कार्यकारिणी सभागार में दोपहर 12.40 बजे उप सभापति चुने जाने की घोषणा

वाराणसी (ब्यूरो)नगर निगम सदन के उप सभापति चुनाव में भाजपा के पार्षद सुरेश चौरसिया को गुरुवार को निर्विरोध उप सभापति चुन लिया गया। संख्या बल में सबसे मजबूत भाजपा के विरोध में किसी भी दल से कोई भी प्रत्याशी ने पर्चा नहीं दाखिल किया। सिगरा स्थित नगर निगम मुख्यालय के कार्यकारिणी सभागार में दिन में करीब 11 बजे से कार्यकारिणी सदस्यों की जुटान शुरू हो गई। नौ कार्यकारिणी सदस्यों के साथ मजबूत पलड़ा वाले भाजपा की ओर से दोपहर करीब 12.20 बजे कृतिवाशेश्वर के पार्षद सुरेश चौरसिया के उप सभापति प्रत्याशी बनाये जाने का प्रस्ताव बजरडीहा के पार्षद श्याम आसरे मौर्या ने दी तो सारनाथ की पार्षद कुसुम लता पटेल समेत अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। सुरेश चौरसिया ने उप सभापति बनाये जाने की नाम पर सहमति जताई जिसके बाद नामांकन दाखिल किया गया.

दूसरे दलों ने नहीं दाखिल किया पर्चा

करीब 12.40 बजे तक इंतजार के बाद विरोध में जब किसी भी दल की ओर से कोई पर्चा नहीं दाखिल हुआ तो चुनाव संचालक महानगर लेखा परीक्षक संजय प्रताप ङ्क्षसह और चुनाव अधिकारी लेखाधिकारी मनोज त्रिपाठी ने सुरेश चौरसिया को निर्विरोध उप सभापति चुन लिए जाने की घोषणा कर दी। भाजपा संख्या बल में मिनी सदन में भाजपा सबसे मजबूत पार्टी है। कार्यकारिणी में भाजपा के नौ, सपा का एक और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। जीत पर महापौर अशोक कुमार तिवारी ने सुरेश चौरसिया को बधाई दी और मिठाई खिलाकर व माला पहनाकर उनका स्वागत किया। देर शाम तक उन्हें बधाई देने वाले पार्षदों का तांता निगम में लगा रहा.

सपा ने दर्ज कराई उपस्थिति

12 कार्यकारिणी सदस्य उप सभापति का चुनाव करते हैं। इनमें भाजपा के नौ सदस्य तो सपा के दो और कांग्रेस के एक कार्यकारिणी सदस्य हैं। उप सभापति के चुनाव में सपा के कार्यकारिणी सदस्य हारून अंसारी और प्रमोद राय ने कार्यकारिणी सभागार में उपस्थित तो दर्ज कराई लेकिन सदस्यों की कम संख्या होने के कारण वह बाहर निकल गए, लेकिन कांग्रेस के कार्यकारिणी सदस्य ङ्क्षप्रस राय खगोलन वहां नहीं दिखे.

दूसरी बार पार्षद, एक बार पत्नी भी जीतीं

विशेश्वरगंज के मूल निवासी सुरेश चौरसिया 2017 में कतुआपुरा वार्ड से पहली बार पार्षद चुने गए थे। तब से वह दूसरी बार मिनी सदन में चुनकर आएं हैं। वर्ष 2000 में उनकी पत्नी सुमन चौरसिया भी पार्षद चुनी गई थीं। सुरेश चौरसिया जनसंघ से जुड़े थे। करीब 13 साल की उम्र से ही वह राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे।

Posted By: Inextlive