गली-मोहल्लों में चल रहे होटल-लॉज पर नियम-कानून का पहरा
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में गली-मोहल्लों में खुल रहे होटल, गेस्ट हाउस और लॉज पर अब शिकंजा कसा जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किए जाने के बाद हलचल शुरू हो गई है। वैसे इनके संचालकों के लिए राहतभरी खबर यह है कि रजिस्ट्रेशन के लिए विभाग की परेड नहीं करनी पड़ेगी। प्रदेश सरकार पोर्टल की शुरुआत करने जा रही है। इस पोर्टल के माध्यम से संचालक अपने गेस्ट हाउस व लॉज का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। टूरिज्म डिपार्टमेंट में फिलहाल पेंडेंसी की संख्या करीब 300 है। यह पेंडेंसी पिछले दो साल से बढ़ती जा रही है.
ऊपर मकान, नीचे लॉजविश्वनाथ धाम बनने के बाद शहर में टूरिस्ट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले साल करीब सात करोड़ टूरिस्ट आने का रिकार्ड बना था। हालत ये हो जाती है कि कभी-कभी शहर में होटल, लॉज नहीं मिलते। हर तरफ हाउसफुल रहता है। शहर में पर्यटकों के लिए गली-मोहल्लों में आवास को ही लॉज और पीजी बना दिया गया है। ऊपर आवास होता है और नीचे लॉज चल रहे हैं। यह सिनेरियो अमूमन घाट किनारे से लगी गलियों में देखने को मिल जाएगा। आठ से दस कमरे बनाकर टूरिस्टों को रखकर व्यवसाय किया जा रहा है। अब तक सभी का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है.
बिना रजिस्ट्रेशन वालों को प्रमाणपत्र जरूरी
बिना रजिस्ट्रेशन के चला रहे लॉज और पीजी संचालकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, नहीं तो उनको जुर्माना देना पड़ेगा। ऐसे लोगों के लिए सरकार पोर्टल की शुरुआत करने जा रही है। पोर्टल में सभी लॉज व पीजी संचालकों को नाम, पता, पहचान पत्र, चेक इन, चेक आउट की तिथि के साथ पता भी शेयर करेंगे। ऐसे ही सभी स्टाफ के नाम पता, पहचान पत्र व अन्य विवरण भी शेयर करना होगा। पंजीकरण के बिना किसी भी लॉज, पीजी का संचालन नहीं हो सकता। नई योजना को स्वीकृति पर्यटन अधिकारी आरके रावत के अनुसार सराय अधिनियम 1867 की धारा 13 के तहत राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश होटल व अन्य पूरक आवास विनिमय-2023 को स्वीकृति दी। प्रदेश में आवास इकाई के पंजीकरण के लिए पोर्टल जल्द विकसित किया जाएगा, जिसे निवेश मित्र पोर्टल से एकीकृत किया जाएगा। पोर्टल पर आवेदन की तिथि से 45 दिनों के भीतर सक्षम अधिकारी लॉज व पीजी का पंजीकरण करेगा। इस समय में आवेदन पर निर्णय न होने की दशा में उसे डीम्ड पंजीकरण समझा जाएगा।जिन लोगों ने लॉज व पीजी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया है, उनके लिए ही जल्द पोर्टल की शुरुआत होने जा रही है। इस पोर्टल के माध्यम से उनके लॉज का पंजीकरण किया जाएगा.
आरके रावत, पर्यटन अधिकारी