कचहरी में पुलिस-वकीलों के भी हथियार ले जाने पर रोक
वाराणसी (ब्यूरो)। लखनऊ कोर्ट में मुख्तार के शूटर संजीव जीवा के मर्डर के बाद वाराणसी दीवानी कचहरी में अब पुलिसवाले और वकील भी असलहा लेकर नहीं जा सकेंगे। केवल वहां सुरक्षा के लगे जवान ही हथियार रख सकेंगे। कोई पुलिसकर्मी वहां जाएगा तो पहले पुलिस चौकी कचहरी में हथियार जमा करेगा। नया सुरक्षा प्लान तत्काल लागू कर दिया गया है।
क्या-क्या तय हुआजिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश की अध्यक्षता में बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अलावा न्यायिक और पुलिस अधिकारियों की बुधवार को हुई संयु1त बैठक में कई अहम फैसले हुए। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि दीवानी कचहरी में एंट्री के छह प्वाइंट हैं, लेकिन तीन पर ही उच्च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे में लगे हैं। शेष प्वाइंट पर भी उच्च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। गेट नंबर दो पर एक बैगेज स्कैनर लगा है, दो और बढ़ाए जाने चाहिए। वादकारियों के लिए छह में से दो या तीन गेटों से प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि, इसका निर्धारण होना शेष है। न्यायिक अधिकारी,कर्मचारियों के लिए गेट नंबर एक निर्धारित किया गया। न्यायिक अधिकारियों को छोड़ बाकी को कचहरी परिसर में एंट्री चेकिंग और परिचयपत्र दिखाने पर मिलेगी।
बैठक में ये ते मौजूदबैठक में एडीजे संजीव कुमार सिन्हा,अनुभव द्विवेदी, सीजेएम नितेश कुमार सिन्हा, सेंट्रल बार अध्यक्ष प्रभुनारायण पांडेय, बनारस बार अध्यक्ष रामप्रवेश सिंसह, महामंत्री शशिकांत दूबे व प्रदीप कुमार राय, डीसीपी अमित कुमार, एसीपी कैंट अतुल अंजान त्रिपाठी, इंस्पेक्टर कैंट प्रभुकांत आदि मौजूद रहे.
पुलिस ने भी की अपनी तैयारी पुलिस पेशी पर आए अपराधियों की सुरक्षा के लिए विशेष चक्रव्यूह तैयार करेगी। अपराधियों के बारे में पहले से तैयार अभिसूचना के आधार पर सुरक्षा घेरा बनाया जाएगा। विशेष पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने नई स्ट्रेटजी के साथ काम करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश सभी जनपद और कमिश्नरेट के न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था पर लागू होगी। उन्होंने अभिसूचना तंत्र को सभी जनपदों में और सक्रिय और मजबूत बनाने का निर्णय दिया है.