तीन महीने तक चलेगा रोपवे का ट्रायल
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में निर्माणाधीन रोपवे प्रोजेक्ट का पहला चरण मार्च में पूरा हो जाएगा। अप्रैल में कैंट से रथयात्रा तक हवा में रोपवे चलने लगेगा, जो जुलाई तक ट्रायल के रूप में अप-डाउन करेगा। यह यात्रा बिना प्रदूषण के लगभग 10 मिनट में पूरी होगी। साथ ही हवा के दबाव से आग और धुआं से यात्रियों को बचाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी अनहोनी पर यात्रियों को स्टेशन से बाहर सुरक्षित निकला जा सके। यह आधुनिक व्यवस्था सभी पांच स्टेशनों पर होंगे। फायर ब्रिगेड विभाग ने आग से बचाव की रणनीति बनाई है।
तेजी से चल रहा काम
वाराणसी में कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक चलने वाले रोपवे के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में रोप वे काफी सहायक साबित होगा। रोपवे से एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे। देश का पहला रोपवे वाराणसी में 2024 तक चलने लगेगा। वाराणसी को रोपवे इनेबल्ड बनाने वाली इस परियोजना के तहत पहले चरण का निर्माण कुल दो सेक्शन में किया जा रहा है। रोप वे के पहले सेक्शन का निर्माण रथयात्रा तक और दूसरे सेक्शन का निर्माण गोदौलिया तक होगा.
सुरक्षा पर पूरा ध्यान
सीएफओ के अनुसार आग लगने की घटना में धुआं से अधिक मौत होती है। स्टेशन की इमारतों में प्रेशराइजेशन प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। स्टेशन पर खास उपकरण लगाए जाएंगे जो यात्रियों के एग्जिट और एंट्री पॉइंट, सीढिय़ों की लॉबी पर सामान्य से 0.0005 बार या केजीएफ प्रति स्क्वायर सेंटीमीटर से अधिक का हवा का दबाव बनाएगा। इसी तरह कॉरिडोर में 0.00025 बार या केजीएफ प्रति स्क्वायर सेंटीमीटर से अधिक का हवा का दबाव बनाएगा, जिससे आग लगने पर इन जगहों पर धुआं नहीं पहुंचेगा और यात्री सुरक्षित बाहर निकल सकेंगे।
कुल 5 स्टेशन होंगे
वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे, जिसमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है जो करीब 16 मिनट में तय होगी.
दो लाख लीटर की भूमिगत वाटर टैंक, टेरिस पर 20 हजार क्षमता की पानी का टैंक, उपयुक्त क्षमता का डीजल पंप यार्ड हाइड्रेंट ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम, ऑटोमैटिक फायर डिटेक्शन अलार्म सिस्टम, स्मोक एक्सट्रैक्शन सिस्टम, प्राथमिक अग्निशमन उपकरण आदि मुख्य रूप से होगा.
आनंद सिंह राजपूत, सीएफओ