1 रुपये किलो गोबर खरीद गैस बेचेगा नगर निगम
वाराणसी (ब्यूरो)। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड एवं पशुपालन विभाग के साथ ही नगर निगम के संयुक्त प्रयासों के द्वारा अब काशी की जनता के साथ ही किसानों के लिए खुशखबरी हो सौगात देने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों के द्वारा कार्य अंतिम चरण में होने के साथ अब प्रोजेक्ट को ट्रायल मोड में रखा गया है। अप्रैल आखिरी सप्ताह तक उम्मीद है कि ट्रायल पूरा होने के बाद इस प्लान को पूरे शहर में एक्जीक्यूट कर दिया जायेगा। इस दौरान दुग्ध एवं डेयरी विकास बोर्ड की तरफ से रामनगर में बनाये जा रहे बायोगैस प्लांट की तरफ से शहर में किसानों और डेयरी संचालकों से गोबर खरीद के साथ ही बिजली उत्पादन के साथ जैविक उर्वरक उत्पादन के साथ बायोगैस की सप्लाई शुरू कर दी जायेगी.
1 रुपये प्रति किलो गोबर खरीदेगा प्लांटरामनगर बायोगैस प्लांट की तरफ से जनता को सौगातों की बौछार अप्रैल के आखिरी सप्ताह से शुरू कर दी जायेगी। इस दौरान प्लांट के द्वारा अपने सभी उत्पादों को भारी मात्रा में उत्पादन करने के लिए शहर के साथ ही आसपास के जिलों के किसानों के साथ ही डेयरी संचालकों से गाय और भैस के गोबर की खरीद की जायेगी। इससे प्लांट के द्वारा विभिन्न प्रकार के पर्यावरण हितैषी उत्पादों का उत्पादन किया जायेगा। वर्तमान समय में प्लांट की तरफ से ट्रायल वर्क को जारी रखने के लिए शहर के कई इलाकों से 1 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 60 टन रोजाना गोबर की खरीद की जा रही है.
1000 मीट्रिक टन है क्षमता वर्तमान समय में रामनगर बायोगैस प्लांट की क्षमता 1000 मीट्रिक टन है, जहां पर रोजना प्लांट को संचालित करने के लिए 1000 मीट्रिक टन रोजाना गोबर की आवश्यकता होती है। ऐसे में प्लांट मैनेजमेंट की तरफ से खास ध्यान रखा जा रहा है कि गोबर की शार्टेज किसी भी दिन न हो और उत्पाद का उत्पादन रोजाना जारी रहे। इसके लिए बकायदा प्लांट के अधिकारियों के द्वारा अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा सहयोग लिया जा रहा है. 4000 क्यूबिक मीटर बायोगैस का प्रतिदिन होगा उत्पादनरामनगर बायोगैस प्लांट की तरफ से टारगेट के हिसाब से प्रतिदिन 4000 क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पादन करने की क्षमता रखी गई है। वहीं वर्तमान समय में प्लांट से रोजाना 1000 क्यूबिक मीटर बायोगैस का उत्पादन किया जा रहा है। प्लांट मैनेजमेंट का कहना है कि बायोगैस का उत्पादन सिर्फ गोबर के माध्यम से किया जा रहा है। ऐसे में प्रशासन का कहना है कि प्लांट से जो भी बायोगैस का उत्पादन होगा, उससे सबसे पहले प्लांट में खर्च किया जायेगा। इसके बाद उन गैस को आसपास के एरिया में सप्लाई शुरू कर दी जाएगी.
बिजली के साथ ही 30 टन प्रतिदिन जैविक उर्वरक का होगा उत्पादन रामनगर बायोगैस प्लांट की तैयारियां आखिरी चरणों में है। इसके ट्रायल के पूरा करने के बाद इस प्लांट से रोजाना 50 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। इससे मिलने वाली बिजली को लेकर प्लांट प्रशासन का कहना है कि उसका इस्तेमाल मशीनों के संचालन में किया जायेगा जिससे उसे अतिरिक्त बिजली खरीदने का बोझ नहीं उठाना होगा। साथ ही प्लांट की तरफ से रोजाना 30 टन जैविक उर्वरक का उत्पादन किया जायेगा, जिससे किसानों से लेकर सप्लाई चेन का फालो करते हुए मार्केट में सेल किया जायेगा. गोबर देने में मदद करेगा पशु विभाग रामनगर प्लांट को सुचारू रूप से संचालन के लिए नगर निगम का पशु चिकित्सा विभाग भी मदद करेगा। इस दौरान पशु विभाग की तरफ से नगरीय सीमा में आने वाले गौशालाओं से गोबर की सप्लाई प्लांट तक करवाई जाएगी। इसके बदले में गौशालाओं के संचालकों को भुगतना भी किया जायेगा. किसानों से गोबर खरीद का बनेगा पैनलकिसानों से गोबर खरीदने के लिए सबसे पहले प्रचार प्रसार किया जायेगा। साथ ही उनसे गोबर की खरीद के लिए एक प्रापर पैनल बनाया जायेगा। इसी पैनल की मदद से प्लांट को गोबर की सप्लाई की जाएगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर के साथ ही अन्य बाहरी इलाकों में गोबर खरीद केंद्र बनाए जाएंगे, जहां पर किसान जाकर आसानी से अपनी सहूलियत के अनुसार गाय और भैस के गोबर को बेच सकते है.
अप्रैल आखिरी सप्ताह तक प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान प्लांट की तरफ से बायोगैस, पावर, उर्वरक का उत्पादन किया जायेगा. राजेन्द्र कुमार सैगल, निदेशक, बायोगैस प्लांट प्लांट के संचालन को ध्यान में रखते हुए प्लांट तक गौशालाओं से गोबर की सप्लाई करवाई जाएगी। इस दौरान गोबर के कलेक्शन और सेलिंग को लेकर नागरिकों को भी अवेयर करवाया जाएगा. अजय प्रताप सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी, नगर निगम