50 रुपये की खातिर खूनी बनी खाकी
- कैंट रेलवे स्टेशन पर बंगाल से आई ट्रेन की पार्सल बोगी में सवार युवती को आरपीएफ के जवानों ने फेंका ट्रेन के बाहर, 50 रुपये न देने पर बढ़ा था मामला
- इलाज के दौरान महिला ने तोड़ा दम, मामले की जांच में जुटी जीआरपी और आरपीएफVARANASI : आज के वक्त में सब्जी, भाजी से लेकर भले ही बाकी सारे सामान महंगे हों लेकिन सबसे सस्ती है तो इंसान की जान। तभी तो महज भ्0 रुपये की खातिर कैंट रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवानों ने एक महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। जिससे महिला की जान चली गई। महिला के परिजनों का आरोप है कि जनरल टिकट होने के बाद भी ट्रेन की पार्सल बोगी में बैठने के एवज में आरपीएफ के जवानों ने भ्0 रुपये की रिश्वत मांगी थी। जिसे उन्होंने देने से इंकार कर दिया। इससे झल्लाये आरपीएफ जवानों ने महिला को चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। जिसके बाद महिला को मंगलवार की देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
बंगाल से जा रहे थे कानपुरमूल रूप से पश्चिम बंगाल के हंडाल के रहने वाले मानिक चंद पटेल मंगलवार शाम को अपनी भतीजी रीता देवी (ख्भ् वर्ष) और भतीजे जयदीप के साथ दुर्गेयाना एक्सपे्रेस से कानपुर जा रहे थे। मानिकचंद का आरोप है कि जब वह ट्रेन में सवार हुए तो उन्होंने जनरल टिकट लिया था लेकिन जगह नहीं मिली तो वह तीनों ट्रेन के पार्सल बोगी में सवार हो गए। बदले में उन लोगों ने रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को भ्0 रुपये दिए थे। इसके बाद ट्रेन जब मंगलवार रात कैंट स्टेशन पहुंची तो प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर ट्रेन के रुकते ही आरपीएफ के जवान नीली टोपी पहनकर हाथ में वायरलेस और एक बुक लेकर पार्सल बोगी में पहुंचे और भतीजे जयदीप और भतीजी रीता से पूछताछ करने के बाद बदले में भ्0 रुपये मांगने लगे।
टिकट था फिर भी गुंडईरीता के चाचा के आरोपों को अगर सच मानें तो इस घटना में पूरा का पूरा खेल महज भ्0 रुपयों की खातिर हुआ है। उनका आरोप है कि आरपीएफ के जवानों ने पार्सल यान में बैठने के एवज में जब उनसे रुपये मांगे तो उन्होंने उनको जनरल टिकट दिखाया लेकिन टिकट देखने के बाद आरपीएफ के जवानों का पारा और चढ़ गया और बोलने लगा कि रुपये दो नहीं तो ट्रेन से उतरो। ये सुनते ही मानिकचंद ने पहले ही भ्0 रुपये दूसरे पुलिस वाले को देने की बात उससे कही लेकिन उसने एक न सुनी और रुपये की मांग करता रहा। काफी देर तक रुपये न मिलने पर आरपीएफ के जवान ने पहले मानिकचंद को ट्रेन से उतारने की कोशिश की फिर बीच बचाव करने आई उसकी भतीजी रीता से भिड़ गया।
चल दी ट्रेन मानिकचंद का आरोप है कि आरपीएफ के जवान और उसकी भतीजी में हाथापाई होने लगी और इस बीच पुलिस वाले ने उसकी भतीजी को ट्रेन के बाहर फेंकने की कोशिश की, धक्का मुक्की चल ही रही थी कि ट्रेन चल दी और आरपीएफ के जवान ने रीता को प्लेटफॉर्म पर फेंक दिया। प्लेटफॉर्म पर गिरने के बाद रीता को कमर में गंभीर चोट आई। इसके बाद जवान ने जयदीप और मानिकचंद को भी पीटा। इसके बाद वह वहां से चलता बना। मानिकचंद के मुताबिक ट्रेन से बाहर फेंके जाने से रीता को गंभीर चोट आई जिसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद देर रात को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मासूम के सिर से छिन गई ममता की छांवइस घटना का सबसे दर्दनाक और दिल दहला देने वाला पहलू था रीता की मौत के बाद उसकी डेढ़ साल की बेटी काजल का मां की गोद में जाने की जिद पकड़कर रोना। रीता अपनी मासूम बच्ची को लेकर ट्रेन में सवार हुई थी। उसे ये नहीं पता था कि बंगाल से यूपी तक का उसका ये सफर अंतिम सफर बन जायेगा और काल उसे उसकी बेटी से हमेशा के लिए दूर कर देगा। इस घटना के बाद जिला अस्पताल की मर्चरी के बाहर पड़ी रीता की लाश देखकर उसकी मासूम बेटी मां के पास जाने के लिए रो रही थी। उसे चुप करने के लिए उसका मामा जयदीप बार बार मुंह में दूध की शीशी डाल रहा था लेकिन काजल थी कि कुछ समझने का तैयार ही नहीं थी।
तीन साल पहले हुई थी शादी रीता की शादी तीन साल पहले अमृतसर आर्मी कैंटीन में काम करने वाले सर्वेश से हुई थी। सर्वेश मूल रूप से कानपुर के थोड़ा आगे रुढा का रहने वाला है। कुछ दिन पहले रीता अपने मायके बंगाल गई थी और मंगलवार को अपने चाचा, भाई और अपनी डेढ़ साल की बेटी काजल के साथ हावड़ा से अमृतसर जा रही दुर्गेयाना एक्सप्रेस से कानपुर जा रही थी। कॉन्सटेबल सस्पेंड, दर्ज हुई एफआइआरट्रेन में वसूली के दौरान जवान के धक्के से जान गंवाने वाली रीता के मामले में आरपीएफ के कॉन्सटेबल शरद चंद्र दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं जीआरपी ने मामले में लिप्त कॉन्सटेबल के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कर ली है। सहायक सुरक्षा आयुक्त एसके पाल के अनुसार मृतका के चाचा मानिक चंद पटेल से स्टेशन पर तैनात सभी कॉन्सटेबल की पहचान करायी गयी। जिसमें मानिक ने शरद को देखते ही पहचान लिया। इसके बाद डिपार्टमेंट ने कॉन्सटेबल को सस्पेंड करने के साथ ही पूरे मामले की जांच स्टार्ट कर दी।