रहस्यमयी बुखार से फेस पर ब्लैक स्पॉट
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में रहस्यमयी बुखार ने ज्यादातर लोगों की सेहत खराब कर दी है। इस बुखार के आने के बाद पूरे शरीर और जोड़ों में दर्द तो लगातार बना ही है। साथ ही गले में खरास जैसी समस्याएं भी परेशान कर रही हैं। पेशेंट में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे लक्षण होने के बाद डाक्टर तुरंत जांच करा रहे हैं, जिसमें प्लेटलेट्स की कमी, टाइफाइड और लीवर की समस्या सामने आ रही है। फीवर की दवा खाने के बाद बुखार से राहत मिल रही है, लेकिन शरीर में दर्द बना रह रहा है। अब मरीजों में कई और बीमारियां भी डिस्टर्ब करने लगी है। अभी तक जहां बीपी लो और लीवर में इंफेक्शन की समस्या आ रही थी, वहीं अब बुखार उतरने के बाद इस तरह के पेशेंट के चेहरे पर ब्लैक स्पॉट, बॉडी पर रेड रैसेस, पेट में गैस की समस्या के साथ गले में करेंजाइटिस की प्रॉब्लम आ रही है। इससे अब लोग दवा खाने से डरने लगे हैं।
एक प्रतिशत में होता है संक्रमण
डॉक्टर्स की मानें तो इस बुखार की जद में आए लोग ठीक होने के बाद जोड़ों में दर्द के साथ नाक व चेहरे पर काले धब्बे होने की समस्या लेकर हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं। इसकी वजह का पता नहीं चल पा रहा है। मंडलीय, जिला और प्राइवेट हॉस्पिटल में इस तरह के सैकड़ों मरीज पहुंच चुके हैैं। स्कीन स्पेशलिस्ट की मानें तो डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और टायफाइड के करीब एक फीसदी मरीजों में यह संक्रमण होता है। इस वजह से त्वचा पर काले धब्बे और त्वचा पर रैशेज पड़ जाते हैं, जो दो से तीन माह में ठीक हो जाते हैं।
एलर्जी भी हो सकता है कारण
कुछ डाक्टर्स इसे एलर्जी भी मान रहे हैं। उनका कहना है कि बहुत से लोगों को हर दवा सूट नहीं करती है। ऐसे में एलर्जी के चलते ऐसा हो सकता है। हालांकि यह एक जांच का विषय है जब तक सही तरीके से कोई जांच या इस पर रिसर्च नहीं होता तब तक कुछ कहना मुश्किल है।
चिकनगुनिया के पेशेंट में आती है समस्या
एक्सपर्ट का कहना है कि चिकनगुनिया से चेहरे, हाथ और पैर में काले धब्बे और रैशेज पड़ते हंै। बीमारी के दो तीन सप्ताह बाद इसके लक्षण दिखते हैं। इसका इलाज मेडिसिन से संभव है। मंडलीय अस्पताल की ओपीडी में काले धब्बे आने की समस्या लेकर आने वाले मरीज बता रहे हैं कि बुखार के बाद उनमें यह समस्या आई है, जबकि इससे पहले कभी ऐसा नहंी हुआ.
ये भी हो सकती है वजह
एक्सपर्ट की मानें तो स्कीन पर मेलाइनोसाइट्स कोशिकाएं होती हैं। स्कीन पर पडऩे वाले धब्बे और कुछ हिस्से की स्कीन अन्य से गहरी हो जाती है। यह कोशिकाएं विटामिन डी का ही एक रूप है। इसकी कमी से नाक, चेहरे पर काले धब्बे आदि की समस्या हो जाती है। इसके अलावा नॉन स्टेरॉयडल इंफ्लेमेटरी दवाइयां, टेट्रासाइक्लिन और साइकोट्रोपिक दवाएं चेहरे या त्वचा पर दाग धब्बों का कारण बनते हैं और स्किन पर पिगमेंटेशन नजर आने लगती है। त्वचा पर तरह-तरह के होने वाले इंफ्लामेशन की वजह से भी चेहरे पर काले दाग धब्बे हो सकते हैं.
गले में खरास व दर्द की समस्या
इन सब बीमारियों के अलावा बुखार के मरीजों के गले में खरास, मुंह में छाले और दर्द की भी समस्या आ रही है.
बीपी भी हो रहा लो
तेज बुखार के साथ-साथ मरीजों का बीपी लो पाया जा रहा है। यह वह मरीज होते हैं जो सही समय पर इलाज नहीं शुरू करते हैं। मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाते हैं और बाद में उन्हें अन्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। जब वायरस अटैक करता है तो ऐसे में आम दवा बुखार वाली असर नहीं करती है और इन दावों का सेवन करने से यह वायरस आपके चेस्ट में द्वारा इन्फेक्शन फैला देता है.
ये हैं एलर्जी के कुछ सामान्य लक्षण
- त्वचा पर खुजली और लाल चकत्ते पडऩा
- त्वचा पर काले धब्बे बनना
- आंखों में खुजली, लाली, सूजन, जलन या पानी आना
- खांसी या गले में खुजली
- सांस की नाली बंद होना
- नाक में खुजली, नाक बंद होना या बहना
- छीकना और कभी-कभी दमे का दौरा
- घरघराहट, सीने में जकडऩ, सांस लेने में परेशानी
- मुंह के आसपास सूजन, निगलने कठिनाई
- ब्लड प्रेशर कम होना
एलर्जी से बचाव के कुछ उपाय
- घर या आप जहां भी रहें, वहां खुली हवा आए
- अपने आसपास सफाई पर ध्यान दें
- लकड़ी का फर्नीचर में दीमक न लगे, इसका ध्यान रखें
- कुछ लोगों को पालतू जानवरों से एलर्जी होती है; इसलिए वे उनसे दूर रहें
- विटामिन बी व सी से युक्त भोजन लें
- जिन लोगों को दूध से एलर्जी है वे सोया मिल्क ले सकते हैं
- एलर्जी होने पर त्वचा को केवल पानी से धोएं साबुन या फेसवॉश का प्रयोग न करें
काले धब्बे और त्वचा पर चकत्ते एलर्जी के कारण भी हो सकते हैं। बुखार ठीक होने के बाद इस तरह की समस्या आना जांच का विषय है। बगैर जांच या रिसर्च के कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। एलर्जी उत्पन्न करने वाले तत्वों की पहचान के लिए यह त्वचा व रक्त परीक्षण किए जाते हैं। इसके बाद डॉक्टर एलर्जी रोधक दवाओं का प्रयोग करते हैैं। ये दवाएं तत्काल प्रभाव में एलर्जी को रोक देती हैं, पर स्थायी निदान नहीं हो पाता है.
डॉ। अजय गुप्ता, आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज
ओपीडी में आने वाले पेशेंट बुखार के साथ गले में दर्द और खरास की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इसमें गले में कुछ फंसा-फंसा सा और सूखापन लगता है। इसे करेंजाइटिस कहते हैं। ये बैक्टीरिया की वजह से होता है। इसमें गले में दर्द बढऩे के साथ खाना खाने में दिक्कत आती है। इसमें पेशेंट को स्पाइसी और ऑयली चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए.
डॉ। अंशुमान सिंह, ईएनटी स्पेशलिस्ट