प्रशासन को नहीं होश, डट गए खानाबदोश
जबसे बनारस के एमपी नरेन्द्र मोदी देश के पीएम बने हैं तभी से सिटी को वर्ल्ड क्लास बनाने की लम्बी-चौड़ी बाते हो रही हैं। कुछ प्रयास भी किए जा रहे हैं लेकिन कमजोर फॉलो-अप की वजह से सब गुड़गोबर हो जा रहा है। अब रोडवेज-चौकाघाट फ्लाईओवर को ही ले लीजिए। इसके नीचे ब्यूटी और ग्रीनरी बढ़ाने के लिए पेड़-पौधे लगाये जाने थे, कुछ जगह लगाये भी गए। मगर इस जगह पर कब खानाबदोश आकर डट गए, इसका होश प्रशासन को भी नहीं है। यही नहीं उन्होंने यहां पर अपना तम्बू भी खड़ा करके आशियाना भी जमा लिया है। आप भी देखिए किस तरह बनारस को 'खूबसूरत' बना रहा है प्रशासन?
-कैंट रोडवेज से चौकाघाट द्घद्य4श्र1द्गह्म के नीचे खानाबदोशों ने बनाया आशियाना --Bridge के नीचे पेड़-पौधे लगाने वाले स्थानों पर लगाये तम्बू --District administration का नहीं है इस ओर ध्यान, सुंदर बनाने की जगह बिगाड़ रहे शहर की सूरतvaranasi@inext.co.in
यादवेश यादवVARANASI: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का नाम देश ही नहीं विदेश तक में गूंज रहा है। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के चलते बड़े-बड़े उद्योगपति, सेंट्रल मिनिस्टर सहित क्लास वन के ऑफिसर्स बनारस की अद्भुत संस्कृति को देखने की लालसा लिए यहां समय गुजार रहे है। प्रशासनिक अमला भी इनकी खैरमकदम में लगा हुआ है लेकिन प्रशासनिक अमला को यह नहीं पता कि कैंट-चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे खानाबदोश अपना आशियाना भी बना रहे है। ब्रिज के नीचे खाली प्लेसेज पर पेड़ पौधे तो पूरे नहीं लग सके लेकिन खानाबदोशों ने अपना डेरा जरूर जमा लिया है। झोपड़ी व तंबू कनात उनका आशियाना बन चुका है।
ऐसे बन गया इनका ठिकाना रोडवेज कैंट से चौकाघाट तक के फ्लाईओवर के नीचे खाली पड़े स्थानों पर अस्थाई दुकानें लगी हुई थी। काफी पहले डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने उन्हें हटवा दिया था। तर्क यह दिया गया कि सड़क किनारे खाली पड़े स्थानों पर पेड़-पौधा लगाकर आकर्षक बनाया जाएगा। इसके तुरंत बाद बैरिकेडिंग कर मिट्टी भर दिया गया। बहुत दिन तक खाली जगहों पर कुछ नहीं हुआ तो फिर खानाबदोशों ने अपना ठिकाना बना लिया। क्राइम में भी रहता है इनका हाथ शहर में चोरी, छिनैती की घटना तो अब आम बात हो गई है। बहुत से ऐसे केसेज भी सामने आए है जिसमें खानाबदोशों की संलिप्ता रही है। शहर में भीख मांगकर गुजारा करने वाले खानाबदोशों की पुलिस कभी भी जांच पड़ताल नहीं करती। बस यही कारण है कि खानाबदोश जहां चाहे वहां अपना आशियाना बना लेते हैं। सज गई हैं दुकानें भीजब छूट का फायदा मिले तो फिर कोई भी पीछे नहीं रहना चाहता। फ्लाईओवर के नीचे एक तरफ तो आशियाना भी बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ अस्थाई तौर पर कई दुकानें भी सज गई हैं। कुछ पुलिसकर्मियों की शह पर भी दुकानें व व्हीकल्स स्टैंड भी चल रहा है। यह सीन आपको चौकाघाट की ओर जहां फ्लाईओवर समाप्त हो रहा है वहां अधिक देखने को मिलेगा।
महान विभूतियों के बगल में आशियाना बहुत तेजी से बनारस को सजाने संवारने की तैयारियां चल रही है। बनारस के उन हिस्सों को अधिक चमकाया जा रहा है जहां से अदर डिस्ट्रिक्ट्स के लोगों की नजर डेली पहुंच सके। देश-विदेश में बनारस का नाम रोशन करने वाले उन तमाम महान विभूतियों को डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने प्रमुखता से शहर में स्थान देना शुरू कर दिया है। शहर भर में उनकी फ्लैक्स-फोटो लगनी शुरू हो गई है। कैंट रोडवेज से चौकाघाट तक फ्लाईओवर के नीचे खाली प्लेसेज पर पेड़-पौधे लगाए गए हैं। जबकि पिलर पर बनारस के महान विभूतियों की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई जा रही है। यह सीन आपको रोडवेज फ्लाईओवर से लेकर चौकाघाट तक देखने को मिलेगा। इन्हीं महान विभूतियों के बगल में खानाबदोशों ने अपना आशियाना बनाया है। बिन पानी सूख रहे पौधेजयापुर गांव को गोद लेने के लिए बनारस आए पीएम की स्वागत में पूरा बनारस चमक उठा था। यही कारण था कि जल्दी-जल्दी रोडवेज कैंट फ्लाईओवर के नीचे अंधरापुल तक अशोक के पेड़ भी लगाए गए। जब से पौधा लगा उसके बाद से सिंचाई भी नहीं हुई। आलम यह है कि अब धीरे-धीरे पौधे बिन पानी मुरझा रहे है। बाकी हिस्सों में भी पौधे लगाए जाएंगे।
शहर के सुंदरता में यह तो धब्बा है। डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को इस पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। सोनू सेठ, कैंट गरीबों को गवर्नमेंट ने आशियाना भी दिया है। इस तरह से जहां मन चाहे तंबू कनात लगाकर ठिकाना नहीं बनाना चाहिए। विकास मिश्रा, चौकाघाट पुलिस को खानाबदोशों पर सख्त नजर रखनी चाहिए। वहीं खाली स्थानों पर लोकल एरिया के लोगों का कब्जा है। उन पर भी कड़ाई करनी चाहिए। विकास पाठक, जगतगंज फ्लाईओवर के नीचे पिलर पर महान विभूतियों की फोटो लगाने का काम डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन का सराहनीय है लेकिन फ्लाईओवर के खाली जगहों पर जल्द ही कुछ और करना चाहिए। डॉ। मन्नू यादव पीएम के आने के टाइम जल्दबाजी में कुछ स्थानों पर पेड़ पौधे लगाए गए लेकिन उनकी सिंचाई नहीं की गई। जिससे पेड़ पौधे अब मुरझाने लगे है।