8 रिसर्चर्स को मिला चुका है पीएम रिसर्च फेलोशिप इस बार ऐसे छात्रों की और ज्यादा संख्या बढ़ाने की तैयारी

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले स्टूडेंट्स देश के साथ विदेश में भी संस्थान का मान बढ़ा रहे हैं। देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप में बीएचयू के रिसर्चर की संख्या बढ़ रही है। इसमें शामिल होने वाले बीएचयू के स्कॉलर्स ने कमाल कर दिखाया है। दो साल पहले शुरू हुए इस फेलोशिप स्कीम के तहत बीएचयू के अब तक 8 रिसर्च स्कॉलर्स इसका लाभ ले रहे हंै। हालांकि इस स्कीम का लाभ पाना बहुत आसान नहीं है। छात्रों को रिसर्च के लिए आकर्षित करने और हाई क्वालिटी वाले रिसर्च को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना देश के चुनिंदा सेंट्रल यूनिवसिटी में लागू किया गया है। इस स्कीम में वहीं स्टूडेंट्स शामिल होते जो हाई लेवल एग्जाम पास करते हैं। बीएचयू का मानना है कि उनके यहां प्रतिभाओं की कमी नहीं है। ऐसे में इस स्कीम में ज्यादा से ज्यादा स्कॉलर्स की भागीदारी हो इसके लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

दो साल में 8 का हुआ सेलेक्शन

साल 2022 में जहां चार स्कॉलर्स को पीएमआरएफ के लिए चुना गया था, वहीं इस बार मार्च 2023 में भी चार स्कॉलर्स का सेलेक्शन हुआ है। अब अगले फेज के लिए जुलाई में नॉमिनेशन शुरू होने वाला है। उम्मीद है कि इस बार पहले से कहीं ज्यादा स्कॉलर्स इस स्कीम के सबसे टफ एग्जाम को पास कर योजना का लाभ उठाएंगे। एपीएमआरएफ योजना के तहत सेलेक्टेड रिर्सचर्स को 5 सालों तक फेलोशिप का लाभ मिलेगा। बीएचयू कुलपति प्रो। सुधीर कुमार जैन ने भी यह विश्वास जताया है कि इस बार विवि से फेलोशिप के लिए और अधिक बच्चे चुने जाएंगे। बता दें प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना की घोषणा भारत सरकार द्वारा साल 2018-19 में के बजट सेशन के दौरान की गई थी।

कितनी और कैसे मिलती है राशि

इस योजना के तहत चुने गए स्कॉलर्स को पहले दो सालों में 70 हजार रुपये प्रति माह, तीसरे साल में 75 हजार रुपये प्रति माह तथा चौथे और पांचवें वर्ष में 80 हजार रुपये प्रतिमाह की राशि दी जाती है। इसके अलावा एक स्कॉलर को 5 साल तक 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष (यानी कुल 10 लाख रुपए) का स्कॉलरशिप दिया जा रहा। इसके अलावा इंटरनेशनल सेमिनार और सेमिनारों में शोध पत्र प्रस्तुत करने के लिए एवं विदेश यात्रा के खर्चें के रूप में 5 वर्ष की समयसीमा के लिए प्रत्येक कैंडिडेट को 2 लाख रुपये दिए जाते हैं।

पीएचडी करने वालों को लाभ देना है मकसद

प्रधानमंत्री ने देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों में रिसर्च की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप योजना का प्रस्ताव रखा था। 2022 में इसकी शुरुआत कर दी गई है। इस फेलोशिप के अंतर्गत देश के कुछ टेक्नीकल प्रमुख संस्थानों को शामिल किया गया है। इसके तहत हर साल प्रमुख संस्थानों के बीटेक की पढ़ाई करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्टूडेंट्स की पहचान की जाएगी और उन्हें सरकार द्वारा पीएचडी करना का मौका दिया जाएगा। इस फेलोशिप का मकसद ज्यादा से ज्यादा पीएचडी करने वाले स्टूडेंट को इसका लाभ देना है .

पीएम रिसर्च फेलोशिप टेस्ट और इंटरव्यू

इसका लाभ सिर्फ उन कैंडिडेट को दिया जाएगा जो फेलोशिप एग्जाम को पास करने में सक्षम होंगे। एग्जाम के लिए कैंडिडेट को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू से गुजरना होता है। कैंडिडेट को स्वयं का एक शोध सार भी प्रस्तुत करना अनिवार्य है, जो शोध से संबंधित समस्याएं और उसके दृष्टिकोण से संबंधित होना चाहिए.

क्या योग्यता होनी चाहिए

-इस योजना का फायदा केवल आईआईएससी, आईआईटी, आईआईएसईआर और एनआईटी से डिग्री प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स ही उठा सकेंगे.

-जो कैंडिडेट बीटेक, एम.टेक या एमएससी के अंतिम वर्ष में हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते है।

-इन कैंडिडेट के पास कम से कम 8 संचयी ग्रेड पॉइंट औसत होना भी अनिवार्य है.

-एमटेक प्रोग्राम में 5 साल का नामांकन होना चाहिए या एमटेक प्रोग्राम पूरा किया होना चाहिए.

-अगर कोई कैंडिडेट अपनी स्नातक-परास्नातक डिग्री पूरी कर चुका है या करने वाला है, वे इस फेलोशिप के लिए आवेदन कर सकता है.

-आईआईटी, आईआईएससी, एनआईटी, आईआईएसईआर से विज्ञान और टेक्नोलॉजी में शिक्षा पूरी करने वाले कैंडिडेट ही डॉक्टरेट फैलोशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन करने योग्य माने जाएंगे।

प्रधानमंत्री अनुसंधान फैलोशिप में संशोधन

-इस स्कॉलरशिप के लिए भारत के किसी भी यूनिवर्सिटी से पढ़े स्टूडेंट अप्लाई कर सकते हैं.

-गेट के स्कोर को भी 750 से घटाकर 600 कर दिया गया है.

-लेटरल एंट्री के लिए जो कैंडिडेट पीएचडी। पीएमआरएफ अनुदान देने वाले संस्थानों से कम से कम 12 या 24 महीने पूरे कर चुके हैं, सिर्फ वे छात्र ही इस योजना के तहत फेलो बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

फेलोशिप योजना के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स

1. पासपोर्ट साइज फोटो

2. आखिरी सेमेस्टर तक के सभी डाक्यूमेंट संलग्न करने होंगे। जिसमें सभी मार्कशीट व सर्टिफिकेट शामिल हैं.

3. पीडीएफ कॉपी लगानी आवश्यक है.

4. सीवी की पीडीएफ कॉपी

5. एसबीआई कलेक्ट ई-रसीद का पीडीएफ

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

सबसे पहले कैंडिडेट को प्रधानमंत्री फैलोशिप रिसर्च प्रोग्राम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा। होम पेज पर कैंडिडेट को ऑनलाइन अप्लाई के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा। यह पेज खुलने के बाद आवेदन फॉर्म देख सकते हैं।

बीएचयू के सेलेक्ट हुए स्टूडेंट्स

-सुलग्ना बासु (बायोइन्फॉर्मेटिक्स- महिला महाविद्यालय)

-प्रांशु कुमार गुप्ता (केमिस्ट्री)

-पुनीत दुबे (फिजिक्स)

-अर्पण मुखर्जी (इंस्टिट्यूट ऑफ इंवायरमेंटल एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट)

-ताज कुमार (विज्ञान संस्थान के भौतिकी विभाग)

-प्रवीन कुमार कनौजिया (भौमिकी विभाग)

-राजीव कुमार पाण्डेय (भौमिकी विभाग)

-विपिन कुमार (भौमिकी विभाग)

इस योजना के तहत अब तक कुल 8 स्कॉलर्स को इसका लाभ मिला है। अगले चरण के लिए नॉमिनेशन शुरू होने वाले हैं। इस बार यहां से चयनित होने वाले शोधार्थियों की संख्या में इज़ाफा देखने को मिलेगा। इसमें छात्रों को बहुत टफ एग्जाम से गुजरना होता है, जिसके लिए बीएचयू के छात्र रेडी हैं।

डॉ। मौशुमी मुत्सुद्दी, समन्वयक, पीएमआरएफ-बीएचयू

Posted By: Inextlive