रोपवे को रेलवे और रोडवेज स्टेशन से जोड़ा जाएगा तीन एंट्री गेट होंगे और बनेगा अंडरपास कैंट स्टेशन परिसर में रोपवे के लिए तीन एंट्री गेट होंगे पहला गेट रेलवे स्टेशन दूसरा रोडवेज स्टेशन और तीसरा सड़क की ओर होगा

वाराणसी (ब्यूरो)नई दिल्ली स्टेशन की तर्ज पर वाराणसी में प्रस्तावित रोपवे के लिए कैंट रेलवे और रोडवेज स्टेशन से प्रवेश मिलेगा। कैंट स्टेशन परिसर में रोपवे के लिए तीन एंट्री गेट होंगे। पहला गेट रेलवे स्टेशन, दूसरा रोडवेज स्टेशन और तीसरा सड़क की ओर होगा। इसके अलावा पब्लिक की सहूलियत के लिए अंडरपास भी बनाया जाएगा, जिससे लोगों की राह और सुगम हो जाए। रेलवे स्टेशन और रोडवेज से निकलते ही यात्री रोपवे के माध्यम से अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) की टीम दिल्ली के कनॉट प्लेस की तरह रोडवेज से कैंट रेलवे स्टेशन तक अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाने की योजना में है.

तैयारी युद्ध स्तर पर

रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर तैयारी युद्ध स्तर पर है। संबंधित हर विभाग अपने कार्यों को अंजाम देने में जुट गया है। कैंट स्टेशन के परिसर से अंडरपास बनाकर दोनों स्टेशनों को जोड़ा जाना है। चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर के दो पिलर के नीचे से अंडरपास बनाने के लिए सर्वे चल रहा है। अंडरपास की उपलब्धता की रिपोर्ट मिलने के बाद रेलवे से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लिया जाएगा। इससे यात्रियों का आवागमन सुगम होगा.

मार्च के दूसरे हफ्ते में शुरू होगा निर्माण

वीडीए के मुताबिक अभी काम की जो रफ्तार है, उसके अनुसार मार्च के दूसरे हफ्ते से रोपवे का निर्माण शुरू हो जाना चाहिए। इसका पहला स्टेशन कैंट परिसर में बनाया जाएगा। ऐसे में यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की कवायद जारी है। कैंट से गोदौलिया के बीच संचालित होने वाली रोपवे परियोजना सर्वसुलभ होगी। इस रूट से यात्री गंगा घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन हनुमान मंदिर, कालभैरव जोड़े जाएंगे। इन जगहों पर सबसे अधिक लोगों का आवागमन होता है, इसलिए यह निर्णय लिया गया है.

इन चीजों को किया जाएगा शिफ्ट

कैंट स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित का कहना है कि रोपवे के पहले स्टेशन का निर्माण कैंट स्टेशन पर होना है। इस कारण से पानी की टंकी, वाहन स्टैंड, कुछ जगहों पर सीवरेज, सिग्नल लाइन, अंडरग्राउंड केबल शिफ्ट किए जाने हैं। रोपवे का निर्माण करने वाली कंपनी इन व्यवस्थाओं को सबसे पहले सुनिश्चित करेगी। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। बता दें कि कैंट स्टेशन परिसर में बनी पानी टंकी 43 साल पुरानी है। इसे तोड़ा जाना है। इससे सभी प्लेटफॉर्म पर वाटर बूथों को पानी आपूर्ति की जाती है। वैसे, यात्री आश्रय के पीछे दोबारा पानी टंकी बनाई जाएगी। इस टंकी की क्षमता 2 लाख 25 हजार लीटर है.

यूटिलिटी शिफ्टिंग व भूमि अधिग्रहण एक सप्ताह में शुरू हो जाएगा। अभी पिलर निर्माण के लिए कवायद चल रही है। इसके अलावा कैंट रेलवे स्टेशन, रोपवे और रोडवेज स्टेशनों को जोडऩे के लिए कॉरिडोर बनाने के लिए सर्वे चल रहा है। यह भी जल्द पूरा हो जाएगा.

कौशल राज शर्मा, कमिश्नर

Posted By: Inextlive