अगले महीने से शुरू होगा रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल पीडि़तों को मिलेगी राहत रेलवे क्लेम की सुनवाई के लिए आरक्षण केंद्र में भवन बनकर तैयार


वाराणसी (ब्यूरो)बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वांचल के जिलों के रेल हादसे के पीडि़तों को मुआवजे की सुनवाई अब बनारस में होगी। कैंट रेलवे स्टेशन के पुराने आरक्षण केंद्र में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) का निर्माण नवंबर में कम्प्लीट हो जाएगा। दिसंबर से ट्रिब्यूनल शुरू होने की उम्मीद है। यह प्रदेश की पांचवीं पीठ (बेंच) होगी। आरसीटी भवन में कोर्ट, सदस्यों और पर्सनल सेक्रेटरी के साथ वकीलों जर्ज बादकारियों के बैठने के लिए कक्ष लगभग तैयार हो गए हैं.

नहीं लगानी पड़ेगी दौड़

वाराणसी और आसपास के जिलों के रेल हादसे के पीडि़तों को मुआवजे के लिए लखनऊ, प्रयागराज या फिर गोरखपुर की दौड़ लगानी पड़ती थी। बनारस में ट्रिब्यूनल शुरू होने के बाद वाराणसी, अमेठी, आजमगढ़, भदोही, चंदौली गाजीपुर, जौनपुर, मऊ मिर्जापुर, रायबरेली, सोनभद सुल्तानपुर के साथ बिहार के भभुआ व सासाराम और मध्य प्रदेश के रीवा, सीधी सिंगरौली के रेल हादसे के पीडि़तों को मुआवजे की सुनवाई होगी। यह पीठ रेलवे दावा न्यायाधिकरण अधिनियम, 1987 के स्थापित की गई है। आरसीटी में दो सदस्यों (न्यायिक व टेक्निकल की तैनाती होगी। अन्य स्टाफ भी नियुक्त होंगे। इससे रिजर्वेशन सेंटर दूसरे यात्री हाल में शिफ्ट हो गया है।

डेढ़ दर्जन जिले जुड़ेंगे

प्रयागराज, लखनऊ और गोरखपुर पीठ के कार्यक्षेत्र में आने वाले लगभग डेढ़ दर्जन जिलों को इस बेंच से जोड़ा जाएगा। बेंच के गठन का मकसद ट्रेन में चढऩे-उतरने और सफर के दौरान हादसे का शिकार पीडि़तों को जल्द राहत और मुआवजे का भुगतान कराना है.

30 क्विंटल कागजात नीलाम होगी

उत्तर रेलवे के मुख्य अधिकारी शशिकांत सिंह ने निर्माणाधीन ट्रिब्यूनल का निरीक्षण किया। लंबित वादों को अविलम्ब निस्तारित करने का निर्देश दिया। रिजर्वेशन सेंटर शिफ्ट होने से इकट्ठा हुए 30 क्विंटल कागजात की रेलवे नीलामी करेगा। ऑनलाइन आरक्षण से पहले बड़ी संख्या में यात्री मैनुअल रिजर्वेशन कराते थे। इससे बड़ी मात्रा में फार्म और फाइलें बतौर रिकार्ड इकट्ठा हो गई.

इन शहरों में हैं ट्रिब्यूनल

दिल्ली, गाजियाबाद घटना को मुम्बई, चेन्नई, गर्मागुलम, सिकरा, गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर, भोपाल, नागपुर, भुवनेश्वर, गोरखपुर, लखनऊ और प्रयाग में गठित रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में सुनवाई होती है.

इन जिलों की सुनवाई

अमेठी, आजमगढ़, भदोही, चंदौली गाजीपुर, जौनपुर, मऊ, मिर्जापुर, रायबरेली, सोनभद्र, सुल्तानपुर व वाराणसी, बिहार के भभुआ व सासाराम और मध्य प्रदेश के रीवा, सीधी सिंगरौली.

कैंट रेलवे स्टेशन के पुराने आरक्षण केंद्र में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल का निर्माण नवंबर में कम्प्लीट हो जाएगा। अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। बनारस में ट्रिब्यूनल होने से बनारस के साथ बिहार, मप्र के कुछ जिलों के मामलों की सुनवाई होगी.

गौरव दीक्षित, स्टेशन डायरेक्टर

Posted By: Inextlive