प्लास्टिक बंद नहीं हुआ पर नगर निगम की बेहिसाब कमाई
वाराणसी (ब्यूरो)। प्लास्टिक अभियान ने नगर निगम को मालामाल कर दिया है। कैंपेन से सिटी में प्लास्टिक का चलन तो रुका नहीं लेकिन नगर निगम के खजाने में बेहिसाब कमाई आई। निगम की टीम ने पिछले चार साल में 209 टन प्लास्टिक जब्त कर एक करोड़ 60 लाख रुपया जुर्माना वसूलकर रिकॉर्ड बना दिया है। प्रतिबंधित प्लास्टिक पर नकेल कसने के लिए नगर निगम ने ïवर्ष 2019 के अप्रैल माह में प्रवर्तन दल की टीम का गठन किया। टीम ने सिटी में कैंपेन चलाकर प्लास्टिक विक्रेताओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की। इनमें ठेला-खोमचा से लेकर मिठाई के दुकानदार और फैक्ट्री शामिल हैं। सबसे अधिक टीम ने मंडी के प्रतिष्ठानों में छापेमारी की कार्रवाई की है.
सड़क बनाने में इस्तेमाल2019 से लेकर 2023 जुलाई तक नगर निगम की प्रवर्तन दल की टीम ने 209 टन प्लास्टिक जब्त किया है। इनमें से कई टन प्लास्टिक को सड़क बनाने में इस्तेमाल किया जा चुका है। कई टन प्लास्टिक को नष्ट कर दिया गया है। अभियान के तहत जहां से भी प्लास्टिक मिलते थे, विभाग की टीम जब्त कर नगर निगम लाते थे.
तीन साल में 99,42183 लाख की वसूलीनगर निगम के प्रवर्तन दल की टीम की मानें तो 2019 मार्च से लेकर 2022 मार्च तक यानी तीन सालों में नगर निगम ने अकेले 1,77,420 किलो प्लास्टिक जब्त करते हुए 99,42,183 रुपये की वसूली की। इसके बाद भी अभियान नहीं रुका। अप्रैल से फिर अभियान में टीम जुटी। 2023 जुलाई तक अपने ही आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए 209 टन प्लास्टिक जब्त कर 1 करोड़ 60 रुपए की वसूली की.
निगम के खजाने में बेहिसाब कमाई प्लास्टिक अभियान के तहत नगर निगम के खजाने में बेहिसाब कमाई आई। कारखाने, फैक्ट्रियों और प्रतिष्ठानों में छापेमारी नहीं रुकी। टीम के लोग लगातार छापेमारी में जुटे रहे। टीम की इस कार्रवाई से सिटी में प्लास्टिक विक्रेताओं ने प्लास्टिक बेचना कम कर दिया लेकिन बंद नहीं हुआ। आज भी ठेला, खोमचा और प्रतिष्ठानों से सामान खरीदने पर प्लास्टिक में ही भरकर दिया जा रहा है। यह प्लास्टिक सीधे घरों में आ रहा है. सब्जी मंडी से लेकर दुकानों तकनगर निगम भले ही सिटी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए तमाम दावा कर रहा हो लेकिन सच्चाई यही है कि अभी भी सिटी में खुलेआम प्लास्टिक को बेचा जा रहा है। हालांकि नगर निगम प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने के लिए तमाम इलाकों में प्लास्टिक मुक्त अभियान के पोस्टर बैनर लगाए हैं लेकिन, हकीकत यही है कि शहर के तमाम इलाकों में प्लास्टिक का कारोबार चल रहा है.
बड़े दुकानों से एक साथ प्लास्टिक के पकड़े जाने पर 50,000 से 2 लाख रुपये तक के जुर्माने की कार्रवाई की जाती है, जबकि छोटे दुकानदारों के साथ 25 से 50 रुपये और 100 से लेकर 5000 रुपये तक की वसूली की कार्रवाई की जाती है। अभियान चलाकर लगातार प्लास्टिक विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई जारी है. राघवेन्द्र मौर्या, प्रभारी, प्रवर्तन टीम