशे के सौदागर खिलवाड़ कर रहे है। ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहा है.
खडिय़ा और दोयम दर्जे का ग्लूकोजड्रग विभाग के अफसरों की मानें तो रिपोर्ट में खडिय़ा और दोयम दर्जे का ग्लूकोज पाया गया है जो सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। ड्रग विभाग के अफसर ने बताया कि हिमांचल प्रदेश और उत्तराखंड नकली और नशीली दवाओं के हब के रूप में सामने आए हैं। वहां से गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, बरेली, पूर्वांचल के जिलों के अलावा एमपी, राजस्थान, गुजरात तक नकली दवाओं की सप्लाई हुई थी। इनका नेक्सस इतना स्ट्रांग है कि किसी एक के पकड़े जाते ही ये सप्लाई का तरीका बदल देते हैं.
हॉकर के जरिए सप्लाई नकली दवा कारोबारी नशीली और नकली दवाओं की सप्लाई के लिए हॉकर्स का इस्तेमाल करते थे। संबंधित शहरों में हॉकर ढूंढकर ये उन्हें पैसे का लालच देकर नर्सिंग होम, हास्पिटल, दुकानों में दवाओं की सप्लाई करते हैं। करीब एक दर्जन से अधिक हॉकर अब तक पकड़े जा चुके हैं। हॉकर्स से मिले मोबाइल नंबर्स को लेकर सर्विलांस के माध्यम से पता किया गया तो पता चला कि सैकड़ों की संख्या में हॉकर देश के कई शहरों में नशीली और नकली दवाओं की सप्लाई में लिप्त हैं। इन दवाओं के सैंपल फेल -एल्प्राजोलम -जोल्पीडम -क्लोनजीपाम -ट्रमाडोल -क्लोडायजोपाक्साइड -लोराहजीपेम -टैक्सीम -टैक्सीम ओनशीली और नकली दवाओं के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। अभी देश के कई राज्यों में अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। वाराणसी मेरठ, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत कई शहरों में अभियान चलाकर दवाओं के सैंपल लिए गए थे। इनमें से करीब 40 के सैंपल फेल हुए हैं। सभी के खिलाफ एक हफ्ते के अंदर मुकदमा किया जाएगा.
नरेश मोहन, डीएलए नकली और नशीली दवाओं का कारोबार करने वालों से पूरा दवा सेक्टर बदनाम हो रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ विभाग सख्त कार्रवाई करे। नकली और नशीली दवाओं का जो लोग कारोबार कर रहे हैं उनके खिलाफ एसोसिएशन के पदाधिकारी भी चुप नहीं बैठेंगे। ऐसे लोगों से एसोसिएशन के दुकानदार कारोबार नहीं करेंगे. सुधीर अग्रवाल, महामंत्री, आर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट उत्तर प्रदेश