ज्ञानवापी: अखिलेश-ओवैसी प्रकरण में पक्षकारों को नोटिस जारी करने का आदेश
वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में गंदगी करने और नेताओं की बयानबाजी को लेकर निचली अदालत के आदेश के खिलाफ लंबित पुनरीक्षण याचिका में अपर जिला जज (नवम) की अदालत ने विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव व एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान को हेट स्पीच की श्रेणी में मानते हुए एसीजेएम पंचम (एमपी-एमएलए) की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था.
अब 14 अप्रैल को सुनवाईआरोप लगाया था कि इन नेताओं ने अमर्यादित एवं गैर कानूनी बयान देकर ङ्क्षहदू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आपराधिक कृत्य किया है। अदालत ने 14 फरवरी को हरिशंकर पांडेय की इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ हरिशंकर पांडेय की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए अपर जिला जज (नवम) ने विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए अगली सुनवाई के लिए 14 अप्रैल की तिथि नियत कर दी। हरिशंकर पांडेय ने इस मामले में सपा प्रमुख व एआइएमआइएम प्रमुख के अलावा ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन एवं अन्य को पक्षकार बनाया है.
11 को आ सकता आदेश
ज्ञानवापी से जुड़े सात मुकदमों की एक ही अदालत में सुनवाई करने संबंधित प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए जिला जज डा। अजय कृष्ण विश्वेश ने 11 अप्रैल की तिथि नियत कर दी है। शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन समेत अन्य मांगों को लेकर मुकदमा दायर करने वाली पांच महिलाओं में से चार लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू देवी व रेखा पाठक ने सात मुकदमों को जिला जज की अदालत में सुनवाई करने की अपील की है। वहीं रेखा ङ्क्षसह और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से इस अपील पर आपत्ति की गई है. सुनवाई तिथि 14 अप्रैलभगवान आदिविश्वेश्वर की ओर से विश्व वैदिक सनातन संघ की अतंरराष्ट्रीय महामंत्री किरन ङ्क्षसह द्वारा दाखिल मुकदमे की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में लंबित इस प्रकरण में सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अपील की गई कि उनके अधिवक्ता शहर से बाहर हैं। ऐसे में कोई अन्य तिथि तय की जाए। अदालत ने अपील स्वीकार करते हुए 14 अप्रैल की तिथि नियत कर दी। किरण ङ्क्षसह ने ज्ञानवापी परिसर को ङ्क्षहदुओं को सौंपने, शिवङ्क्षलग की पूजा का अधिकार देने और ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की अपील करते हुए वाद दायर किया है.
आदेश एक अप्रैल को जिला जज की अदालत में ही ज्ञानवापी प्रकरण में पक्षकार बनाए जाने के लिए दिवंगत पं। सोमनाथ व्यास के नाती शैलेन्द्र कुमार पाठक व जैलेंद कुमार पाठक की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर आदेश के लिए एक अप्रैल की तिथि नियत की गई है.