15 मोहल्ले फंसे तो रेलवे ने निकाला रास्ता
वाराणसी (ब्यूरो)। महमूरगंज-मंडुवाडीह आरओबी बनने के बाद रेलवे क्रासिंग बंद कर दिया गया है। इसके चलते आसपास के करीब 15 मुहल्लों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई। सनबीम लहरतारा, शिवपुरवा, महमूरगंज और बरेका जाने के लिए लोगों को आरओबी से होकर जाना पड़ता है। ऐसे में इन मुहल्लों की दूरी करीब दो किमी बढ़ जाती है और समय भी खराब होता है। इसे लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। इस मुद्दे को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने कई बार प्रदर्शन भी किया। आखिरकार तीन साल बाद रेलवे ने रास्ता निकाल लिया है। आवागमन की सुगमता के लिए मंडुवाडीह रेलवे ओवरब्रिज के नीचे अंडरपास (सब-वे) बनेगा। लगभग 12 करोड़ की लागत से प्रस्तावित सबवे 600 मीटर लम्बा और तीन मीटर ऊंचा होगा।
मंडुवाडीह, तुलसीपुर पंचपेडवा, शिवदासपुर, नई बस्ती, आदर्श नगर कालोनी, शिवपुरवा, मिश्रिरपुरा, रेलवे कालोनी, हरिनगर, माधोपुर, शिवाजीनगर, समेत करीब 15 मुहल्लों की समस्या और जरूरत को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल ने मंडुवाडीह रेलवे ओवरब्रिज के नीचे अंडरपास बनाने का प्रस्ताव गोरखपुर स्थित जोन कार्यालय भेज दिया है। महमूरगंज से मंडुवाडीह चौराहे की ओर जाने के लिए आरओबी बना है। ऐसे में सनबीम लहरतारा, बरेका आदि रास्तों से आने वाले लोगों को महमूरगंज से होकर जाना पड़ता है। ओवरब्रिज पार करके वे आसपास की कॉलोनियों में पहुंचते हैं। इससे इनकी दूरी बढ़ जाती है और समय भी लगता है। इसे देखते हुए यहां अंडरपास की जरूरत अरसे से महसूस की जा रही है। स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों, रेलवे और जिला प्रशासन के अफसरों के सामने कई बार मांग उठाई.
राहगीर-वाहन चालकों को मिलेगी खासी राहत अंडरपास बनने का फायदा राहगीरों, साइकिल, बाइक और कार सवारों को मिलेगा। अभी अधिसंख्य लोग रेल पटरी पार करके अपने गंतव्य को जाते हैं। नियम विरुद्ध काम करने पर आरपीएफ उनका चालान कर भी कर देती है। अंडरपास बनने से इस कृत्य पर रोक लगेगी। अंडरपास रेलवे एरिया के बाहर से शुरू होगा, जहां जमीन लेने के लिए राजस्व विभाग और जिला प्रशासन से भी वार्ता हो चुकी है। प्रशासन मौखिक सहमति भी दे चुका है. आदर्श नगर से सनबीम लहरतारा स्कूल जाने के लिए करीब दो किमी सफर ज्यादा तय करना पड़ता है। हर दिन आने-जाने में काफी समय भी खराब होता है। अंडरपास बनने से काफी सुकून मिलेगा. प्रसून विश्वकर्मा मंडुवाडीह रेलवे क्रासिंग के पास सट्टी लगती है। जहां सब्जी लेने के लिए हर दिन काफी घूमकर जाना पड़ता है। पहले पांच मिनट में पहुंच जाती थी। अब 20 मिनट लगता है। अंडरपास बहुत जरूरी है। शांतिदेवीहम लोग बहुत लंबे समय से अंडरपास की मांग कर रहे हैं। अभी जानकारी हुई है कि रेलवे ने आरओबी के नीचे अंडरपास बनाने का प्रस्ताव भेजा है। अंडरपास बनने से करीब 20 हजार आबादी को राहत मिलेगी.
सुनील यादव नई बस्ती से महमूरगंज तक ड्यूटी जाने के लिए हर दिन लंबा सफर तय करना पड़ता है। ऐसे में समय और पैसा बर्बादी होता है। महंगाई में यह परेशानी का सबब है। अंडरपास बनने से समय और पैसा दोनों की बचत होगी। सुजीत कुमार पिछले तीन साल से हम लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। हर दिन सनबीम लहरतारा और बरेका जाना होता है। क्रासिंग बंद होने से दो किमी घूमकर जाना पड़ता है। रेलवे ने हम लोगों की परेशानी समझी है। अब तो अंडरपास का इंतजार है. रमेश चौबे घरेलू सामान लेने के लिए अक्सर मंडुवाडीह सब्जी मंडी या मार्केट जाना पड़ता है। पहले तो मात्र पांच मिनट में पहुंच जाता था। अब काफी घूमकर जाने में करीब 20 मिनट लग जाता है। अंडरपास बनने से काफी सहूलियतें होंगी. नवीन प्रजापति अंडरपास का प्रस्ताव जोन कार्याय में विचाराधीन है। स्वीकृति मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. अशोक कुमार, पीआरओ, एनई रेलवे