बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने लिया फैसला

स्टेशन इंचार्ज लेंगे टेस्ट, हेडक्वार्टर से जारी आदेश पर विभाग फास्ट

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हाल ही में यमुना एक्सप्रेस-वे पर रोडवेज बस दुघर्टना के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन निगम हेडक्वार्टर ने ड्राइवर-कंडक्टर का टेस्ट लेने का फैसला किया है। अब बस की स्टेयरिंग थामने से पहले ड्राइवर को काउंसलिंग टेस्ट से गुजरना होगा। स्टेशन पर एआरएम या स्टेशन इंचार्ज ड्राइवर और कंडक्टर की काउंसलिंग करेंगे। इसके बाद तय होगा कि ड्राइवर ठीक है और बस चलाने में सक्षम है। यदि काउंसलिंग में कोई संदेह हुआ तो स्टेयरिंग नहीं थामने दी जाएगी। बनारस रीजन में यह फरमान जारी कर दिया गया है।

बसों की हो डेली मेंटीनेंस

हेडक्वार्टर से यह भी फरमान जारी किया गया है कि लंबी दूरी की बसों के प्लेटफार्म पर लगने से पहले उनका मेंटीनेंस चेक किया जाए। ये नियम बसों के रवाना होने और पहुंचने दोनों स्थिति में लागू होगा। स्टेशन इंचार्ज की जिम्मेदारी होगी कि बसों को अच्छे तरीके से चेक कराएं। इसमें टायर, ब्रेक, डीजल टैंक आदि की पड़ताल जरूर की जाए। मेंटीनेंस चेकिंग में लापरवाही पर संबंधित स्टेशन इंचार्ज और फोरमैन के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसकी मानिटरिंग एआरएम करेंगे।

हेल्थ चेकअप कैंप

ड्राइवर व कंडक्टर कितने फीट हैं, यह जानने के लिए रोडवेज रीजन ऑफिस सहित हर डिपो में हेल्थ चेकअप कैंप आयोजित किए जाएंगे। चिकित्सकों की टीम ड्राइवर की आंख, सांस और अन्य बीमारियों का पता लगाएगी। जांच के बाद फिट मिलने वाले ड्राइवर व कंडक्टर की लिस्ट आरएम ऑफिस को सौंपी जाएगी।

08

डिपो आते हैं रोडवेज के बनारस रीजन में

548

बसे हैं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के बनारस रीजन में

980

ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हैं बनारस रीजन में

1000

बसों का होता है लगभग रोज बनारस कैंट बस स्टैंड से आवागमन

यहां के लिए प्रमुख सेवाएं

-बनारस से काठमाण्डू

-बनारस से नई दिल्ली

-बनारस से आगरा

-बनारस से मथुरा-वृंदावन

-बनारस से कानपुर-बांदा

-बनारस से लखनऊ

-बनारस से प्रयागराज

-बनारस से गोरखपुर

-बनारस से शक्तिनगर

यह निर्देश दिया गया है कि बसों की स्टेयरिंग थामने से पहले ड्राइवर व कंडक्टर जांच कर ली जाए। बसों की रोज मेंटनेंस चेकिंग के लिए स्टाफ को निर्देश दिया गया है।

केके शर्मा, आरएम, बनारस रीजन

Posted By: Inextlive