बनारस के अर्दली बाजार में नगर निगम के मैटेरियल रिकवरी फैसलिटी सेंटर में एक टन प्लास्टिक का हो रहा निस्तारण शहर में हर दिन निकल रहे 1 टन प्लास्टिक कचरे को किया जा रहा रीसाइकिल अर्दली बाजार प्लांट में बन रही कुर्सी मेज गमला और आलमारी दाना गट्टा बनाकर फैक्ट्रियों में किया जाएगा सप्लाई


वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम ने कचरा प्लास्टिक को रीसाइकिल कर कमाई करने का नया विकल्प ढूंढ लिया है। नगर निगम के इस टेक्निक से शहर भी स्वच्छ रहेगा। हरियाली भी बनी रहेगी और पॉल्यूशन भी नहीं होगा। पहले गंगा नदी और शहर के कूड़े कचरे से निकल रहे प्लास्टिक को डंप किया जाता रहा। अब एमआरएफ यानि मैटेरियल रिकवरी फैसलिटी टेक्निक से उसी प्लास्टिक को रीसाइकिल कर यूजफूल सामान तैयार किया जा रहा है। इस सिस्टम को और आगे बढ़ाया जाएगा.

एक टन प्लास्टिक प्रतिदिन रीसाइकिल

इस सिस्टम को चलाने वाले ऋषभ सिन्हा ने बताया कि गंगा जी और शहर से निकल रहे प्लास्टिक को कलेक्ट किया जाता है। इसके बाद अर्दली बाजार प्लांट में लाया जाता है। प्लास्टिक कचरे से शहर भी स्वच्छ रहता है और गंदगी भी नहीं होती। प्लास्टिक पर रोक के लिए नगर निगम का लगातार अभियान भी चल रहा है। एमआरएफ टेक्निक से अब शहर के कचरा प्लास्टिक को रीसाइकिल किया जा रहा है.

कुर्सी, आलमारी हो रहे तैयार

कचरा प्लास्टिक को रीसाइकिल कर यूजफूल सामान तैयार किया जा रहा है। इनमें कुर्सी, मेज, आलमारी और गमला समेत कई सामान शामिल है। इन सामान की डिमांड भी काफी आ रही है। कचरा प्लास्टिक डंप होने से चारों तरफ गंदगी फैल रही थी। एमआरएफ सिस्टम के आने से अब शहर का कचरा साफ हो रहा है। इससे शहर भी स्वच्छ हो रहा है.

नगर आयुक्त ने देखी टेक्निक

नगर आयु्रक्त अक्षत वर्मा ने अर्दली बाजार में संचालित एमआरएफ सेन्टर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान होने वाले प्लांट संचालन के बारे में प्लांट के निदेशक ऋषभ सिन्हा से जानकारी भी ली। उन्होंने बताया कि इस प्लांट का संचालन कचरा प्लास्टिक के निस्तारण के लिए किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से गंगा में जाने वाले प्लास्टिक को रोका जा रहा है। प्लांट की शुरूआत होने से अभी तक प्रतिबंधित प्लास्टिक का 267 टन प्लास्टिक का निस्तारण किया गया है। प्लास्टिक डिस्पोजल के पश्चात निकलने वाले मैटेेरियल को रीसाइकिल कर गमले, फर्नीचर तैयार किया जा रहा है। नगर आयुक्त ने नयी टेक्निक देखने के बाद कहा कि अधिक से अधिक मात्रा में प्लास्टिक का निस्तारण किया जाए जिससे शहर स्वच्छ व सुंदर दिखे.

निगम की कमाई भी

प्लास्टिक, कागज और कपड़े को रोजाना एकत्र कर रीसाइकिल करने के बाद प्रोडक्ट तैयार कर बेचा जाएगा। इससे नगर निगम की अच्छी-खासी कमाई भी होगी। रीसाइकिल कर दाना, गट्टा कच्चा उत्पाद तैयार कर प्लास्टिक, कागज और कपड़े की फैक्ट्रियों को को बेचा जाएगा। इससे शहर में सूखा कचरा एकत्र नहीं होगा और आमदनी भी होगी.

अब शहर से कचरा प्लास्टिक को रीसाइकिल कर प्रोडक्ट बनाया जा रहा है। इस सिस्टम को और आगे बढ़ाया जाएगा.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive