नए इंजीनियर नहीं संभाल पा रहे बनारस की बिजली व्यवस्था
वाराणसी (ब्यूरो)। भीषण गर्मी में बढ़ी बिजली की मांग के चलते बनारस समेत पूरे पूर्वांचल में लगातार पावर कट हो रहा है। सिटी का ऐसा कोई एरिया नहीं है, जहां के लोग बिजली की समस्या से न जूझ रहे हों। बनारस में 24 घंटे निर्बाध बिजली देने का दम भरने वाला पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम अब 14 घंटे भी ठीक से बिजली आपूर्ति देने में नाकाम साबित हो रहा है। सीएम से लेकर ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा सचिव तक की ओर से बिजली व्यवस्था में सुधार लाने का फरमान बेअसर साबित हो रहा है।
बिगड़ी शहर की व्यवस्थाइन दिनों पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में 50 प्रतिशत से ज्यादा जेई, एसडीओ और अन्य अधिकारी पश्चिमांचल से ट्रांसफर हो कर आए हैं। पीक सीजन में ऐसे लोगों के हाथ में वीआईपी शहर बनारस की व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें शहर की भौगौलिक स्थिति की भी पूरी जानकारी नहीं है। छोटा सा फॉल्ट आने पर भी इन्हें उसे ठीक कराने के लिए माथापच्ची करनी पड़ रही है। फॉल्ट मिलने के बाद उसे बनाने में रात से सुबह हो जा रही है। इन सब का खामियाजा उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है।
संभाल नहीं पा रहेशहर में चरमराई पावर सप्लाई की व्यवस्था को लेकर अब शायद यह कहना गलत नहीं होगा कि पश्चिमांचल से आए अफसर पूर्वांचल खासकर बनारस की बिजली व्यवस्था को संभाल नहीं पा रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो हर साल के मुकाबले इतनी ज्यादा मुसीबत नहीं बढ़ती। विभागीय सूत्रों की माने तो बड़ी संख्या में ट्रांसफर होकर आए इन अफसरों को ये भी नहीं पता हैं कि कौन से एरिया में कौन सा उपकेन्द्र और कौन सा फीडर है। कहां कौन सी और कितने केवी की लाइन गई है, इन्हें ये भी नहीं पता है। पावर कट या फॉल्ट, अंडरग्राउंड केबल में समस्या आने पर इन्हें मैप लेकर समझना पड़ता है।
घंटी बजती, नहीं उठता फोन शहर के अंदर तीनों सर्किल में आने वाले 56 विद्युत उपकेंद्र पूरी तरह से हाफ रहे हंै। वहीं शहर के 65 फीडर का भी यही हाल है। प्रॉपर पावर सप्लाई देने में सभी फीडर के पसीने छूट रहे हैं। यहां से होने वाले फाल्ट का निस्तारण करने के लिए कोई कर्मचारी पेन नहीं लेना चाह रहा। लाइनमैन से लेकर एक्सईएन के कॉल भी नहीं लग रहे। बिजली कटौती से परेशान पब्लिक लगातार रिंग कर रहे है लेकिन जवाब नहीं मिलता। अंधेरे में सुनी फरियादसिर्फ पब्लिक ही नहीं अन्य सरकारी विभाग के अफसर भी बिजली कटौती से हलकान है। कलेक्ट्रेट समेत अन्य विभागों में भी बिजली गुल हो रही है। सोमवार की दोपहर कलेक्ट्रेट में करीब एक से डेढ़ घंटे तक पावर कट रहा। कई जगहों पर जनरेटर से काम चलाया गया, लेकिन पुलिस कमिश्नर कार्यालय में जनरेटर भी काम नहीं कर रहा था और इंवर्टर फेल हो गया था। जिसके चलते पुलिस कमिश्नर गर्मी से परेशान हो गए। ऐसी ही स्थिति में वे बिना एसी, पंखे के फरियादियों की बात सुनते नजर आए।
इन इलाकों की गुल रही बिजली रोहनियां, नेहिया, इसीपुर, रसूलपुर, कनीयार, राजपुर, अकोड़ा, जल निगम, वीरांव, ताड़ी, सोनाही, दिनदासपुर, छितौती, अकाला, शूलटंकेश्वर, जक्खनी, पंचकोशी, अटल नगर, मवइया, बरईपुर, फरीदपुर, डब्ल्यूटीपी, बड़ी बाजार, शैलपुत्री, लाटभैरो, दुल्लीगढ़ई, पीलीकोठी, आजाद पार्क, नाटी इमली, मलदहिया, संजय गांधी नगर, ढेलवरिया, कज्जाकपुरा, पांडेयपुर, हुकुलगंज समेत अधिकतर फीडर से बिजली सप्लाई बंद रही। उधर, सिद्धगिरीबाग, मंडुवाडीह, इंग्लिशिया लाइन, परेडकोठी, मलदहिया, रोडवेज, कैंट, पांडेयपुर, नई बस्ती, सारनाथ,अटल नगर, भिटारी, लक्सा, गोदौलया, रथयात्रा, कमच्छा, सहित तमाम इलाकों में दिनभर लाइन ट्रिप कर रही है तो वहीं रात के समय भी चार से पांच घंटे बत्ती गुल रह रही है। इसकी वजह से पब्लिक पेयजल के लिए तरस रही है।ऐसा नहीं है, किसी को नए शहर में आने पर उसे समझने में थोड़ा समय तो लगता है। सभी इंजीनियर पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। रही बात कटौती की तो कही भी कटौती नहीं, लोड ज्यादा होने से फॉल्ट बहुत ज्यादा आ रहे हैं, जिसके चलते ऐसी समस्या आ रही है।
एके वर्मा, एसई-सेकंड, पीवीवीएनएल