नाग कुआं : साल में एक दिन के शिवलिंग के दर्शन को उमड़ा रेला
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के कण-कण में भगवान शिव विराजमान हैैं। यह नगरी अपने अंदर अनेकों रहस्य समेटे हुए हैैं। इसी तरह नागपंचमी के मौके पर आपको वाराणसी की एक ऐसी ही एक जगह के बारे में बताते हैैं। जी हां हम बात कर रहे हैैं नाग कुआं की, जहां लोग देश के कोने-कोने से दर्शन करने आते हैैं। वाराणसी के जैतपुरा इलाके में कारकोटक तीर्थ हैै। यहां एक 70 फीट गहरा कुआं हैै, जो वर्षभर पानी से भरा रहता हैै। सिर्फ साल के एक दिन, वह भी कुछ घंटे के लिए कुएं का पानी हटता हैै और वहां बने शिवलिंग के दर्शन होते हैैं, जिसे नागेश्वर महादेव कहा जाता हैै।
पैर रखने की भी जगह नहींनागपंचमी के मौके पर तो यहां पैर रखने की भी जगह नहीं थी। वाराणसी के जैतपुरा नामक स्थान पर बने इस कुएं की बड़ी ही प्राचीन मान्यता हैै। धार्मिक मान्यता के मुताबिक इसकी गहराई पाताल और नागलोक तक मानी जाती हैै। सावन का सोमवार और नागपंचमी एक ही दिन पडऩे पर यहां भारी मात्रा में भीड़ उपस्थित रही। इस मंदिर पर नागपंचमी के दिन पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व हैै। माना जाता हैै यहां पूजा करने से कालसर्प सहित अन्य कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती हैै.
नाग कुंड के भीतर कुआं
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, वाराणसी में नाग कुंड के भीतर एक कुआं हैै, जहां प्रचीन शिवलिंग स्थापित हैै। वैसे तो यह शिवलिंग पूरे वर्ष पानी में समाया रहता हैै, पर सिर्फ नागपंचमी के पहले इस कुंड का पानी निकाला जाता हैै और शिवलिंग का श्रृंगार किया जाता हैै। यह शिवलिंग नागेश के नाम से विख्यात हैै. भर देते पानी नागपंचमी के पहले शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के बाद इसमें फिर से पानी भर दिया जाता है। माना जाता हैै कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही कालसर्प योग से मुक्ति मिल जाती हैै और जीवन में आगे आने वाले कष्टों से भी निजात मिल जाता हैै। नागपंचमी के मौके पर भी भारी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आए. सावन में सबसे अधिक उमड़ती हैै भीड़सावन में यहां भारी मात्रा में लोग दर्शन करने आते हैैं। भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने के लिए देश के कोने-कोने से लोग आते हैैं और पूजा अर्चना करते हैैं। इस मंदिर की विशेष मान्यता के कारण नागपंचमी के मौके पर इतनी भीड़ उमड़ी कि लोगों का खड़ा होना भी मुश्किल था, पर भक्तों ने भारी भीड़ में भगवान के दर्शन किये। लोगों से बात करने पर पता चला कि इस मंदिर में वह अक्सर दर्शन करने आते हैैं पर नागपंचमी में इस मंदिर की मान्यता हैै कि इस दिन यहां दर्शन करने से काल सर्प योग से मुक्ति मिल जाती हैै और अन्य कष्टों का भी निवारण हो जाता हैै। इसलिए वह नागपंचमी के मौके पर अवश्य दर्शन करने आते हैैं।
नागपंचमी के मौके पर इस मंदिर कि विशेष मान्यता हैै। इसलिए हम हर साल नागपंचमी के मौके पर यहां दर्शन करने आते हैैं. पुलकित गुप्ता, यूथ मंदिर में देश के कोने-कोने से लोग दर्शन करने आते हैैं। दर्शन करके हम अपने और अपने परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करते हैैं. साक्षी, यूथ