Varanasi news: बिना परमीशन घाट पर नो एंटरटेनमेंट
वाराणसी (ब्यूरो)। आदि केशव घाट से अस्सी घाट तक कोई भी प्रोग्राम कराने से पहले अब नगर निगम से परमिशन लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति के कोई भी आयोजन कराना अब भारी पड़ेगा। बिना परमिशन के आयोजन पर नगर निगम एक्शन लेगा। देव दीपावली पर कई इवेंट कंपनियों ने घाट से लेकर गंगा की लहरों में बजड़ा, बोट पर अनगिनत प्रोग्राम आर्गनाइज कराए और करोड़ों की कमाई की। लेकिन बाद में पता चला कि इतने बड़े आयोजन के बाद भी निगम के खजाने में एक पाई नहीं आई। इसे देखते हुए अब निगम सख्ती करने के मूड में है.
हुए धुंआधार प्रोग्राम
देव दीपावली पर शहर ही नहीं अन्य राज्यों से भी आए आयोजकों ने घाट किनारे और गंगा की लहरों पर बजड़ा, बोट बुक कर प्रोग्राम कराए। एक-एक बजड़े को बुक कराकर 60-60 लोगों को घाट घुमाया और पार्टी भी दी। इसके लिए एक-एक पर्सन से 3 से 4 हजार रुपए लिए गए, लेकिन निगम का खजाना खाली रहा.
निगम वसूलेगा टैक्स
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम सिर्फ घाटों और गंगा की सफाई के लिए नहीं है। अब जो कोई भी आयोजन कराएगा, उसे परमिशन लेना होगा। अब परमिशन से पूर्व जैसा आयोजन होगा वैसा ही शुल्क तय कर अनुमति दी जाएगी। इसके लिए नगर निगम ने एक उपविधि बनाने का निर्णय लिया है ताकि व्यवसायिक गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके और निगम के खजाने को भी बढ़ाया जा सके।
कार्यकारिणी बैठक में निर्णय
महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में मंगलवार को नगर निगम में हुई कार्यकारिणी की बैठक में गंगा घाटों पर बढ़ती कामर्शियल गतिविधियों पर ङ्क्षचता व्यक्त की गई। सदस्यों ने कहा कि कोई नियम न होने के कारण घाटों पर अतिक्रमण के साथ-साथ आए-दिन विभिन्न आयोजन भी हो रहे हैं। इसमें तमाम व्यवसायिक कार्यक्रम भी शामिल हैं। कोई उपविधि न होने के कारण व्यवसायिक गतिविधियों से निगम को कोई आय नहीं हो रही है.
उपविधि बनाने को हरी झंडी
कार्यकारिणी ने उपविधि बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है। ऐसे में जल्द ही इसे सदन में रखा जाएगा। सदन से अनुमोदन के बाद उपविधि पूरी तरह से प्रभावी हो जाएगी।
म्युटेशन का मुद्दा भी रखा
कार्यकारिणी सदस्य मदन मोहन दुबे ने जनहित गारंटी के तहत दाखिल खारिज (म्यूटेशन-नामांतरण) का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जनहित गारंटी के तहत 45 दिनों के भीतर दाखिल खारिज का प्रविधान है। इसके बावजूद भवन स्वामियों को एक-एक साल तक जोन कार्यालयों में दौड़ाया जा रहा है। महापौर व नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने इसे गंभीरता से लिया। उन्होंने अनिवार्य रूप से 45 दिनों के भीतर दाखिल खारिज का निर्देश दिया। साथ सभी जोनल अधिकारियों को हर माह दाखिल खारिज रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसमें विवादित व लंबित प्रकरण के स्पष्ट कारणों का उल्लेख करने का भी निर्देश दिया, ताकि दाखिल खारिज के प्रकरणों की समीक्षा की जा सके.
रसीद का भी मुद्दा उठा
कार्यकारिणी की बैठक में कई सदस्यों ने प्रवर्तन दल द्वारा काटी रसीद पर भी सवाल खड़े किए। इस पर रोक लगाने की मांग की गयी और एक तरह की रसीद काटने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया.
पेयजल आपूर्ति का मु्द्दा
कार्यकारिणी सदस्य अक्षयवर ङ्क्षसह ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सीवर जाम व दूषित पेयजल की आपूर्ति का मुद्दा उठाया। महापौर ने जलकल के महाप्रबंधक विजय नारायण मौर्य से पार्षदों के साथ बैठक कर विधानसभावार समस्याओं की सूची बनाकर निदान का निर्देश दिया। साथ ही जलकल के सभी अवर अभियंताओं को प्रतिदिन जोनल कार्यालयों पर बैठने का निर्देश दिया, ताकि आइजीआरएस व संभव जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों का त्वरित गति से निस्तारण हो सके.
गलियों की मरम्मत कराएं
मुख्य अभियंता मोइनु्द्दीन ने कार्यकारिणी के सदस्यों को सड़क व गलियों के मरम्मत का कार्य हरहाल में 31 दिसंबर तक शुरू कराने का आश्वासन दिया। वहीं, नगर निगम भवन की खराब लिफ्ट को भी जल्द ठीक कराने का निर्णय लिया गया है। महापौर ने हृदय योजना के तहत लगे हेरिटेज लाइटों का सर्वेक्षण तत्काल कराकर मरम्मत कराने का भी निर्देश दिया है।
यह रहे मौजूद
बैठक में कार्यकारिणी सदस्य श्याम आसरे मौर्य, प्रमोद राय, राजेश यादव, हारून अंसारी, कुमुम के अलावा अपर नगर आयुक्त अनूप कुमार वाजपेयी, राजीव कुमार राय, सुमित कुमार, राजेश अग्रवाल, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी केके पांडेय, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एनपी ङ्क्षसह, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। अजय प्रताप ङ्क्षसह, पीआरओ संदीप श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.