सीबीएसई हेल्पलाइन पर कॉल करके स्टूडेंट्स पूछ रहे सवाल सोमवार को एक्सपर्ट ने दिए स्टूडेंट्स के सभी क्वेश्चन के आंसर


वाराणसी (ब्यूरो)सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा हिंदी सब्जेक्ट के साथ सोमवार से शुरू हो गई। वैसे तो परीक्षा 15 फरवरी से ही शुरू हो गई थी, जोकि संगीत, पेंटिंग, ऑटोमोटिव, फूड प्रोडक्शन, क्षेत्रीय भाषाओं समेत कुछ आसान विषयों के थे। दरअसल, इन दिनों अच्छी तैयारी के बावजूद स्टूडेंट्स कई तरह के कन्फ्यूजन और डर से घिर जाते हैं। ऐसे में वे लगातार सीबीएसई की हेल्पलाइन में कॉल करके एक्सपर्ट से अपने क्वेश्चन का आंसर पूछ रहे हैं। इस दौरान कोई टेंशन में सब भूलने की बात कह रहा है तो कोई लांग क्वेश्चन को लेकर सवाल कर रहा है। सोमवार को एक्सपर्ट ने सभी स्टूडेंट्स के जवाब देकर उन्होंने संतुष्ट किया.

कुछ यूं सॉल्व हुईं समस्याएं

सवाल : क्या पेपर के आखिरी सवाल से भी शुरुआत कर सकते हैं?

जवाब : आंसर शीट में सबसे पहले सही ढंग से रोल नंबर लिखें। याद रहे, पहला अंक दिए गए बॉक्स के बाहर लिखना है। रोल नंबर लिखते समय कोई भी ओवर राइटिंग न करें। आंसर लिखते समय क्रम कोई भी रखा जा सकता है। लेकिन, कोशिश करें कि एक सेट के सारे सवालों के जवाब एक ही स्थान पर लिखें। ऐसा ना हो कि किसी सवाल के 'एÓ और 'बीÓ का उत्तर एक जगह है और 'सीÓ का उत्तर आपके तीन सवालों के बाद कहीं बीच में दिया है। पहले जो सवाल अच्छी तरह आते हैं, उन्हें हल करें.

सवाल : लांग क्वेश्चन को कितना मिनट दें?

जवाब : ज्यादातर स्टूडेंट्स को लगता है कि अगर वह आंसर को बहुत लांग लिख देंगे तो उन्हें ज्यादा नंबर मिलेंगे। ऐसा सोचना उनका गलत है। आप आंसर को उतना ही लांग लिखें, जितना कि क्वेश्चन में पूछा गया हो। ज्यादातर स्टूडेंट्स को लांग आंसर लिखने में बाकी सवाल के लिए समय नहीं मिल पाता है, जिससे एग्जाम के समय मुश्किल होती है.

सवाल : जो पढ़ा था, वो भूलता जा रहा हूं। टेंशन हो रही है, क्या करूं?

जवाब : कई बार तनाव में ऐसा आभास होता है कि कुछ भी याद नहीं है और सब कुछ भूल चुके हैं। इसे दूर करने का आसान तरीका यह है कि आप सारी किताबें स्टडी टेबल से हटा दें और सभी विषयों के सैंपल पेपर सॉल्व करें। आप पेपर को हल करते जाएंगे तो आपके आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता जाएगा। आप पाएंगे कि ज्यादातर चीजें आपकी तैयार हैं। भूल जाना सिर्फ एक आभास था। अब जिन सवालों को हल नहीं कर पाए हैं, उनको लिखकर रिवाइज करें, ताकि यह ज्यादा बेहतर ढंग से तैयार हो सके.

सवाल : फेल तो नहीं हो जाऊंगा?

जवाब : बेहतर रैंक के लिए थोड़ी सी मेहनत और करनी होगी। एक बार सारी किताबों के आखिरी पेज पर दिए गए मिसलेनियस सवालों को लिख-लिख कर तैयार कर लीजिए.

सवाल : ऐसा लग रहा है जैसे तैयारी पूरी नहीं है, कैसे तैयारी करें?

जवाब : अब कुछ भी नया पढऩे का समय नहीं बचा है। आपने अब तक जो चैप्टर्स तैयार किए हैं, उन्हें बार-बार रिवाइज करते रहें। सीबीएसई की वेबसाइट पर सभी विषयों में चैप्टर के हिसाब से वेटेज भी दिया गया है। एक बार इसको सामने रखकर तैयारी करें। सब्जेक्ट रिवाइज करते समय उन चैप्टर्स को टिक कर लें, जिनका एग्जाम में वेटेज ज्यादा है। कोशिश करें, 15 दिनों में सभी चैप्टर्स एक बार रिवाइज कर लें। ज्यादा वेटेज वाले चैप्टर्स को दोहराने की कोशिश करें.

सवाल : पढऩे बैठता हूं तो ध्यान नहीं लगता, किताब देखते ही नींद आने लगती है?

जवाब : इसका मतलब है कि आपने एग्जाम के तनाव के चक्कर में अपना शेड्यूल गड़बड़ कर लिया है, जिससे नींद डिस्टर्ब हुई है। दिन का शेड्यूल बनाएं और तय करें कि बाकी बचे दिनों में आपको कौन-कौन से टॉपिक कवर करने हैं। टारगेट सामने होगा, तो नींद नहीं आएगी.

स्टूडेंट्स लगातार सीबीएसई की हेल्पलाइन में कॉल कर रहे हैं और एक्सपर्ट से अपने क्वेश्चन का आंसर पूछ रहे हैं। सोमवार को एक्सपर्ट ने बच्चों के सभी सवालों का जवाब दिया.

गुरमीत कौर, प्रिसिंपल, डालिम्स सनबीम स्कूल

Posted By: Inextlive