वार्डों में प्रचार में जाने से पहले भगवान की शरण में प्रत्याशी

वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम का चुनाव प्रचार अब धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। पार्षदी के प्रत्याशी घर से निकलने के बाद जनता से मिलने से पहले भगवान की शरण में जा रहे हैं। अपने ज्योतिषियों से परामर्श ले रहे हैं। क्षेत्र में पडऩे वाले हर देवी-देवता के मंदिरों में हाजिरी लगा रहे हैं। अपने गुरुओं से आशीर्वाद ले रहे हैं। इस समय विशेष पूजा, रुद्राभिषेक, सुंदरकांड पाठ, चादरपोशी आदि के आयोजन चल रहे हैं.

बाबा दरबार में हाजिरी

प्रत्याशी अपने समर्थकों और परिजनों के साथ काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाकर चुनाव प्रचार का श्रीगणेश कर रहे हैं। पिछले दो दिन में करीब दो दर्जन विशेष पूजा कराई गई हैं। इसके साथ ही दान-दक्षिणा भी की जा रही है। शनिवार को प्रार्षदी के कई प्रत्याशी गंगा स्नान के बाद काल भैव मंदिर पहुंचे, फिर बाबा दरबार में मत्था टेका.

संकट टालो संकटमोचन

प्रत्याशियों का रुख संकटमोचक सहित अन्य हनुमान मंदिरों की ओर हो रहा है। उनका कहना है कि हनुमान जी की कृपा से विजय मिलती है। हर कार्य की सफलता के लिए हनुमान शक्ति प्रदान करते हैं। इसी वजह से अधिकतर प्रत्याशियों की तरफ से सबसे पहले हनुमान मंदिरों में पूजा कराई जा रही है.

कई मंदिरों में टेक रहे मत्था

मंदिरों के शहर काशी में इन दिनों अलग ही नजारा है। श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ प्रत्याशी भी कदम ताल कर रहे हैं। प्रत्याशियों के परिजन मंदिरों के अलावा घरों में भी पूजा-पाठ और रुद्राभिषेक करा रहे हैं। इतना ही प्रत्याशियों की जीवन संगिनी सत्य नारायण भगवान की कथा सुनी जा रही हैं। इस समय आलम ये है कि छह प्रत्याशी मंदिर से निकलते हैं तो दस अंदर जाते हैं। इतना ही नहीं चुनाव प्रचार सामग्री की पहली प्रति भी मदिरों में चढ़ा रहे हैं.

मजारों पर चढ़ रहीं चादर

कुछ उम्मीदवार अपनी मान्यता के अनुसार मजारों पर चादरपोशी के लिए जा रहे हैं। कोई रंगीन कपड़े की चादर तो कोई फूलों की चादरपोशी कर रहा है। पीर-फकीरों से दुआ लेने का प्रचलन भी लगातार बढ़ रहा है। भूखों को भोजन कराकर उनसे दुआ ली जा रही है। बारगाह-ए-इलाही में जीत की की दुआ हो रही है.

जीत के लिए बढ़ी आस्था

दशाश्वमेध घाट के पुजारी भोला पंडित का कहना है कि मंदिर के साथ लोग अब तो घाट पर भी आकर शाम को गंगा आरती कर रहे हैं। इसके साथ ही दीपक भी जला रहे हैं। हर किसी को अपनी जीत के लिए आस्था का सहारा हो गया है। पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी अभिषेक पांडेय कहते हैं कि हनुमान जी के मंदिर से दर्शन करने के बाद लोग शनि देव के मंदिर में प्रतिदिन आ रहे हैं। इसके साथ ही दीपक भी जला रहे हैं। ऐसे में लोगों की मान्यता है कि शनिदेव उनके गृह नक्षत्र शांत कर कष्टों कर हर लेंगे.

Posted By: Inextlive