डाकघरों में बने पासपोर्ट सर्विस सेंटर आवेदकों के लिए मुसीबत
वाराणसी (ब्यूरो)। डाकघरों में बने पासपोर्ट सेवा केंद्र लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। यहां आवेदन के एक माह तक भी आवेदकों की फाइल पासपोर्ट सेवा केंद्र नहीं पहुंच रही हैं। आवेदक पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
केस-1 चेतगंज निवासी तरुण शर्मा ने आवेदन किया, लेकिन एक माह के बाद उन्हें पता चला कि उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी है। उसके बाद उन्होंने अपने दस्तावेज दुरुस्त कराए। दो माह में फार्म जमा होने के बाद एक माह बाद गड़बड़ी का पता चला। उसके बाद पुलिस जांच में मामला फंस गया। पूरी काम के एक माह का समय लगा। चार माह के बाद तरुण को अपना पासपोर्ट मिल सका. केस-2सुंदरपुर निवासी सौरभ कुमार ने बताया कि डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र पर फार्म जमा करने के 25 दिन बाद भी मैसेज नहीं आया। जानकारी करने पर पता चला कि फाइल पीएसके नहीं पहुंची। उन्होंने पोओपीएसके पर संपर्क कर फाइल को मुख्यालय भिजवाया। यहां फाइल स्कैन होने के बाद पुलिस जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई.
यह दो केस सिर्फ उदाहरण के लिए है। ऐसे लोगों की बहुत है। जिन्होंने आवेदन कर दिया है, लेकिन अभी तक कोई मैसेज नहीं आया. रोज 950 आवेदन होता जमावाराणसी पासपोर्ट कार्यालय से 14 जिलों के लोगों के पासपोर्ट बनते हैं। रोज 950 लोगों को यहां आवेदन जमा करने का मौका दिया जाता है। इसके लिए पहले ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेना होता है, लेकिन लोगों को फार्म जमा करने के लिए एक माह बाद की तिथि मिल रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए सभी जिलों के मुख्य डाकघर में पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले गए हैं। लोग डाकघर में पासपोर्ट फार्म जमा करने के लिए अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं.
दो माह बाद का अप्वाइंटमेंट किसी डाकघर में 40 तो कहीं रोज 50 अप्वाइंटमेंट की सुविधा है। इस सुविधा से लोगों को वाराणसी आने की जरूरत नहीं पड़ती है। लगातार बढ़ती पासपोर्ट आवेदकों की संख्या से डाकघरों में भी दो माह बाद का अप्वाइंटमेंट मिल रहा है। इससे परेशानी हो रही है। आलम यह है कि आवेदन के एक माह बाद तक फाइल पर कोई काम नहीं होता। इससे मामलों की संख्या बढ़ रही है. महीनों तक जांच नहींडाकघर पासपोर्ट केंद्र पर आवेदक की बायोमेट्रिक तो हो जाती है, लेकिन केवल फार्म जमा ही हो पाता है। यहां से फार्म पहले पासपोर्ट सेवा केंद्र पर जाता है। यहां फार्म की चेकिंग के बाद पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया शुरू होती है। आवेदकों की पुलिस जांच रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है। पुलिस जांच होने के बाद एक सप्ताह के भीतर आवेदकों को पासपोर्ट मिल जाता है, लेकिन पीओपीएसके पर जमा फाइलों के महीनों तक भी जांच नहीं हो रही है.
केंद्रों पर वर्कलोड अधिक है, जिससे समय लग रहा है। व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जा रहा है. डीएस रावत, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी