Varanasi news: फेल पुलिसिंग! महिला व बाल अपराध में वरुणा जोन फस्र्ट
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी कमिश्नरेट का वरुणा जोन महिला अपराध में सबसे आगे है। एक जनवरी से 30 अप्रैल तक महिला अपराध को लेकर कुल 70 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसमें गिरफ्तारी सिर्फ 27 आरोपितों की हो पाई है। सबसे अधिक नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के कुल 47 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें अब तक सिर्फ 8 लोगों की गिरफ्तारी और 25 नाबालिगों की बरामदगी हुई है।
काशी जोन है सेकंड
दूसरे नंबर पर काशी जोन है, यहां महिला और बाल संबंधित कुल 57 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें अब तक 30 की गिरफ्तारी और 24 नाबालिग लड़कियों को बरामद किया गया है। तीसरे नंबर पर ग्रामीण क्षेत्र गोमती जोन है। पूरे जोन में 49 एफआईआर हुई है, जिसमें 21 की गिरफ्तारी और 24 बरामदगी हुई है।
नाबालिग को भगाने में 87 फरार
वाराणसी कमिश्नरेट में सबसे अधिक नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने का मामला सामने आया है। पूरे जनपद में चार महीने में आईपीसी की धारा 363 व 366 में कुल 118 एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें गिरफ्तारी सिर्फ 31 आरोपितों की हो पाई है। हालांकि, नाबालिग की बरामदगी की संख्या 73 है। आंकड़ों पर गौर करें तो 87 लोग अब भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाए हैं, जबकि 45 नाबालिग अब भी लापता हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी और बरामदगी का प्रयास कर रही है।
रोज महिलाएं होती शिकार
वाराणसी में रोजाना विवाहिताएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 में वाराणसी की 485 महिलाओं ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। सालभर में दहेज हत्या के 25 मुकदमे दर्ज किए गए और नौ महिलाओं को आत्महत्या के लिए उकसाया गया। 208 महिलाओं का अपहरण हुआ। इनमें 128 महिलाओं का अपहरण शादी के उद्देश्य से किया गया। वर्ष 2022 में वाराणसी में भारतीय दंड संहिता और विशेष व स्थानीय कानून (एसएलएल) के तहत महिलाओं से संबंधित 1011 मुकदमे दर्ज किए गए थे.
हर तीसरे दिन छेडख़ानी
कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद भी वाराणसी में युवतियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, ऐसा एनसीआरबी के आंकड़े कहते हैं। वर्ष 2022 में महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 61 मुकदमे और दुष्कर्म के प्रयास के आरोप में एक मुकदमा दर्ज किया गया। इस तरह से औसतन हर छठे दिन एक महिला से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। इसी तरह छेडख़ानी के 113 मामले दर्ज हुए। यानी, हर तीन दिन बाद एक महिला से छेडख़ानी का मामला दर्ज किया गया.
महिला एवं बाल संबंधित अपराधों वांछित आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश की कार्रवाई की जा रही है। इस तरह के अपराध को रोकने के लिए महिला और लड़कियों को जागरूक किया जा रहा है। पहले की अपेक्षा में अपराध में कमी भी आई है।
ममता रानी, एडीसीपी महिला अपराध