बनारस के नक्शों में एनओसी की भूलभुलैया
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में मकान, घर और बिल्डिंग टॉप की हो। इसके लिए आम पब्लिक हो या फिर बिल्डर्स सभी वाराणसी विकास प्राधिकरण में नक्शा दाखिल करते हैैं, ताकि उसका नक्शा पास हो जाए और अपना आशियाना बना सकें। वीडीए के पोर्टल में नक्शा दाखिल करते ही एनओसी के न जाने कितने कॉज लगा दिए जाते हैैं, जिसके चलते नक्शा पास नहीं हो पाता। आम आदमी एनओसी लेने के लिए विभाग दर विभाग भटकता रहता है, जबकि वीडीए की जिम्मेदारी है कि वह लेटर लिखकर अदर डिपार्टमेंट से एनओसी मांगे लेकिन ऐसा कुछ ही केस में किया जाता है। एनओसी की सारी जिम्मेदारी भू स्वामियों पर थोपदी जाती है। इन सब वजहों से वीडीए में नक्शों की पेंडेंसी करीब 300 के आसपास पहुंच गई है.
हर गुरुवार लगता मानचित्र दिवस
वाराणसी विकास प्राधिकरण हर गुरुवार को नक्शे की पेंडेंसी को दूर करने के लिए विभाग के सभागर में मानचित्र समाधान दिवस का आयोजन करता हैं। इनमें भी बहुत कम ही भू-स्वामी आते हैं। वीडीए द्वारा जिन भू स्वामियों ने नक्शा दाखिल किया है उनको फोन करके बुलाया जाता है। इसके बाद भी नहीं आते हंै। पिछले गुरुवार यानि 19 अक्तूबर को मानचित्र समाधान दिवस में 110 में से महज 25 भू स्वामी अपनी आपत्तियां दर्ज करने के लिए आए। इसके चलते किसी की फायर की एनओसी का मामला लटका है तो किसी को इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट्स से.
एनओसी के लिए परेशान
वीडीए के पोर्टल पर जब नक्शा दाखिल किया जाता है तो इसमें सबसे बड़ी जिम्मेदारी वीडीए की होती है कि वह एनओसी खुद मंगाकर दे लेकिन यह भी भू स्वामियों को सौंप दिया जाता है। एनओसी लेने के लिए आम आदमी परेशान हो जाता है। इसके बाद भी वह मानक नहीं पूरा कर पाता। इसके चलते वीडीए के पोर्टल पर नक्शों की पेंडेंसी बढ़ती जाती है। वीडीए अगर भू स्वामियों को एनओसी के बारे में अवेयर कर दे तो काफी हद तक दिक्कतें खत्म हो सकती है.
अपनी कमियों को नहीं देखते भू स्वामी
वीडीए के उपाध्यक्ष के अनुसार पोर्टल पर जब भू स्वामी नक्शा रिजेक्ट हो जाता है, तो किस कारण हुआ वह अपनी कमियों को नहीं देखते हैं और आर्किटेक्ट के भरोसे रहते हंै। अगर भू स्वामी अपनी छोटी-छोटी कमियों को देखें तो नक्शों की पेंडेंसी काफी हद तक खत्म हो सकती है। अक्सर यह मामला सामने आता है कि भू स्वामी नक्शा दाखिल करते समय जो एनओसी मांगा जाता है वह नक्शा के साथ अटैच करना भूल जाते हंै। इनमें नगर निगम, जलकल, प्रदूषण, फायर, इलेक्ट्रिकल की एनओसी शामिल है।
नक्शा के लिए जरूरी एनओसी
इनवायरमेंट, नगर निगम, जल निगम, पीडल्ब्यूडी, फायर, इलेक्ट्रिकल, एयरपोर्ट, वीडीए की दो एनओसी लैंड यूज, ऑनरशिप.
पोर्टल के जरिए भेजा जाता है मैसेज
वीडीए के पोर्टल यूपीओबीपीएएस डॉट इन पर जो भू स्वामी नक्शा दाखिल करते हैं, उनके ई-मेल एवं मोबाइल नम्बर पर सारी सूचनाएं भेजी जाती हंै। भू स्वामी जो भी कमियां हों, उसे दूर कर सकें लेकिन वह आर्किटेक्ट के भरोसे रहता है। इसके चलते उनका नक्शा पास नहीं हो पाता।
भू स्वामी आर्किटेक्ट के भरोसे रहते हैं। आर्किटेक्ट सही होते हैैं तो वह समय पर एनओसी की प्रक्रिया को पूरी कर देते हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैैं जो लटकाएं रहते हैं। इसमें भू स्वामी को स्वयं एक्टिव होना चाहिए। थोड़ी बहुत कमियों पर वीडीए खुद पूरा कर लेता है।
मनोज कुमार, टाउन प्लानर, वीडीए