मिनी सदन की बैठक में म्यूटेशन फीस .25 परसेंट स्लैब का प्रस्ताव पास जलकल का बजट बिना सदन के पास होने पर पार्षदों ने खड़े किए सवाल पार्षदों के सवालों का जवाब देने में असहज दिखे नगर निगम के अफसर


वाराणसी (ब्यूरो)मिनी सदन की बैठक बुधवार को टाउनहाल के सभागार में मेयर अशोक तिवारी की अध्यक्षता में हुई। पार्षदों से खचाखच भरे सदन की बैठक बिना हंगामे और किचकिच के संपन्न हुई। चौंकाने वाली बात यह रही कि बिना सदन की पुष्टि के जलकल का बजट पास होने पर पार्षद दल के नेता अमर यादव ने सवाल खड़ा कर दिया। इससे दस मिनट तक सदन मौन रहा। इसके बाद नगर आयुक्त ने अपनी कमी मानते हुए स्वीकार किया कि हां इसमें त्रुटि हुई है। 8 घंटे की मैराथन बैठक के बाद म्यूटेशन फीस में .25 परसेंट की वृद्धि का प्रस्ताव पास किया गया। अब सिटी में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने पर म्यूटेशन फीस .25 परसेंट काशी की जनता को देना होगा.

सीवर, नाली का मुद्दा

सदन की बैठक में कई वार्ड के पार्षदों ने शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया। कहा कि शहर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन कई वार्ड ऐसे जहां स्वच्छता की झलक नहीं दिखती। सुबह हो या शाम गंदगी का अंबार लगा रहता है। कम्प्लेन करने के बाद भी वार्डों की सफाई नहीं की जाती। इस समस्या से वार्ड की जनता परेशान है.

.5 परसेंट का था प्रस्ताव

नगर निगम की कार्यकारिणी ने हाइएस्ट म्यूटेशन फीस में पहले आधा फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था जिसे पिछली बैठक में खारिज कर दिया गया। महापौर अशोक तिवारी ने संशोधित शुल्क सदन पटल पर रखने को कहा था जिसे नरसिंह दास ने बुधवार को पटल पर रखा। नए शुल्क के तहत 25 लाख से अधिक वाली संपत्ति की रजिस्ट्री पर अलग से विज्ञापन शुल्क नहीं देना पड़ेगा।

नहीं पकड़ रहे बंदर

पार्षदों ने कहा कि बंदर पकडऩे का कैंपेन बंद हो गया है। चंद्रनाथ मुखर्जी ने कहा कि पशु चिकित्साधिकारी फोन नहीं उठाते है। इस बात पर महापौर नाराज हुए, कहा यह गलत बात है कि पार्षदों का फोन अधिकारी नहीं उठाते। कड़े शब्दों में कहा कि अब इस तरह की बात दोबारा नहीं होनी चाहिए, फ्री होने पर अफसर कालबैक जरूर करें। कालोनियों को मुहल्ले के लोग अब भी बंदरों से परेशान है। शुरुआत में थोड़ा बहुत बंदर पकड़कर सतही तौर पर काम किया गया, इसके बाद बंदर पकडऩे का सारा दावा हवा-हवाई साबित हो गया।

पार्षदों ने मचाया हो-हल्ला

सदन की बैठक में नगर आयुक्त ने गणेश पूजा, दुर्गापूजा व दशहरा, बारावफात, रामनगर की रामलीला के मद्देनजर शासन की ओर से जारी सफाई की गाइड लाइन की जैसे ही चर्चा शुरू की, पार्षदों ने हो-हल्ला मचाना शुरू कर दिया। कोई टेबल पीटने लगा तो कोई हूटिंग करने लगा। इस पर मेयर ने सभी से सभी को शांत कराया। नगर आयुक्त ने कहा कि सफाई, पेयजल, कूड़ा सेग्रीगेशन, स्ट्रीट लाईट चालू करने, प्लास्टिक उत्पाद बंद करने, शहर को अतिक्रमण मुक्त करने और बंदरों की धरपकड़ का अभियान तेज किया जाएगा।

घिरे जलकल जीएम

मिनी सदन की बैठक में जब पार्षदों ने मेयर से पूछा कि कई वार्डो में सीवर की समस्या जस की तस है, सीवर का पानी हमेशा गली मुहल्लों में लगा रहता है। इसे साफ कराने के लिए कई बार कहा गया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जलकल के जीएम हमेशा आश्वासन देते है कि सफाई कर दी जाएगी लेकिन आज तक सफाई नहीं की गयी। पार्षदों के इस सवाल पर जलकल जीएम चुप्पी साधे रहे।

मौन साधे रहे अफसर

मिनी सदन की बैठक में कई वार्डों के पार्षदों ने कई सवाल पूछे लेकिन जवाब देने में निगम के अफसर अहसज दिखे। वार्डों के विकास की कार्ययोजना शासन को न भेजने पर पार्षदों समेत खुद मेयर ने भी आपत्ति जताई। पार्षदों के सवालों के जवाब तक नहीं दे पाए सभी अधिकारी एक-दूसरे की ओर देखते ही रह गए।

नहीं भेजी कार्य योजना

बैठक में शिवाला के भाजपा पार्षद राजेश यादव चल्लू ने भरी सदन में निगम के अफसरों से पूछा कि नए वार्डों के विकास के लिए 10 करोड़ और पुराने क्षेत्रों के वार्डों के लिए पांच करोड़ मिलने थे, शासन ने इसके लिए कार्य योजना मांगी थी लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो विकास की कार्य योजना भेजी गई और न टेंडर कराकर किसी भी वार्ड में काम शुरू हुआ। निगम प्रशासन का सारा काम हवा-हवाई है।.

मेयर दिखे हैरान

सदन की बैठक कुछ सवालों पर मेयर भी हैरान दिखे। सीवर, पेयजल और हेल्थ डिपार्टमेंट का प्रस्ताव सदन में नहीं आने पर खुद महापौर अशोक तिवारी भी हैरान रहे। कड़े लहजे में कहा कि हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी, काम करके दिखाना होगा। सभी को बेहतर परफार्म करना होगा ताकि काशी के डेवलमेंट कार्यों की बात देश-विदेश तक पहुंचे। नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि विकास के जो भी प्रस्ताव शासन को भेजने हैं, एक सप्ताह में कमेटी बनाकर पार्षदों से चर्चा करके उसे शासन को भेजा जाए.

नहीं दे पाए जवाब

सदन प्रतिपक्ष नेता अमरदेव यादव ने कई ऐसे सवाल खड़ा किया जिसका जवाब देने में निगम के अफसर असहज दिखे। इस लापरवाही को सदन की अवहेलना करार देते हुए कहा कि अब अफसरों के खिलाफ प्रस्ताव लाकर सीख दी जाएगी। कहा कि जलकर का बजट सदन की बिना पुष्टि के पास कर देने सवाल उठाया। इस पर नगर आयुक्त ने इसे अपनी कमी माना।

मैन पावर की कमी

डेवलपमेंट वर्क में देरी के सवाल पर चीफ इंजीनियर मोइनुद्दीन ने कहा कि एक मात्र एई होने के नाते विकास कार्य करने में दिक्कत के साथ ही पार्षदों की समिति के सवालों के जवाब देने में भी लेट हो रहा है। नगर आयुक्त ने मैन पावर की कमी को पूरा करने का विकल्प निकालने का आश्वासन दिया.

काम करें, लापरवाही नहीं

पार्षदों ने कहा कि फेस्टिवल के नजदीक आते ही शहर में साफ-सफाई की जाती है यह ठीक नहीं है। ऐसे विकास कार्यों से कई पार्षद आहत दिखे। उप सभापति सुरेश चौरसिया और नरसिंह दास ने इसकी कम्प्लेन की कहा कि ऐसे भी निगम में अधिकारी है जो शिव बारात और मोहर्रम के एक दिन पहले काम कराते हैं। आनन-फानन में होने वाले कार्य में गुणवत्ता नहीं होती। बताया कि ऐसे इलाके के शिवालयों के पास विकास कार्य की फाइल बनती है जहां न तो कोई मंदिर है और न उस रूट से शिव बारात निकलती है। जलकल के बजट की पुष्टि के लिए पार्षदों के पास नहीं आने पर भी पार्षदों ने ऐतराज जताया.

यह रहे मौजूद

अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्य, सुमीत कुमार, राजीव राय, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। एनपी सिंह, जलकल जीएम अरुणेन्द्र कुमार सिंह, सचिव सिद्धार्थ समेत पार्षद मौजूद थे.

Posted By: Inextlive