1 शोरूम से शुरू हुआ था बाजार, 40 साल में बढ़कर हुआ 200
वाराणसी (ब्यूरो)। सीजन कोई भी हो, यहां की रौनक देखने लायक होती है। यहां की चकाचौंध पूरे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है। खासकर जब कोई फेस्टिवल नजदीक आता है तो और भी रौनक बढ़ जाती है। जी हां, बात हो रही है मलदहिया बाजार की। यहां रेडिमेड गारमेंट्स में सूट, शेरवानी का सबसे बड़ा हब है। एक से एक ब्रांडेड साड़ी, सूट, शेरवानी के आउटलेट्स के अलावा ज्वेलरी, कास्मेटिक की तमाम दुकानें मौजूद हैं। शादी विवाह का ओकेजन हो या फिर फेस्टिवल, सीधे लोग यहीं खरीदारी के लिए आते हैं, क्योंकि यहां पर सभी रेंज की सूट, शेरवानी उपलब्ध रहते हैं। एलीट क्लास से लेकर लग्जीरियस पर्सन तक के रेंज यहां के शोरूम में उपलब्ध हैं। यही वजह है कि यह मार्केट हमेशा कस्टमर्स से भरा पड़ा रहता है। कस्टमर्स की सहूलियत के लिए यहां के दुकानदारों ने पूरा इंतजाम कर रखा है। कोई सूट की खरीदारी पर एक सूट फ्री दे रहा है तो साड़ी की खरीदारी पर 30 प्रतिशत की छूट दे रहा है। लिहाजा खरीदारी के लिए छूट पर लूट मची हुई है.
मार्केट में खास
लहुराबीर चौराहे से लेकर मलदहिया चौराहे तक एक से एक ब्रांडेड कपड़े का शोरूम है। मार्केट की खास बात यह है कि यह मार्केट सूट और शेरवानी के लिए जाना जाता है। लेडिज सूट या शेरवानी हो या फिर जेंट्स या फिर बच्चों के एक से एक कलर्स में कपड़े मौजूद हैं। यही नहीं पैंट शर्ट के अलावा साडिय़ों के भी कुछ शोरूम में मौजूद हैं। खासकर जब रात होती है तब इन शोरूम की जगमगाहट देखने लायक बनती है.
सूट-शेरवानी अब फैशन बना
शादी-विवाह के अलावा अब सूट व शेरवानी का क्रेज बर्थडे और पार्टियों की भी शान बन गई है। खरीदारी भी अब फैशन बन गया है। ग्राहकों की पसंद को देखते हुए शोरुम्स संचालकों ने एक से एक सूट, साड़ी के अलावा किड्स वियर दुकानों पर सजा रखे हंै। इसके अलावा शार्ट शट्र्स, फार्मल ट्राउजर, सलवार सूट, जींस की टीशर्ट भी मौजूद है।
एक करोड़ का कारोबार
मलदहिया गारमेंटस मार्केट का कारोबार 1 करोड़ का है। इसमें 80 परसेंट सूट और शेरवानी का है। इसके अलावा बच्चों के ड्रेस मैटेरियल्स की भी खरीदारी होती है। बच्चों के भी सूट व शेरवानी की रेंज शोरूम में उपलब्ध है। फिलहाल दुकानदारों का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब कारोबार बढ़ गया है.
40 साल पुराना है मार्केट
मलदहिया मार्केट के गारमेंट्स कारोबारियों की मानें तो 40 साल पुराना मार्केट है। पहले यहां पर एक दो गारमेंट्स की दुकानें थीं। कैंट रेलवे स्टेशन से नजदीक होने की वजह से सबसे पहले यहां पहला शोरूम शूट और शेरवानी का ओपेन हुआ। इसके बाद देखते ही देखते आज शूट और शेरवानी की करीब 80 से अधिक शोरूम हैं। इसके अलावा साड़ी, किड्स वियर, पैंट, शर्ट, पैंट कोर्ट, सूट-सलवार के भी शोरूम हैं। मलदहिया मार्केट में छोटे-बड़ेे मिलाकर करीब 200 शोरूम हैं।
भीड़ से बचने के लिए आते हैं ग्राहक
हर एज ग्रुप के लिए कपड़े खरीदना हो तो मलदहिया गारमेंट्स बाजार ग्राहकों के लिए बेस्ट ऑप्शन बन गया है। पूर्वांचल के ग्राहक गोदौलिया, नई सड़क लक्सा के जाम से बचने के लिए मलदहिया में खरीदारी के लिए आते हैं। किसी के पास वाहन न हो तो वह भी कैंट उतरने के बाद इंग्लिशिया लाइन चौराहे से आराम से मलदहिया आते हैं। आटो से किसी को आना हो तो वह कैंट चौराहे से सीधे आ सकता है.
शूट शेरवानी के लिए मलदहिया बाजार गारमेंट्स का सबसे बड़ा हब बन गया है। एक दशक में गारमेंट्स के कारोबार में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है.
मोहित भारुका, शोरूम संचालक
धोती-कुर्ता के अलावा स्टोन, क्रिस्टल से तैयार की गई शेरवानी लोगों की पहली पसंद बन गई है। शादी विवाह का सीजन हो या फिर त्योहार, हमेशा ग्राहकों की भीड़ आती है.
मोहन कुमार सेठ, शोरूम संचालक
मलदहिया बाजार में करीब 2 सौ से अधिक आउटलेट्स हैैं। अब किसी भी त्योहार में कपड़ा खरीदना लोगों का फैशन बन गया है। महिलाएं हो या फिर पुरुष त्योहार पर खरीदारी ज्यादा करने लगे हैं.
ब्रजभूषण, शोरूम संचालक
मलदहिया धीरे-धीरे गारमेंट्स का सबसे बड़ा हब बन गया है। यहां शहर ही नहीं पूरे पूर्वांचल से लोग खरीदारी के लिए आते हैं। शाम होते ही ग्राहकों की भीड़ से मार्केट पट जाता है.
बृजेन्द्र सिंह, बिजनेसमैन