Varanasi news: स्विटजरलैंड से आने लगा रोप-वे का पाट्र्स
वाराणसी (ब्यूरो)। देश का पहला व दुनिया का तीसरा अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे 2024 में बनकर तैयार हो जाएगा। यह पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तैयार किया जा रहा है। केंद्र सरकार के मार्गदर्शन व प्रदेश की योगी सरकार की निगरानी में यह धरातल पर उतर जाएगा। बोलीविया के ला पाज और मेक्सिको के बाद यह दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे होगा। इसके निर्माण में लगने वाले उपकरण स्विटजरलैंड व यूरोपीय संघ से आयात किए जा रहे हैं। इसकी तकनीक स्विटजरलैंड की है। पीएम के संसदीय क्षेत्र में रोप-वे के जरिए यात्रियों की सुगम यात्रा के साथ ही सुरक्षा पर भी विशेष फोकस है।
सुरक्षा का विशेष ध्यान
काशी में बन रहे देश के पहले रोप-वे में यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया कि रोप वे का निर्माण स्विट्जरलैंड की कंपनी बर्थोलेट कर रही है। इसके निर्माण में लगने वाले उपकरण सीधे ओरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर से लिए जा रहे हैं, जैसे स्टील टॉवर, बुल व्हील्स, ग्रिप्स-हैंगर, टायर कन्वेयर, केबिन आदि उपकरण स्विट्जरलैंड व यूरोपीय संघ से आ रहे हैं। स्टील ट्यूबलर टावर और 4 लेग टावर प्री -फैब्रिकेटेड स्विटजरलैंड का है, जो कम जगह में इंस्टाल होगा। गंडोला 29 टावर के सहारे चलेगा। इसमे स्टील ट्यूबलर टावर की संख्या 24 और 3 लैटिस टावर होंगे। स्टेशन में 2 इंटीग्रेटेड टावर होंगे।
807 करोड़ की योजना
वाराणसी कैंट स्टेशन से शुरू होकर गोदौलिया चौराहे तक कुल पांच स्टेशन होंगे। इसमे कैंट रेलवे स्टेशन, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरजाघर और गोदौलिया चौराहे पर स्टेशन बनाया जाएगा। रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है। यह दूरी करीब 16 मिनट में तय होगी। लगभग 35 से 45 मीटर की ऊंचाई से कऱीब 150 केबल कार या ट्रॉली चलेगी। इस योजना की लागत 807 करोड़ की है.