अंग्रेजी के साथ आयुर्वेद दवाओं की कीमत में 10 से 30 परसेंट का आया उछाल खांसी सर्दी और बुखार तक की दवाएं हो गई महंगी

वाराणसी (ब्यूरो)सब्जी, फल, दाल और डीजल-पेट्रोल के साथ बच्चों के स्कूल फीस से लेकर किताब-कॉपी तक महंगा होने से लोगों के घर का बजट पहले से ही बिगड़ा हुआ है। अब पब्लिक को महंगी दवा की भी मार झेलनी पड़ रही है। मेडिसिन मार्केट में दवा खरीदने के लिए लोगों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। सीधे तौर पर कहें तो लोगों पर एक बार फिर महंगाई की मार पड़ी है। अंग्रेजी के साथ आयुर्वेदिक दवाओं के दाम बढ़ गए हैं। यह बढ़ोतरी न सिर्फ रिटेल बल्कि होलसेल में भी हुई है। इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है.

इंजेक्शन में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी

कल तक खांसी की जो सिरप 129 रुपए में मिलती थी, उसके लिए अब 141 रुपए देने पड़ रहे हंै। पैरासिटामोल की गोली, सिरप और इंजेक्शन सभी महंगे हो गए हैं। एंटीबायोटिक दवा एजिस्थ्रोमाइसिन, दर्द कम करने के लिए दिया जाने वाला ट्रेमाडॉल का इंजेक्शन, टिटनेस का इंजेक्शन, विटामिन की दवाएं, डॉक्सीसाइक्लिन दवा, ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाले एम्फोटेरिसिन बी के इंजेक्शन का दाम भी बढ़ गया है। अलग-अलग कंपनियों के एलर्जी, गैस और पेन किलर के इंजेक्शन के दाम में भी 15 से 25 परसेंट की बढ़ोतरी की गई है.

विटामिन और स्कीन की दवा भी महंगी

डाइक्लोफिनेक, दिल के मरीजों को दी जाने वाली एटोरवास्टेटिन और एमोक्सिसिलिन के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। प्रोजेस्ट्रोन की दवा, कैल्शियम कार्बोनेट की दवा, कंडोम के दाम भी बढ़ाए गए हैं। डायबिटीज के मरीजों के इंसुलिन के पेन के दाम भी बढ़ाए गए हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों को दिया जाने वाला ग्लूकोज़ और सोडियम क्लोराइड और दिल की ब्लॉकेज खोलने के लिए लगाए जाने वाले स्टंट्स के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं। बेयर मेटल स्टंट्स 10509 रुपए के हो गए हैं, तो दवा वाले यानी ड्रग इलूटिंग स्टंट्स की एक यूनिट की कीमत 38,265 रुपए हो गई है.

दवाओं के साथ बच्चों का दूध भी महंगा

दवाओं के साथ बच्चों के डिब्बाबंद दूध की कीमतें भी 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं। पैक्ड मिल्क बनाने वाली कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट पर 15 से 20 प्रतिशत तक दाम बढ़ा दिए हैं। लैक्टोजिन समेत कई बड़ी कंपनियों के पैक्ड मिल्क की कीमतें 300 से बढ़कर 350 से 400 रुपये तक हो गई है.

इन दवाओं की बढ़ी है कीमत

दवा पहले अब

-सुफ्रामाइसिन 50-60

-रोटीकैप कैपस्यूल 103-114

-बुड्रिटाल रोटोकैप-पत्ता 216-239

-पैटाप डीएसआर-गैस की 112-140

-बेनाड्रिस सिरप 129-141

-आईटोन ड्राप 55-60

-स्कीन लाइट-क्रीम 230-255

-गुडसेफ टैबलेट 145-164

-ब्रेमोडेक्स-सिरप 160-170

-एरोकोर्ट इनहेलर 248-273

नोट : सभी प्राइज रुपए में है

-इस तरह की करीब 900 ऐसी दवाएं और इंजेक्शन हंै जिनकी कीमत में 10 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है.

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब दवा की कीमतें बढ़ी हैं। पिछले कुछ सालों में हर महीने दवा की कीमतें बढ़ी हंै। यह बढ़ोतरी सिर्फ अंग्रेजी नहीं बल्कि आयुर्वेदिक दवाओं में भी हुई है। लगातार कीमतें बढऩे से पब्लिक की परेशानी बढ़ रही है.

विनोद यादव, दवा कारोबारी, सप्तसागर दवा मंडी

इधर दवाएं जरूरत से ज्यादा महंगी हो गई हैं। दवाओं के दाम पर सरकार का कंट्रोल नहीं है। कई जरूरी दवाओं के दाम में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह ठीक नहीं है। सरकार को इस दिशा में मंथन करना चाहिए.

अश्वनी जायसवाल, दवा कारोबारी

Posted By: Inextlive