अधिकारी जी-20 में व्यस्त, पब्लिक लगा रही दफ्तर के चक्कर
वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निगम मुख्यालय में लोग तभी आते हैं जब जोनल कार्यालयों से उनके काम नहीं हो पाते या वहां उनसे अधिकारी या कर्मचारी ठीक से पेश नहीं आते। वे यहां पहुंचते हैं ताकि उनकी शिकायत बड़े अधिकारियों से कर सकें और उनके मामले का पटाक्षेप हो सके। लेकिन यदि यहां अधिकारी अपने केबिन में बैठेंगे ही नहीं तो आखिर वे अपनी पीड़ा किससे कहेंगे.
पहले क्यों नहीं हुए कार्यबुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों का रियलिटी चेक किया तो पता चला कि नगर आयुक्त से लेकर कोई भी अपर नगर आयुक्त अपने कार्यालय में नहीं बैठा। उधर, अधिकारियों की गैर मौजूदगी का फायदा उठाकर विभिन्न कार्यालयों में कर्मचारी सोते नजर आए। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो जवाब मिला कि जी-20 को लेकर सभी अधिकारी अपना अधिक समय बाहर ही बिता रहे हैं ताकि सभी कार्य समय से पूरे कराए जा सकें। लेकिन यहां सवाल ये उठता है कि जी-20 के सभी कार्य जब पहले से निर्धारित थे तो आखिर ये नौबत आई ही क्यों? सभी कार्य पहले ही क्यों नहीं कराए गए?
सभी अधिकारी गायबदोपहर 12 बजे नगर निगम मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था। नगर आयुक्त के साथ ही तीनों अपर नगर आयुक्त के कार्यालय में भी सन्नाटा था। इनके साथ ही दूसरे अधिकारी भी अपने कार्यालाय में मौजूद नहीं थे। दूसरी लाबी में भी राजस्व अधिकारी से लेकर सीटीओ आफिसर तक के कमरे में सन्नाटा था। तीसरी लाबी का भी हाल यही था.
आन ड्यूटी सोते है कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय का आलम यह है कि अधिकारियों के नहीं होने के कारण मुख्यालय में बैठने वाले कर्मचारियों के ऊपर कोई भी लगाम लगाने वाला नही है। हाल ये है कि अब यहां कर्मचारी काम के समय सोते मिलते हैं। नगर निगम के परिषद कार्यालय के बगल में स्थित कमरा नंबर 31 में बैठने वाले कर्मचारी बुधवार को सोते मिले। इनकी तैनाती वर्तमान में चुनावी कार्यों की देखरेख के लिए हुई है. महीनो से लगा रहे चक्कर नगर निगम मुख्यालय की ओर से डेथ व बर्थ सर्टिफिकेट बनाने का कार्य जोनल कार्यालयों के सूपुर्द किया गया है। हालांकि इसमें कोई भी बदलाव कराना हो तो मुख्यालय के ही चक्कर लगाने होते हैं। यहां कई ऐसे लोग मिले जो सर्टिफिकेट के लिए मुख्यालय के चक्कर महीनों से लगा रहे हैं, इसके बावजूद भी उनकी समस्या की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नहीं दे रहे पुराना नक्शाशहर के लोगो को अपने घर का पुराना नक्शा या नीव का नक्शा नगर निगम के अभिलेखागार से दिया जाता है। इसके आधार पर ही लोग अपने मकान की पैमाईश कराते हैं और उसी के आधार पर वीडीए से नक्शा पास होता है। बुधवार को दो ऐसे पीडि़त मिले, जो छह माह से नक्शा लेने के लिए अभिलेखागार का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें नक्शा नहीं मिल पाया है.
मुझे अपने मकान के नक्शे की जरूरत थी। उसी के आधार पर मकान की पैमाईश कराकर बाउंड्री वाल करानी थी। कर्मचारी दे नहीं रहे है और कोई भी अधिकारी आ नहीं रहा है, जिससे अपनी शिकायत दर्ज करा सकूं. पार्वती देवी, नागरिक मेरा मकान पटट्ीदारो के कारण विवाद में उलझा है। उसके निस्तारण के लिए राजस्व विभाग से नक्शे की जरूरत थी, लेकिन पांच माह से बस चक्कर ही लगा रहा हूं. शिव कुमार यादव, नागरिक मेरे बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में नाम गलत हो गया था। उसी को ठीक कराने के लिए कई बार से चक्कर लगा रहा हूं, इसके बावजूद कर्मचारियों द्वारा प्रमाण पत्र नहीं बनाया जा रहा है. रोशन, नागरिकमैैं नगर निगम का ही कर्मचारी था और आठ साल पहले रिटायर हो गया। अपनी पेंशन बनवाने के लिए दर-दर भटक रहा हं,ू लेकिन अब तक पेंशन नहीं बनाया गया है.
छोटेलाल, नागरिक जी-20 को देखते हुए लगभग सभी अधिकारी अपना अधिकतर वक्त फील्ड में ही लगा रहे हैं। इसके बाद भी मुख्यालय में आने वाले सभी लोगों की शिकायतों का निस्तारण कराने का भरपूर प्रयास किया जाता है. संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ, नगर निगम