अब हार्ट अटैक आया तो घर के पास ही मिलेगा इलाज
वाराणसी (ब्यूरो)। अब यदि आपको आया हार्ट अटैक तो घर के पास ही मिलेगा त्वरित इलाज। हेल्थ डिपार्टमेंट ने पेशेंट्स की सहूलियत के लिए शहर के 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व जिला अस्पताल में यह सुविधा शुरू की है। इसमें हार्ट अटैक से पीडि़त मरीजों को पूरा ट्रीटमेंट दिया जाएगा। हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए ईसीजी और थ्रंबोलिसिस थेरेपी भी मरीजों को दी जाएगी। प्रारंभिक ट्रीटमेंट के बाद हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाएगा। इसके बाद वह कहीं भी प्रापर तरीके से अपना इलाज करा सकता है.
10 सीएचसी में ट्रीटमेंटहेल्थ डिपार्टमेंट के डाक्टर्स की मानें तो प्रारंभिक तौर पर अभी 10 सीएचसी में थ्रंबोलिसिस थेरेपी सिस्टम शुरू कर दिया गया है। इसमें ईसीजी की सुविधा मरीजों के लिए रखी गयी है। रात में अचानक किसी को हार्ट अटैक आ जाता है तो वह प्रारंभिक उपचार अपने आसपास के सीएचसी में करा सकता है।
आईसीएमआर का सहयोगसीएमओ डॉ। संदीप चौधरी ने बताया कि आईसीएमआर के सहयोग से स्पोक एंड हब पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश में सबसे पहले वाराणसी में शुरू किया गया है। इसमें बीएचयू को हब सेंटर बनाया गया है, जहां हार्ट अटैक के मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के जरिये सम्पूर्ण उपचार व परामर्श दिया जाएगा। सभी जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) को स्पोक सेंटर बनाया गया है। वहां अचानक सीने में दर्द होने वाले व्यक्तियों को ईसीजी के साथ-साथ थ्रंबोलिसिस की सेवा प्रदान की जाएगी। यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क है।
मिलेगा समय से इलाज सीएमओ डा। संदीप चौधरी का कहना है कि अचानक से सीने में तेज दर्द होने पर 100 में से एक तिहाई मरीजों को ही समय से उपचार मिल पाता है जो काफी कम है। इसी सुविधा को बढ़ाने के लिए देश में आईआरएमआर प्रोजेक्ट के तहत चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईसीजी और थ्रंबोलिसिस की प्रक्रिया शुरू की गयी है। अचानक अटैक आने के बाद मरीजों को समय से उपचार मिले तो उसकी जान बचाई जा सकती है। बीएचयू में सभी सुविधाएं सीएमओ ने बताया कि हब सेंटर के नाते बीएचयू में विशेषज्ञ, क्रिटिकल केयर यूनिट सहित समस्त सुविधाएं मौजूद हैं। किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है। जल्द ही एक एप्लिकेशन तैयार की जाएगी, जिससे प्रक्रिया और आसान होगी। साथ ही सभी सीएचसी के चिकित्सक व विशेषज्ञ एक साथ जुड़े रहेंगे। वाराणसी को चुनाप्रदेश में वाराणसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है। यह प्रोजेक्ट तीन फेज में क्रमश: जिला अस्पताल, ग्रामीण सीएचसी और नगरीय सीएचसी पर चलाया जा रहा है। इन सभी चिकित्सा इकाइयों पर ईसीजी की सुविधा के साथ थ्रोंबोलिसिस सुविधा भी उपलब्ध है। इसके लिए स्पोक एंड हब सिस्टम पर कार्य किया जा रहा है। चिकित्सा इकाइयों की जियो टैगिंग की गयी है, जिससे पता चल सके कि कहां सुविधा उपलब्ध है कहां नहीं। ग्रामीण क्षेत्र में विशेषज्ञ टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से सम्पूर्ण उपचार व परामर्श प्रदान कर रहे हैं.
क्यों होती है मौत सीएमओ ने बताया कि देश में 27 प्रतिशत मौतें हार्ट अटैक से हो रही हैं। इसका प्रमुख कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, वसा का बढऩा है। लगभग 300 लोगो में सीने में दर्द होने पर एक व्यक्ति की मृत्यु ट्रांसपोर्ट के दौरान हो जाती है। जबकि करीब 53 प्रतिशत ही हॉस्पिटल पहुंच पाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुये जिला अस्पताल व सीएचसी पर ईसीजी और थ्रोंबोलिसिस सुविधा शुरू की गयी है. क्या है थ्रोंबोलिसिसथ्रोंबोलिसिस उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें एक एंजाइम के जरिये रक्त में मौजूद थक्के को गला दिया जाता है्र। रक्त पतला होने से वह आसानी से धमनियों में संरचण कर पाता है। मरीज का ईसीजी और ईको जैसे टेस्ट कर रिपोर्ट टेली कंसल्टेंसी के माध्यम से हृदयरोग विशेषज्ञ के पास भेजी जाएंगी। गंभीर मरीजों को उच्चीकृत चिकित्सालयों में रेफर किया जाएगा.
मरीज इन बातों का रखें ध्यान - नियमित दिनचर्या - स्वास्थ्य परक आहार - सुबह जल्दी उठना - योगा व व्यायाम 10 सीएचसी में हार्ट अटैक से बचाने की सुविधा शुरू की गयी है। सभी स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया गया है। सीएचसी में ईसीजी से लेकर थ्रोंबोलिसिस की सुविधा मौजूद है. डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ