केसरिया बाना, कांधे पर कांवर ताना
वाराणसी (ब्यूरो)। सावन का तीसरा और पुरुषोत्तम मास का पहला सोमवार 24 जुलाई को है। इस विशेष दिन पर काशी में बाबा के हरिहरात्मक रूप में दर्शन का अवसर कोई गंवाना नहीं चाहता है। इसलिए शिवभक्तों का हुजूम एक दिन पहले ही काशी में उमड़ पड़ा। केसरिया बाना, कांधे पर कांवर ताना और बोल बम के घोष से वातावरण में भक्ति रस घोल दिया। सभी की एक ही मंजिल बाबा दरबार रही। ललिताघाट का मार्ग बंद होने की वजह से श्रद्धालुओं को उधर जाने नहीं दिया गया.
हर ओर शिवभक्तहर ओर से उमड़े शिवभक्तों की कतार श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में रविवार को सुबह से ही लगने लगी थी जोकि शयन आरती तक जारी रही। मंदिर चौक से आगे बढ़ते और गर्भगृह के बाहर से झांकी दर्शन संग जलार्पण करते शिवभक्तों का रेला लगातार बढ़ता ही रहा। हालांकि गंगा में बढ़ाव के चलते गंगा द्वार से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद कर दिया गया है.
बड़ी संख्या में कांवरियेबाबा का जलाभिषेक करने को आतुर श्रद्धलुओं का हुजूम एक बार फिर काशी विश्वनाथ मंदिर में उमड़ा रहा। बाबा के जलाभिषेक का सिलसिला रविवार को दिनभर जारी रहा। बड़ी संख्या में बोलबम जत्थों का हुजूम कतारबद्ध होते हुए जल चढ़ाते रहे। देर रात छत्ताद्वार और बांसफाटक की ओर लगी लंबी कतारों में प्रतीक्षारत श्रद्धालुओं गर्भगृह के कपाट खुलने की प्रतीक्षा में जुटे रहे। इस दौरान रह-रहकर हर-हर महादेव का उद्घोष गंूजता रहा.
घाट किनारा केसरियामय रविवार की सुबह से ही प्रमुख मार्गों सहित घाट किनारा केसरिया रंग से रंगा नजर आया्र। घाटों पर स्नान के लिए बोल बम का उद्घोष करते कांवरियों के जत्थों का उल्लास देखते ही बन रहा था। शिवभक्त गंगा स्नान के साथ कलश में जल भरकर महादेव का उद्घोष करते हुए कांवरियों का हुजूम नंगे पांव मंदिर की ओर बढ़ता रहा। इसमें कांवरियों सहित तीर्थ यात्री भी शामिल रहे. रहेगी अच्छी भीड़ भक्तों की उमड़ी भीड़ ने इस बात का संकेत दे दिया कि सावन की तीसरी सोमवारी को उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है। इसे लेकर जिला प्रशासन व कमिश्नरेट पुलिस ने तैयारियों को चाक-चौबंद कर लिया था। वहीं, रविवार को स्वर्णमंडित गर्भगृह के कपाट बंद होने तक एक लाख से ज्यादा शिवभक्तों ने ने बाबा का जलाभिषेक किया। शिवभक्तों की उमड़ी भीड़ से दशाश्वमेध क्षेत्र ठसाठस रहा. बाबा का विशेष श्रृंगार आजतीसरा सोमवार पर बाबा काशी विश्वनाथ अमृत वर्षा श्रृंगार स्वरूप में स्वर्णमंडित गर्भगृह में विराजमान होंगे। भ्रक्तों को इस रूप में उनका दर्शन रात आठ से 10 बजे तक प्राप्त होगा.
84 घाट व 12 कूपों के जल से होगा अभिषेक तीसरे सोमवार को विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के बैनर तले व्यापारी बंधु बाबा विकानाथ का जलाभिषेक करेंगे। जलाभिषेक कार्यक्रम शोभायात्रा के रूप में दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क से उठकर सिंह द्वार, विश्वनाथ गली होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच कर बाबा का जलाभिषेक करेगा। इस बार बाबा का 84 घाटों व 12 कूपों के जल से अभिषेक किया जाएगा। बीते वर्ष 11 समुद्र का जल बाबा को चढ़ाया गया था.