Varanasi news: पॉलिटिक्स प्रोसिजर... कब जब्त होती है जमानत, रोचक है काशी का रिकॉर्ड
वाराणसी (ब्यूरो)। लोकसभा चुनावों में जमानत जब्त होने के भी दिलचस्प रिकॉर्ड रहे हैं। मजेदार बात यह है कि राज्यस्तरीय क्षेत्रीय दल व पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों के ही नहीं बल्कि कई बार राष्ट्रीय पार्टियों के प्रत्याशियों तक जमानत नहीं बचा सके। वैसे लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के काशी आने के बाद यहां हर चुनाव में नए-नए रिकॉर्ड बने हैं। लोकसभा चुनाव 2014 में हाल ये था कि चुनाव लड़े 42 प्रत्याशियों में सिर्फ आप प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल और तीसरे स्थान पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय ही अपनी जमानत बचा सके थे। बाकी 40 कैंडिडेट की जमानत जब्त हो गई थी। इसी तरह 2019 में 26 प्रत्याशियों में लगभग दो दर्जन की जमानत जब्त हो गई थी।
2014 में किसे कितने वोट
2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी पांच लाख 81 हजार 22 मत पाकर विजयी हुए। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल को दो लाख 88 हजार 784 मतों के भारी अंतर से पराजित किया था। केजरीवाल को दो लाख 92 हजार 238 मत मिले थे। तब कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अजय राय को मात्र 75 हजार 614 मत मिले थे। सपा के कैलाश चौरसिया को महज 45 हजार 291 मत मिले थे। बसपा के प्रत्याशी विजय जायसवाल को महज 60 हजार 579 मत मिले थे। सीपीआई के प्रत्याशी हीरालाल दो हजार 457 वोटों तक सिमट गए। 16 प्रत्याशियों ने एक से डेढ़ हजार मत प्राप्त किए तो 10 प्रत्याशी तीन अंक से भी आगे नहीं बढ़ सके.
2019 में दो दर्जन की जमानत जब्त
2019 में वाराणसी लोकसभा चुनाव में 102 लोगों ने नामांकन-पत्र दाखिल किया था। इनमें 96 पुरुष और छह महिलाएं रहीं। जांच में 67 पुरुषों और चार महिलाओं यानि कुल 71 नामांकन रद हो गये। पांच लोगों ने चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया था। 24 पुरुष एवं दो महिला समेत कुल 26 उम्मीदार मैदान में रह गये थे। चुनाव में प्रधानमंत्री व भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को 6,74,664, सपा प्रत्याशी शालिनी यादव को 1,95,159, कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को 1,52,548 वोट मिले थे। इसके अलावा कोई भी प्रत्याशी नौ हजार से अधिक वोट भी नहीं पा सका था। 12 प्रत्याशी एक से दो हजार के बीच वोट पा सके। 11 प्रत्याशी ऐसे रहे जो एक हजार वोट भी नहीं पा सके.
क्या होती है जमानत राशि?
नियम के मुताबिक सभी प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे के लिए चुनाव आयोग के सामने एक निश्चित राशि जमा करनी होती है। अगर नतीजे आने पर वह प्रत्याशी निश्चित मत प्रतिशत नहीं हासिल करता है तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है.
कितनी होती है जमानत राशि?
- हर चुनाव के लिए अलग-अलग जमानत राशि होती है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव की जमानत राशि का जिक्र रिप्रेंजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट, 1951 में जबकि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव की जमानत राशि का जिक्र प्रेसिडेंट एंड वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन एक्ट, 1952 में किया गया है।
- लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सामान्य वर्ग और एससी-एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग जमानत राशि होती है। जबकि, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में सभी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए एक ही राशि होती है.
किस चुनाव में कितनी राशि?
- लोकसभा चुनाव : सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपए की जमानत राशि जमा करानी होती है। वहीं, एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये रकम 12,500 रुपए होती है.
- विधानसभा चुनाव : सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के लिए जमानत राशि की रकम 10 हजार रुपए होती है, जबकि एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 5 हजार रुपये जमा कराने होते हैं.
क्यों होती है जमानत जब्त?
- चुनाव आयोग के मुताबिक, जब कोई उम्मीदवार सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी 16.66 प्रतिशत वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है।
- मान लें किसी सीट पर 1 लाख वोट पड़े हैं और वहां 5 उम्मीदवारों को 16,666 से कम वोट मिले हैं, तो उन सभी की जमानत जब्त कर ली जाएगी।
कब वापस होती है जमानत राशि?
- उम्मीदवार को जब 1/6 से ज्यादा वोट हासिल होते हैं तो उसकी जमानत राशि लौटा दी जाती है।
- जीतने वाले उम्मीदवार को भी उसकी रकम वापस कर दी जाती है, भले ही उसे 1/6 से कम वोट मिले हों.
- वोटिंग शुरू होने से पहले अगर किसी उम्मीदवार की मौत हो जाती है, तो उसके परिजनों को रकम लौटा दी जाती है.
- उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने या फिर नामांकन वापस लेने की स्थिति में जमानत राशि वापस कर दी जाती है.
2022 विधानसभा चुनाव
46 प्रत्याशियों की जमानत हुई थी जब्त
विधानसभा चुनाव 2022 में वाराणसी की कुल आठ विस क्षेत्रों में 71 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इनमें से 46 अपनी जमानत नहीं बचा सके। इस बार विधानसभा चुनाव में 15,476 ऐसे मतदाता भी रहे, जिन्होंने आठ विधानसभा सीटों पर अपना मत किसी प्रत्याशी को नहीं बल्कि नोटा को दिया। सभी राउंड में 50 से अधिक मत नोटा वाले मिलते जा रहे थे।
मेयर चुनाव 2023
9 प्रत्याशियों की जब्त हुई थी जमानत
वाराणसी में मेयर पद के चुनाव में 11 प्रत्याशी लड़े। इसमें बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई। समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही और 9 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बीजेपी के अशोक तिवारी को 2,91,852 और दूसरे नंबर पर रहे सपा के ओमप्रकाश सिंह को 1,58,715 मत मिले थे। इनके अलावा सभी की जमानत जब्त हो गई थी.
लोकसभा चुनाव में सामान्य व पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों के लिए 25 हजार व एससी-एसटी वर्ग के प्रत्याशियों के लिए 12500 रुपए की जमानत राशि तय की गई है। ये तब जब्त हो जाती है जब कुल पड़े वोट का 1/6 प्रतिशत वोट कोई प्रत्याशी नहीं पा सकता।
विपिन कुमार, उपजिला निर्वाचन अधिकारी, वाराणसी