दावा और भरोसा, नहीं डूबेगा शहर
वाराणसी (ब्यूरो)। हर साल बारिश में डूबने वाला वाराणसी शहर इस बार नहीं डूबेगा। ये दावा और शहर के लोगों को भरोसा नगर निगम के अधिकारियों ने दिया है। उनका कहना है कि निगम ने शहर के 90 फीसद नालों की सफाई करा ली है और जलभराव से निजात के लिए विशेष कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। सभी जोन में इसके लिए अलग से टीम बनाई गई है, जो बारिश के समय जलभराव से निजात दिलाने पर ही काम करेगी। यह भरोसा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से रविवार को आयोजित वाराणसी कॉलिंग वेबिनार में अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्या ने दिलाया। वेबिनार में जुड़े पार्षदों, व्यापारियों और आम जनता ने भी अपनी समस्याएं और सुझाव रखे। अपर नगर आयुक्त ने कहा कि हमारा प्रयास है कि वाराणसी के हर वार्ड की समस्याओं का निस्तारण समय पर हो। इस दिशा में काम भी हो रहा है। लोगों को अवेयर भी किया जा रहा है।
बारिश में खराब होती हालतस्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त वाराणसी कुछ घंटों की बारिश में ही बदहाल सिटी में बदल जाती है। पांच साल में स्मार्ट सिटी को जलभराव की स्थिति से उबारा नहीं जा सका है, जबकि इसके समाधान के लिए नालों की सफाई पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैैं। हर बार मानसून से पहले शहर में मौजूद 238 नालों की सफाई का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। इस बार बारिश में शहर 'डूबेगा या बचेगाÓ को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने अभियान चलाया। इसी कड़ी में रविवार को वेबिनार में कई पार्षदों व आम पब्लिक ने नालों की सफाई पर सवाल उठाया और बारिश में होने वाली समस्याएं भी रखीं.
वार्ड-72 घसियारी ऊंचाई पर है। कई ऐसे मुहल्ले भी हंै, जहां हर साल बारिश के समय जलभराव की स्थिति पैदा होती है। नालों की सफाई न होने की वजह से यह समस्या आती है। कई बार शिकायत के बावजूद नालों की सफाई नहीं हुई है. बबलू शाह, पार्षद वार्ड-88 बलुआवीर में कई मुहल्ले नये जुड़ेे हैं। कई जगहों पर हर साल जलभराव के चलते लोगों को परेशानी होती है। नालों की प्रापर सफाई नहीं होने से यह समस्या उत्पन्न होती है। कई बार नगर निगम के अधिकारियों से कहा जाता है, लेकिन सुनवाई होती नहीं है. तुफैल अंसारी, पार्षद प्रतिनिधिवार्ड-69 आदि विशेश्वर में नालों की सफाई हो रही है। पब्लिक की ओर से जो भी शिकायतें आती हैं, उसका तत्काल निस्तारण कराया जाता है। बारिश को देखते हुए हर दिन चार से पांच जगहों पर नालों की सफाई हो रही है। उम्मीद है कि बारिश में जलभराव की समस्या नहीं होगी।
गौरव, पार्षद प्रतिनिधि हड़हा सराय एशिया की सबसे बड़ी मंडी है, जहां समस्याएं भी अपार हैं। बारिश के दिनों में स्थिति नारकीय हो जाती है। शौचालय बना है, लेकिन बंद रहा है। सफाई होती नहीं है। नालियां अक्सर जाम रहती है। तीन हजार से अधिक दुकानें है, बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है. शेख आसिफ, व्यापारी नेता राजा बाजार और नदेसर वार्ड में बारिश के दिनों में कई जगहों पर जलभराव की स्थिति रहती है। पूर्व में काफी काम हुआ है। अगर बारिश के पहले नालों की सफाई हो जाएगी तो जलभराव नहीं होगा, लेकिन कई बार अवगत कराने कराने के बाद भी अधिकारी सुनते ही नहीं हैं। अभिषेक विश्वकर्मा नगर निगम के आला अधिकारी से लेकर नीचले स्तर के कर्मचारी सुनते ही नहीं हंै। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद अधिकारी संजीदा नहीं है। डीएम साहब का फोन ही नहीं उठता है। ऐसे में अन्य अधिकारियों की स्थिति क्या होगी, सब जानते हैं। सीएम साहब का डर भी नहीं है. सौरभ राजपूतनगर निगम के अधिकारियों के रवैये और कार्यप्रणाली से आम पब्लिक काफी परेशान है। सीएम की सख्ती के बावजूद अब तक नालों की सफाई नहीं हो पाई है। इस बार भी बारिश के दिनों में शहर का बुरा हाल ही रहेगा। पूर्व की सरकार में अधिकारी जनता की बात सुनते थे.
संतोष यादव बात तो सुनना दूर, नगर निगम के अधिकारी का रवैया भी ठीक नहीं है। स्मार्ट सिटी का दावा, स्वच्छता में अच्छी रैंकिंग, प्रदूषण का स्तर लगातार गिर रहा है। यह सिर्फ कागजों पर है। हकीकत में सब खराब है। इसी तरह नालों की सफाई सिर्फ कागजों में हो रही है। बारिश में फिर पब्लिक को ही मुसीबत झेलनी है. राकेश विश्वकर्मा 238 नालों की हो चुकी है सफाई शहर में छोटे-बड़े मिलकर कुल नालों की संख्या 238 है, जिसकी सफाई हर साल नगर निगम करता है। नियमानुसार मानसून से पहले शहर में फैले करीब 1200 किमी नालों की सफाई होनी चाहिए। इसी को ध्यान रखकर नगर निगम ने 14 जून तक 90 फीसद नालों की सफाई करा दी है। बाकी की सफाई चल रही है. इन जगहों पर है नगर निगम का नालाशहर के एक छोर से दूसरे तक नाला सफाई काम पूरे रफ्तार के साथ शुरू किया गया। नगवा, खोजवा, जैतपुरा, आदमपुर, सिगरा, नदेसर, सिकरौल, शिवपुर, सारनाथ, भेलूपुर सब जोन एरिया में नाले की सफाई कराई गई। चेतगंज, दशाश्वमेध, कोतवाली, चौक में निगम का कोई नाला नहीं है।
14 जून तक नालों की सफाई का अल्टीमेटम दिया गया था। नालों की सफाई होने के बाद रिपोर्ट आ गई है। सोमवार से मौके पर जाकर नालों की सफाई की सत्यता जांची जाएगी। अगर कहीं भी नालों की सफाई नहीं हुई है तो पार्षद व पब्लिक मुझे जानकारी दे, उसे तत्काल कराया जाएगा. अशोक तिवारी, मेयर