पांचवीं तक पहुंच गए मगर क्लास दो की किताब नहीं पढ़ पाए!
वाराणसी (ब्यूरो)। सरकारी स्कूलों की पढ़ाई अक्सर सवालों में रहती है। इसी बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। वाराणसी में 50.3 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। यानी 46.2 प्रतिशत बच्चे निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं और 3.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं। सरकारी बच्चों का एजुकेशन लेवल जानने के लिए क्लास तीन से पांच तक के बच्चों को क्लास दो की किताबें पढ़ाई गई, जिसमें 50.3 प्रतिशत बच्चों ने ही किताब पढ़ ली थी। यानी 49.7 प्रतिशत असफल साबित हुए। इसके अलावा इन्हीं बच्चों से जोड़-घटाना कराया गया, जिसमें 56.3 प्रतिशत बच्चे सफल तो 45.7 प्रतिशत असफल साबित हुए.
शिक्षा स्तर पर सर्वेक्षण हुआएनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में शिक्षा जगत से जुड़े कई बिंदुओं पर सर्वेक्षण में कई तथ्य सामने आए हैं। इस साल सरकारी स्कूलों में एनरोलमेंट बढऩे के आंकड़े जहां सुकूनदेह हैं, वहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के सामने ट्यूशन पढऩे का विकल्प चिंताजनक है। लेटेस्ट एडमिशन से पता चलता है कि वाराणसी में पिछले कुछ सालों में सरकारी स्कूलों में छात्रों के एनरोलमेंट में बढ़ोत्तरी हुई है। इस सर्वेक्षण में शामिल 50.3 प्रतिशत छात्र सरकारी स्कूलों में जाते हैं, लेकिन शिक्षा स्तर बहुत अच्छा नहीं है।
क्लास दो की किताब नहीं पढ़ पाए बच्चेसर्वेक्षण के दौरान क्लास तीन से पांच तक के बच्चों को क्लास दो की किताब बढ़ाई गई। मात्र 50.3 प्रतिशत बच्चे ही निचली क्लास की किताब पढ़ पाने में सक्षम और 56.3 प्रतिशत बच्चे ही जोड़-घटाना में निपुण दिखे। रिपोर्ट के अनुसार 49.7 प्रतिशत बच्चे निचली कक्षा की किताब नहीं पढ़ पाए। इसी तरह क्लास छह से आठ तक के बच्चों को किताब पढ़ाई गई तो 72.1 प्रतिशत बच्चे निचली क्लास की किताब पढऩे और 47.6 प्रतिशत बच्चे डिविजन करने में निपुण दिखे.
निजी स्कूल में पढ़ता हर दूसरा बच्चा एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में शिक्षा जगत से जुड़े कई बिंदुओं पर सर्वेक्षण में कई तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट में वाराणसी समेत पूरे प्रदेश के शैक्षणिक स्तर का खुलासा किया गया है। वाराणसी से अच्छी स्थिति सोनभद्र, मिर्जापुर, मऊ व जौनपुर की है। सर्वेक्षण में सोनभद्र स्थित सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों का प्रतिशत 73.7 है। यानी पूरे पूर्वांचल में वाराणसी के बच्चे सबसे अधिक निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। रिपोर्ट के अनुसार बनारस में हर दूसरा बच्चा निजी स्कूलों में पढ़ता है. ट्यूशन लेने वाले 4 प्रतिशत बच्चे बढ़ेनिजी ट्यूशन लेने वाले छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में ट्यूशन क्लास लेने वाले कक्षा 1-8 के छात्रों का प्रतिशत 30.5 प्रतिशत है, जबकि यह आंकड़ा साल 2018 में 26.4 प्रतिशत था। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में, निजी ट्यूशन लेने वाले बच्चों के अनुपात में 2018 के स्तर पर 8 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि हुई है.
स्कूल जाने वाली छात्राएं भी बढ़ीं एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट के मुताबिक 11-14 वर्ष एज ग्रुप की लड़कियों की संख्या, जो स्कूल नहीं जाती, उनके आंकड़े में भी कमी आई है। 2018 में ऐसी लड़कियों की संख्या में 4 प्रतिशत की तुलना में 2022 में 2 प्रतिशत की कमी हुई है। यह आंकड़ा केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 4 प्रतिशत है और अन्य सभी राज्यों में कम है.