Varanasi news: बनारस में इतिहास रचने की तैयारी, तीसरी बार पीएम मोदी
वाराणसी (ब्यूरो)। बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में वाराणसी लोकसभा सीट से एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी के उम्मीदवारी की घोषणा हुई है। यह खबर जैसे ही दिल्ली से बनारस पहुंची तो जश्न का दौर शुरू हो गया। कहीं मिठाई खिलाकर तो कहीं पटाखे छोड़कर खुशी जाहिर की गई। देश की वीवीआईपी सीट वाराणसी से लगातार तीसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी के नाम की घोषणा के साथ भाजपा ने इतिहास रचने की गारंटी भी ले ली है। इस सीट पर अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इसमें सात बार कांग्रेस और सात बार बीजेपी को जीती है। अभी तक भाजपा ने लगातार शंकर प्रसाद जायसवाल को तीन बार प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने बतौर सांसद लगातार सात साल तक बनारस की सेवा की, लेकिन पीएम मोदी लगातार दस साल से बनारस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आगामी पांच साल के लिए फिर मौका मिला है।
दो बार से सांसद हैैं मोदी
इस सीट से पिछले दो बार से लगातार पीएम नरेंद्र मोदी सांसद रहे हैं। पीएम मोदी तीसरी बार भी वाराणसी से ही चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी इस सीट पर एक बार से पीएम मोदी की बड़ी जीत की तैयारी में जुटी हुई है। वहीं विपक्षी दल सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं किया है। वाराणसी लोकसभा सीट हमेशा से ही सुर्खियों में रही है। इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व रहा है। पीएम मोदी से पहले 2009 में बीजेपी से मुरली मनोहर जोशी सांसद बने थे। जिसके बाद 2014 में पीएम मोदी को इस सीट से प्रत्याशी बनाया गया। पीएम मोदी जब गुजरात से वाराणसी आए तो उन्होंने कहा था कि मुझे तो मां गंगा ने बुलाया है।
2014 में मोदी के सामने थे केजरीवाल
किस पार्टी को कितने वोट मिले
वाराणसी सीट से बीजेपी के कई दिग्गज सांसद रह चुके हैं, लेकिन पीएम मोदी के एंट्री के बाद से यहां का चुनाव काफी दिलचस्प रहा है। साल 2014 में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, और दूसरे नंबर पर रहे। कांग्रेस के अजय राय तीसरे और बसपा चौथे नंबर पर रही। पीएम मोदी को इस चुनाव में 32.89 फीसदी वोट मिले। जबकि केजरीवाल को सिर्फ 11.85 फीसद वोट मिले।
2019 में मोदी को 63.6 प्रतिशत वोट मिला
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा। इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी को पहले से भी कहीं ज्यादा 6,74,664 वोट मिले और वोट फीसद 63.6 प्रतिशत रहा। सपा की शालिनी यादव दूसरे नंबर पर रही, उन्हें कुल 1,95,159 वोट मिले और वोट 18.4 प्रतिशत रहा। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के अजय राय रहे, उन्हें 14.38 प्रतिशत वोट के साथ कुल 1,52,548 मत मिले.
वाराणसी संसदीय सीट का अब तक का इतिहास
1952 : रघुनाथ सिंह, कांग्रेस
1957 : रघुनाथ सिंह, कांग्रेस
1962 : रघुनाथ सिंह, कांग्रेस
1967 : सत्य नारायण सिंह, माकपा
1971 : राजाराम शास्त्री, कांग्रेस
1977 : चंद्रशेखर, लोकदल
1980 : कमलापति त्रिपाठी, कांग्रेस
1984 : श्यामलाल यादव, कांग्रेस
1989 : अजय यदुवंशी, जनता दल
1991 : श्रीशचंद्र दीक्षित, भाजपा
1996 : शंकर प्रसाद जायसवाल, भाजपा
1998 : शंकर प्रसाद जायसवाल, भाजपा
1999 : शंकर प्रसाद जायसवाल, भाजपा
2004 : डॉ। राजेश कुमार मिश्रा, कांग्रेस
2009 : डॉ। मुरली मनोहर जोशी, भाजपा
2014 : नरेंद्र मोदी भाजपा
2019 : नरेंद्र मोदी भाजपा
चंदौली में हैट्रिक की राह पर महेंद्र पांडेय
बनारस के दो विधानसभा क्षेत्र शिवपुर और अजगरा से तैयार चंदौली से पीएम मोदी की तरह मौजूदा सांसद डा। महेंद्रनाथ पांडेय पर एक बार फिर से भाजपा ने विश्वास जताया है। वह लगातार तीसरी पर चंदौली लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में आ गए हैं। कयास तो पहले से लगाए जा रहे थे, लेकिन घोषणा होने के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.
अब जौनपुर से राजनीतिक सफर पर कृपाशंकर
बनारस से लगायत जौनपुर संसदीय सीट से भाजपा ने महाराष्ट्र की राजनीति में खास दखल रखने वाले कृपाशंकर ङ्क्षसह को प्रत्याशी बनाया है। मुंबई में रहने वाले बावजूद कृपाशंकर सिंह की पकड़ जौनपुर समेत पूरे पूर्वांचल में अ'छी-खासी है। मायानगरी में उन्होंने विधायक से लेकर गृह राज्यमंत्री के रूप में न सिर्फ जनसेवा किया, बल्कि सांगठनिक दायित्वों का भी बखूबी निर्वहन किया। बदलापुर विधानसभा के महराजगंज ब्लाक क्षेत्र के सहोदरपुर निवासी कृपाशंकर ङ्क्षसह को 1994 में विधान परिषद सदस्य, 1999 में पहली बार विधायक के साथ उन्हें गृह राज्यमंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी मिल गई। इसके बाद वर्ष 2004 से 2014 तक दो बार महाराष्ट्र सदन में जनता की आवाज बने। पार्टी के नीतियों से व्यथित होकर उन्होंने 10 सितंबर 2019 को धारा 370 के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर उन्होंने सात जुलाई 2021 को भाजपा की बागडोर थाम ली.