बेटा व दो पोतों के दसवां के दिन टूट गई सांसों की डोर
वाराणसी (ब्यूरो)। सड़क हादसे में बेटा और दो पोते की मौत का सदमा कपसेठी के पूरेनंदा गांव निवासी 65 वर्षीय राजबली राजभर बर्दाश्त नहीं कर सके। बेटे और पोते के दसवां संस्कार के ही दिन सोमवार की सुबह उनकी सांसों की डोर टूट गई। तीन मौतों से गमजदा परिवार में चौथी मौत से गमों का पहाड़ टूट गया। गांव वाले दुख की इस घड़ी में पीडि़त परिवार को संभालने में लगे रहे। हृदय विदारक रुदन से हर किसी की आंखें नम और गला रुंध जा रहा था.
बारात में हुआ था हादसापूरेनंदा गांव निवासी रामाश्रय शर्मा के बेटे धीरज की बरात 17 फरवरी को सोनभद्र के कुसी डौर गांव गई थी। बरात में एक पिकअप पर सवार होकर 14 लोग गए थे। जनवासे से थोड़ी दूर पहले ही पिकअप अनियंत्रित होकर पलटने से मेहंदीगंज निवासी शशि शर्मा और पूरेनंदा गांव के विनय राजभर की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं अस्पताल जाते विनय राजभर के सगे भतीजे आर्यन राजभर व बीएचयू ट्रामा सेंटर में उपचार के दौरान आर्यन के बड़े भाई अरुण राजभर की मौत हो गई।
लगा था गहरा सदमाइसके अलावा आर्यन के परिवार के ही और रिश्ते में चाचा लगने वाले प्रदीप राजभर की लंका स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई थी। बेटे विनय व पोते अरुण और आर्यन की मौत की सूचना से राजबली राजभर को गहरा सदमा लगा। वह उसी दिन से शांत-शांत रहने लगे। सोमवार को दसवां संस्कार होना था। घर पर कुछ रिश्तेदार भी आए थे। अचानक से राजबली की तबीयत बिगड़ी। आननफानन अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया.
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बड़ा बेटा विनोद, पोतियों और बहुओं समेत अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। विनोद बार-बार यही कह रहा था कि भगवान उसे किस गलती की सजा दे रहा है। पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। आर्यन और अरुण के साथ ही उसके चाचा विनय को मुखाग्नि दादा राजबली राजभर ने ही दी थी।