Varanasi news : सिक्योरिटी भंग कर रही प्राइवेसी
वाराणसी (ब्यूरो)। हाईटेक दौर में अपराधी पहले से अधिक शातिर हो गए हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे की नजर से वह बच नहीं पा रहे हैं। यही वजह है कि हाल ही में हुई 80 फीसदी घटनाओं का खुलासा सीसीटीवी कैमरे में कैद गतिविधियों के आधार पर ही किया गया। साथ ही शहर की सेफ्टी में भी मददगार साबित हो रहे हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरों की वजह से लोगों की निजता यानी प्राइवेसी भंग हो रही है। सुरक्षा के नाम पर शहर के अधिकतर घरों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाकर जासूसी भी हो रहा है, जो आपके निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
शहर में लगे हैं 90 हजार से अधिक कैमरे
शहर में तीसरी आंख की बढ़ती संख्या से अपराधियों को पकड़े जाने का भय है, लेकिन कई लोगों को खुद की जासूसी का डर भी सता रहा है। स्मार्ट सिटी, सेफ सिटी समेत तमाम योजनाओं के तहत 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा शोरूम, स्टोर, मॉल, आफिस और दुकानों के बाहर सेफ्टी के लिए 30 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। साथ ही कालोनियों, मुहल्लों और गलियों में अधिकतर गृह स्वामियों ने घरों के बाहर 50 हजार से सीसीटीवी कैमरे लगा रखा है।
राइट और लेफ्ट एंगल पर अधिकतर कैमरे
शहर की बड़ी-बड़ी कालोनियों, सोसाइटी, मुहल्लों और गलियों में बने अधिकतर घरों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन कैमरों का फेस सामने होना चाहिए, लेकिन अधिकतर कैमरों का एंगल राइट और लेफ्ट है। राइट और लेफ्ट एंगल से पड़ोस में रहने वालों की प्राइवेसी यानी निजता भंग हो रही है। परिवार के सदस्य कब घर से बाहर निकल रहे हैं और कब लौट रहे हैं। घर में कितने लोग हैं। कौन-कौन सदस्य बाहर हैं। हर दिन की गतिविधियों पर कैमरों की नजर रहती है।
केरल हाई कोर्ट का जजमेंट
अगर कोई पड़ोसी सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर आपकी जासूसी कर रहा है तो ये आपके निजता के अधिकार का उल्लंघन है। केरल हाई कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में कहा है कि इस तरह सीसीटीवी कैमर के दुरुपयोग की इजाजत नहीं जा सकती। कोर्ट ने राज्य के पुलिस चीफ को सीसीटीवी कैमरे का मिसयूज रोकने को गाइडलाइंस बनाने को कहा है। कोई व्यक्ति पड़ोसी के घर में ताक-झांक करने के लिए सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगवा सकता।
मेरे पड़ोसी ने चार सीसीटीवी कैमरे लगवा रखे हैं। कैमरे का फेस मेरे गेट की तरह है। मेरी फैमिली के सदस्य कब घर से बाहर जा रहे हैं और कब आते हैं। वह चाहेंगे तो वे देख सकते हैं, जो मेरे लिए सही नहीं है.
- संतोष उपाध्याय
कालोनी में अधिकतर मकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जो सेफ्टी प्वाइंट से सही है, लेकिन इससे मेरी फैमिली के साथ और लोगों की निजता भंग हो रही है। इस पर गाइडलाइन होनी चाहिए.
- महेश गुप्ता
शहर की सड़कों पर शोरूम, स्टोर, मॉल, आफिस और दुकानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। गली, मोहल्ले और कालोनी में भी हर मोड और मुख्य प्वाइंट पर ही सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए.
- शशांक शर्मा
सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों को पकडऩे में मदद मिल रही है, लेकिन अब तो कैमरे लगाने का फैशन चल पड़ा है। जहां जरूरत महसूस हो, उन्हीं जगहों पर कैमरे लगने चाहिए.
- रिजवान अहमद
सेफ्टी प्वाइंट से सीसीटीवी कैमरे बहुत जरूरी है। इससे अपराध में भी कमी आई है। कैमरों के राइट और एंगल वाली बात ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए लोगों से अपील भी की जाएगी.
- आरएस गौतम, डीसीपी काशी